रायपुर : आज बिना मोबाइल फोन के जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती. बदलते दौर के साथ मोबाइल लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गया है. अमीर हो या गरीब, गांव का रहने वाला हो या शहर का, मोबाइल आज के लाइफस्टाइल की जरूरत है. यही कारण है कि मोबाइल के व्यापारी महीनों में ही करोड़ों का व्यवसाय कर लेते थे, लेकिन कोरोना वायरस के मद्देनजर हुए लॉकडाउन ने मोबाइल कारोबार को बुरी तरह प्रभावित किया है. मोबाइल दुकानदारों को लाखों का नुकसान हुआ है.
छत्तीसगढ़ में मोबाइल की करीब 15 हजार छोटी-बड़ी दुकानें हैं, जिसमें से अकेले राजधानी रायपुर में 1500 मोबाइल और मोबाइल एसेसरीज की दुकानें हैं. 2 महीने के लॉकडाउन के दौरान मोबाइल और इससे जुड़े सामानों के कारोबारियों को पूरे प्रदेश में लगभग 1500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. राजधानी की बात की जाए, तो 150 करोड़ रुपए का नुकसान कारोबारियों को सहना पड़ा है.
चार दिन दुकान खोलने की अनुमति
प्रशासन ने राजधानी रायपुर में 19 मई से सप्ताह में केवल चार दिन मोबाइल दुकानों को खोलने की अनुमति दी है. प्रशासन की इस अनुमति के तहत अल्टरनेट डेज़ में मोबाइल दुकानदार अपनी दुकान खोल सकते हैं. एक दुकान आज खुलती है, तो कल दूसरी दुकान खोली जाएगी, इस तरह से सप्ताह में 4 दिन मोबाइल दुकान खोलने की अनुमति दी गई है. जिसे लेकर भी मोबाइल कारोबारियों में मायूसी देखी जा सकती है.
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दुकान तक लोगों के पहुंचने की उम्मीद कम
कारोबारियों का कहना है कि 2 महीने के लॉकडाउन के दौरान मोबाइल का व्यापार ठप होने के बाद भी इन दुकानों में काम करने वाले वर्कर और स्टाफ को हर महीने की सैलरी दी गई है. दुकान का किराया और बिजली का बिल भी जमा किया गया है. कुछ दुकानदारों का मानना है कि लोगों के पास पैसे की कमी है और आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण शायद ही लोग मोबाइल दुकानों तक पहुंचें.
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अच्छे दिनों की उम्मीद में दुकानदार
फिलहाल दुकानों और सर्विस सेंटर में कस्टमर की संख्या कम है. ये कारोबारी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि आने वाले दिनों में ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी और सब पहले जैसा हो जाएगा.