रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की नवनियुक्त अध्यक्ष किरणमयी नायक से ETV भारत से खास बातचीत की. इस दौरान किरणमयी नायक ने आयोग की गतिविधियों और आगामी दिनों में किए जाने वाले कार्यों को लेकर विस्तार से चर्चा की. किरणमयी नायक ने कहा कि बीजेपी शासनकाल की जानकारी हासिल करने में समय लगेगा. उन्होंने कहा कि अभी उनके सामने लगभग साढ़े पांच सौ पुराने लंबित मामले आए हैं, जिसको निपटाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी.
नायक ने बताया कि उन्होंने दहेज प्रताड़ना और महिला कानून पर पीएचडी की है. यही वजह है कि दहेज प्रताड़ना सहित अन्य मामलों में किस तरह की प्रक्रिया को अपनाया जाना चाहिए. उससे किस तरह से लोगों को जल्द न्याय मिल सकता है, इसकी उनको जानकारी है. किरणमयी नायक ने कहा कि वर्तमान में महिला आयोग में विधि के जानकारों की कमी है, जिस वजह से मामलों के निपटारे में देरी हो रही है. यही वजह है कि वे जल्द इसमें बदलाव करेंगी.
महिला उत्पीड़न मामले में अन्य राज्यों से बेहतर स्थिति में है छत्तीसगढ़
नायक का कहना है कि अन्य राज्यों की अपेक्षा छत्तीसगढ़ में महिलाओं की स्थिति बेहतर है. यहां पर घरेलू हिंसा के मामले कम देखने को मिलती है. नायक ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू हिंसा के मामलों की संख्या नाम मात्र की होती है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में इस तरह की शिकायतें आती रहती हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर जगह पर महिलाओं को काम करने की आजादी है. उनका शोषण नहीं हो रहा है.
'दहेज प्रताड़ना में पक्ष-विपक्ष दोनों महिलाओं के अधिकारों की करूंगी रक्षा'
दहेज प्रताड़ना से संबंधित मामलों पर किरणमयी नायक ने कहा कि यह उनका पीएचडी का विषय रहा है. उन्हें यह भली-भांति पता है कि जब कोई महिला थाने में शिकायत करती है, तो जिसके खिलाफ शिकायत की जाती है वो भी महिला ही होती है. नायक कहती है कि ऐसे में उनके अधिकारों की रक्षा करना भी उनकी जवाबदारी है. यही कारण है कि दहेज प्रताड़ना के फर्जी मामलों को किस तरह से निपटाना है, उन्होंने इसकी रूपरेखा तैयार की है.
बलात्कार के मामलों में थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने तक आयोग रहता है हस्तक्षेप
प्रदेश में लगातार बढ़ रहे बलात्कार के मामलों को लेकर किरणमयी ने कहा कि इस मामले में आयोग की भूमिका थाने में FIR दर्ज कराने तक रहती है. इसके बाद आगे कानूनी प्रक्रिया न्यायालय में चलती है. अगर इस तरह के मामले कोई आते हैं और उसमें थाने में FIR दर्ज नहीं किया जाता है, तो उसे वे गंभीरता से लेंगी.
बता दें कि किरणमयी नायक ने हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया है. उनका दावा है कि प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न शोषण को रोकने में वह कारगर कदम उठाएंगी.