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रायपुर: तेलंगाना की बिजली सप्लाई में कटौती, 2200 करोड़ रुपए फंसे

तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के बीच 10 सालों तक 1 हजार मेगावाट बिजली आपूर्ति का करार है. छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी ने 60% बिजली सप्लाई कम कर दी है, क्योंकि तेलंगाना से कंपनी को 2200 करोड़ रुपए लेने हैं, लेकिन तेलंगाना की सरकार ने एक साथ ये पैसे दे पाने में असमर्थता जताई है.

Chhattisgarh State Electricity Regulatory Commission
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग
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Published : Jul 18, 2020, 2:14 AM IST

Updated : Jul 18, 2020, 12:55 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी ने तेलंगाना को बिजली सप्लाई में एक बड़ा झटका दिया है. दरअसल 2200 करोड़ रुपए की बकाया वसूली के लिए अब बिजली कंपनी ने तेलंगाना की 60 फीसदी आपूर्ति घटा दी है. मामला मड़वा प्लांट से जुडा है. यहां से फिलहाल तेलंगाना को 1000 की जगह 400 मेगावाट बिजली ही दी जा रही है. बता दें कि 10 सालों तक 1 हजार मेगावाट बिजली आपूर्ति के करार के बावजूद मड़वा से 400 मेगावाट ही बिजली सप्लाई की जा रही है.

तेलंगाना की बिजली सप्लाई में कटौती

सप्लाई कम करने का कारण बकाया राशि को माना जा रहा है. दरअसल 4 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से प्रति घंटे 40 लाख रुपए बिजली की दर से तेलंगाना को देना था. 10 साल के अनुबंध के तहत मड़वा प्लांट की पूरी बिजली तेलंगाना राज्य को देना तय हुआ था. लेकिन तेलंगाना राज्य ने प्रतिमाह 1000 मेगावाट का पूरा भुगतान करने की जगह हर माह करीब 30 लाख रुपए का ही भुगतान किया. इसके साथ ही 12 फीसदी ब्याज और सरचार्ज की राशि भी बढ़ती चली गई. अब यह बकाया राशि करीब 2200 करोड़ जैसी भारी भरकम हो गई है. ऐसे में सरकार की चिंता भी बढ़ गई है. फिलहाल तेलंगाना को बिजली 60% कम दी जा रही है.

पढ़ें: SPECIAL: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में घोटाला, ठेकेदार निगल गया करोड़ों की राशि

तकनीकी खराबी के बाद 100% उत्पादन

बता दें कि तकनीकी खामियों के कारण जनवरी से आपूर्ति बाधित थी, लेकिन अब उत्पादन शुरू हो चुका है. 500 मेगावाट की एक यूनिट में सुधार कार्य पूरा हो गया है, फिर भी तेलंगाना को कम बिजली सप्लाई की जा रही है. बकाया राशि को लेकर तेलंगाना का कहना है कि एक साथ इतनी बड़ी राशि नहीं दे सकते, केंद्र सरकार से लोन लेकर ही इसे अदा किया जाएगा.

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी ने तेलंगाना को बिजली सप्लाई में एक बड़ा झटका दिया है. दरअसल 2200 करोड़ रुपए की बकाया वसूली के लिए अब बिजली कंपनी ने तेलंगाना की 60 फीसदी आपूर्ति घटा दी है. मामला मड़वा प्लांट से जुडा है. यहां से फिलहाल तेलंगाना को 1000 की जगह 400 मेगावाट बिजली ही दी जा रही है. बता दें कि 10 सालों तक 1 हजार मेगावाट बिजली आपूर्ति के करार के बावजूद मड़वा से 400 मेगावाट ही बिजली सप्लाई की जा रही है.

तेलंगाना की बिजली सप्लाई में कटौती

सप्लाई कम करने का कारण बकाया राशि को माना जा रहा है. दरअसल 4 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से प्रति घंटे 40 लाख रुपए बिजली की दर से तेलंगाना को देना था. 10 साल के अनुबंध के तहत मड़वा प्लांट की पूरी बिजली तेलंगाना राज्य को देना तय हुआ था. लेकिन तेलंगाना राज्य ने प्रतिमाह 1000 मेगावाट का पूरा भुगतान करने की जगह हर माह करीब 30 लाख रुपए का ही भुगतान किया. इसके साथ ही 12 फीसदी ब्याज और सरचार्ज की राशि भी बढ़ती चली गई. अब यह बकाया राशि करीब 2200 करोड़ जैसी भारी भरकम हो गई है. ऐसे में सरकार की चिंता भी बढ़ गई है. फिलहाल तेलंगाना को बिजली 60% कम दी जा रही है.

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तकनीकी खराबी के बाद 100% उत्पादन

बता दें कि तकनीकी खामियों के कारण जनवरी से आपूर्ति बाधित थी, लेकिन अब उत्पादन शुरू हो चुका है. 500 मेगावाट की एक यूनिट में सुधार कार्य पूरा हो गया है, फिर भी तेलंगाना को कम बिजली सप्लाई की जा रही है. बकाया राशि को लेकर तेलंगाना का कहना है कि एक साथ इतनी बड़ी राशि नहीं दे सकते, केंद्र सरकार से लोन लेकर ही इसे अदा किया जाएगा.

Last Updated : Jul 18, 2020, 12:55 PM IST
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