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छत्तीसगढ़ में नक्सल पीड़ित परिवारों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ: विजय प्रकाश गुप्ता - छत्तीसगढ़ पुलिस प्रशासन

छत्तीसगढ़ में नक्सल पीड़ित परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. पीड़ितों ने प्रेसवार्ता कर शासन से मदद की गुहार लगायी है. इन पीड़ितों के पास राशन कार्ड भी नहीं है.

naxal victim families
नक्सल पीड़ित परिवार
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Published : Apr 5, 2023, 5:43 PM IST

नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

रायपुर: छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं. लेकिन राज्य के नक्सल पीड़ित परिवारों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. पीड़ित परिवारों ने सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए प्रेस वार्ता की. आज नक्सल पीड़ित परिवारों ने रायपुर में प्रेसवार्ता कर राशन कार्ड में नाम दर्ज कराने सहित कई मांगों को लेकर राज्य सरकार से मदद की गुहार लगायी है.

सरकारी योजनाओं का नहीं मिल पा रहा लाभ: नक्सल पीड़ित परिवार के विजय प्रकाश गुप्ता ने बताया कि, "छत्तीसगढ़ पुलिस प्रशासन की ओर से नक्सलियों की गतिविधि की सूचना के लिए हजारों आदिवासियों को विशेष पुलिस अधिकारी और गोपनीय सैनिक बनाया गया था. कुछ माह तक उन्हें अपने विभाग में काम करवाया गया. ट्रेनिंग भी करवाई गई. कुछ लोगों को सहायक आरक्षक बना दिया गया. तो कुछ लोगों को नौकरी से बाहर निकाल दिया गया है. वे लोग आज भी अपनी जान बचाते हुए इधर-उधर भटक रहे हैं."

विजय प्रकाश गुप्ता ने बताया कि" ऐसे लोगों पर आज भी नक्सलियों का खतरा मंडरा रहा है. राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाने के बाद भी न्याय नहीं मिला. जिसके बाद उच्च न्यायालय में याचिका दी गई. वहां से आदेश होने के बाद भी नक्सल पीड़ित परिवारों को नौकरी नहीं दी गई. इन पीड़ित परिवारों का जीवन संकट में है. इन परिवारों को नक्सलियों से खतरा तो है ही, साथ में ये आर्थिक तंगी भी झेल रहे हैं."

यह भी पढ़ें: Ramanujganj: बैंक कर्मचारी से मारपीट का विरोध, हड़ताल पर कोऑपरेटिव बैंककर्मी

हमेशा रहता है नक्सली खतरा : नक्सल पीड़ित परिवार के लोगों का कहना है कि " हम सभी नक्सलियों के टारगेट पर हैं. कभी भी हमें नक्सलियों की ओर से पुलिस मुखबिर बताकर, हमारी हत्या की जा सकती है. यदि हमारे साथ ऐसा कुछ हुआ, तो पूरी जवाबदारी पुलिस प्रशासन की होगी. हमारे कई साथियों को नक्सलियों ने मार दिया है. अगर हम विशेष पुलिस अधिकारी के गोपनीय सैनिक के पद पर नहीं होते, तो आज हमारी जिंदगी ऐसी नहीं होती." इन पीड़ितों ने सुरक्षा के लिए, राज्य की बघेल सरकार से मदद की गुहार लगायी है. साथ ही सरकारी लाभ की भी मांग की है.

नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

रायपुर: छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं. लेकिन राज्य के नक्सल पीड़ित परिवारों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. पीड़ित परिवारों ने सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए प्रेस वार्ता की. आज नक्सल पीड़ित परिवारों ने रायपुर में प्रेसवार्ता कर राशन कार्ड में नाम दर्ज कराने सहित कई मांगों को लेकर राज्य सरकार से मदद की गुहार लगायी है.

सरकारी योजनाओं का नहीं मिल पा रहा लाभ: नक्सल पीड़ित परिवार के विजय प्रकाश गुप्ता ने बताया कि, "छत्तीसगढ़ पुलिस प्रशासन की ओर से नक्सलियों की गतिविधि की सूचना के लिए हजारों आदिवासियों को विशेष पुलिस अधिकारी और गोपनीय सैनिक बनाया गया था. कुछ माह तक उन्हें अपने विभाग में काम करवाया गया. ट्रेनिंग भी करवाई गई. कुछ लोगों को सहायक आरक्षक बना दिया गया. तो कुछ लोगों को नौकरी से बाहर निकाल दिया गया है. वे लोग आज भी अपनी जान बचाते हुए इधर-उधर भटक रहे हैं."

विजय प्रकाश गुप्ता ने बताया कि" ऐसे लोगों पर आज भी नक्सलियों का खतरा मंडरा रहा है. राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाने के बाद भी न्याय नहीं मिला. जिसके बाद उच्च न्यायालय में याचिका दी गई. वहां से आदेश होने के बाद भी नक्सल पीड़ित परिवारों को नौकरी नहीं दी गई. इन पीड़ित परिवारों का जीवन संकट में है. इन परिवारों को नक्सलियों से खतरा तो है ही, साथ में ये आर्थिक तंगी भी झेल रहे हैं."

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हमेशा रहता है नक्सली खतरा : नक्सल पीड़ित परिवार के लोगों का कहना है कि " हम सभी नक्सलियों के टारगेट पर हैं. कभी भी हमें नक्सलियों की ओर से पुलिस मुखबिर बताकर, हमारी हत्या की जा सकती है. यदि हमारे साथ ऐसा कुछ हुआ, तो पूरी जवाबदारी पुलिस प्रशासन की होगी. हमारे कई साथियों को नक्सलियों ने मार दिया है. अगर हम विशेष पुलिस अधिकारी के गोपनीय सैनिक के पद पर नहीं होते, तो आज हमारी जिंदगी ऐसी नहीं होती." इन पीड़ितों ने सुरक्षा के लिए, राज्य की बघेल सरकार से मदद की गुहार लगायी है. साथ ही सरकारी लाभ की भी मांग की है.

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