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गंगा आरती की तर्ज पर खारुन में महाआरती, पूर्णिमा के दिन बनारस के 108 ब्राह्मण करेंगे खारून मैया की महाआरती

Kharun River Maha Aarti on Purnima गंगा आरती की तर्ज पर खारुन नदी के किनारे पिछले 13 माह से महाआरती का आयोजन किया जा रहा है. एक साल पूरा होने पर पूर्णिमा के दिन बनारस के 108 ब्राह्मण को बुलाकर खारून मैया की महाआरती कर रिकॉर्ड दर्ज किए जाने की तैयारी की जा रही है.Kharun River Maha Aarti on Purnima by Banaras Pandit

Kharun River Maha Aarti on Purnima
गंगा आरती की तर्ज पर खारुन में महाआरती
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 22, 2023, 10:56 PM IST

पूर्णिमा के दिन बनारस के 108 ब्राह्मण करेंगे खारून मैया की महाआरती

रायपुर: छत्तीसगढ़ में यूपी के तर्ज पर गंगा आरती का आयोजन पिछले एक साल से खारून नदी के किनारे किया जा रहा है. साल 2022 के दिसंबर माह से ही महाआरती शुरू की गई थी. एक साल पूरा होने पर खारून नदी के किनारे भव्य आरती का आयोजन किया जा रहा है. इसकी तैयारी की जा रही है. दरअसल, रायपुर के महादेव घाट पर स्थित खारून नदी के तट पर हटकेश्वरनाथ धाम है. इसी तट पर 26 दिसंबर को पूर्णिमा के दिन 108 ब्राह्मण एक साथ खारून गंगा मैया की आरती कर विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी कर रहे हैं.

कैलाश खेर और उषा बारले का भक्तिमय संगीत का आयोजन: इसकी जानकारी प्रेस वार्ता के माध्यम से शुक्रवार को दी गई. यह आयोजन मां खारून गंगा महाआरती महादेव घाट जन सेवा समिति की ओर से आयोजित किया जा रहा है. इसमें छत्तीसगढ़ के 8 और वाराणसी के 100 ब्राह्मण शामिल होंगे. यहां महाआरती लगभग सवा घंटे की होगी. नदी के एक घाट पर 54 ब्राह्मण होंगे और नदी के दूसरे घाट पर 54 ब्राह्मण होंगे. नदी में लगभग सवा दो लाख दीपक भी जलाए जाएंगे. सवा घंटे की महा आरती के बाद पद्मश्री कैलाश खेर और उषा बारले का भक्तिमय गीत संगीत का आयोजन किया जाएगा. इसे लेकर लगभग पूरी तैयारी की जा चुकी है.

पिछले 13 माह से किया जा रहा आयोजन: इस बारे में मां खारून गंगा महाआरती महादेव घाट जन सेवा समिति के संस्थापक वीरेंद्र सिंह तोमर ने प्रेस वार्ता कर कई जानकारी दी. उन्होंने बताया कि, "दिसंबर 2022 में एक धार्मिक आयोजन की शुरुआत की गई, जिसका नाम खारून गंगा महाआरती का नाम दिया गया. यह आयोजन पिछले 13 महीने से हो रहा है. हर महीने की पूर्णिमा के दिन इस तरह का आयोजन समिति की ओर से किया जा रहा है. इस बार इस आयोजन का वार्षिक उत्सव कार्यक्रम मनाया जाना है. इसको लेकर तैयारियां भी तेज कर दी गई है."

दर्ज किया जाएगा रिकॉर्ड: समिति की मानें तो आरती से लोग प्रेरणा लेकर स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे. महाआरती के आयोजन के पहले खारून के पवित्र जल से पूजा-अर्चना करने के साथ ही इसे स्वच्छ रखने की शपथ लेते हैं. बता दें कि पूरे विश्व में एक साथ बनारस की तर्ज पर कभी भी 108 ब्राह्मण खड़े होकर महा आरती नहीं किए हैं. इस आयोजन के दिन खारुन नदी का यह तट फूलों से सजने के साथ ही सवा दो लाख दीपक से जगमग किया जाएगा. इस तरह का धार्मिक आयोजन तालाब और नदी में गंदगी और प्रदूषण को रोकने के लिए किया जाता है.इस आयोजन में रायपुर के साथ ही प्रदेश के दूसरे जिलों से हजारों की तादात में भक्त और श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है.

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में यूपी के तर्ज पर गंगा आरती का आयोजन पिछले एक साल से खारून नदी के किनारे किया जा रहा है. साल 2022 के दिसंबर माह से ही महाआरती शुरू की गई थी. एक साल पूरा होने पर खारून नदी के किनारे भव्य आरती का आयोजन किया जा रहा है. इसकी तैयारी की जा रही है. दरअसल, रायपुर के महादेव घाट पर स्थित खारून नदी के तट पर हटकेश्वरनाथ धाम है. इसी तट पर 26 दिसंबर को पूर्णिमा के दिन 108 ब्राह्मण एक साथ खारून गंगा मैया की आरती कर विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी कर रहे हैं.

कैलाश खेर और उषा बारले का भक्तिमय संगीत का आयोजन: इसकी जानकारी प्रेस वार्ता के माध्यम से शुक्रवार को दी गई. यह आयोजन मां खारून गंगा महाआरती महादेव घाट जन सेवा समिति की ओर से आयोजित किया जा रहा है. इसमें छत्तीसगढ़ के 8 और वाराणसी के 100 ब्राह्मण शामिल होंगे. यहां महाआरती लगभग सवा घंटे की होगी. नदी के एक घाट पर 54 ब्राह्मण होंगे और नदी के दूसरे घाट पर 54 ब्राह्मण होंगे. नदी में लगभग सवा दो लाख दीपक भी जलाए जाएंगे. सवा घंटे की महा आरती के बाद पद्मश्री कैलाश खेर और उषा बारले का भक्तिमय गीत संगीत का आयोजन किया जाएगा. इसे लेकर लगभग पूरी तैयारी की जा चुकी है.

पिछले 13 माह से किया जा रहा आयोजन: इस बारे में मां खारून गंगा महाआरती महादेव घाट जन सेवा समिति के संस्थापक वीरेंद्र सिंह तोमर ने प्रेस वार्ता कर कई जानकारी दी. उन्होंने बताया कि, "दिसंबर 2022 में एक धार्मिक आयोजन की शुरुआत की गई, जिसका नाम खारून गंगा महाआरती का नाम दिया गया. यह आयोजन पिछले 13 महीने से हो रहा है. हर महीने की पूर्णिमा के दिन इस तरह का आयोजन समिति की ओर से किया जा रहा है. इस बार इस आयोजन का वार्षिक उत्सव कार्यक्रम मनाया जाना है. इसको लेकर तैयारियां भी तेज कर दी गई है."

दर्ज किया जाएगा रिकॉर्ड: समिति की मानें तो आरती से लोग प्रेरणा लेकर स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे. महाआरती के आयोजन के पहले खारून के पवित्र जल से पूजा-अर्चना करने के साथ ही इसे स्वच्छ रखने की शपथ लेते हैं. बता दें कि पूरे विश्व में एक साथ बनारस की तर्ज पर कभी भी 108 ब्राह्मण खड़े होकर महा आरती नहीं किए हैं. इस आयोजन के दिन खारुन नदी का यह तट फूलों से सजने के साथ ही सवा दो लाख दीपक से जगमग किया जाएगा. इस तरह का धार्मिक आयोजन तालाब और नदी में गंदगी और प्रदूषण को रोकने के लिए किया जाता है.इस आयोजन में रायपुर के साथ ही प्रदेश के दूसरे जिलों से हजारों की तादात में भक्त और श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है.

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