ETV Bharat / state

SPECIAL: कोरोना ने छीना शिल्पकारों का सुकून, हैंडीक्राफ्ट बिजनेस को लाखों का नुकसान - छत्तीसगढ़ शिल्पकार परेशान

करीब ढाई महीने किए गए लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के कारोबार को लगभग 50 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. कोरोना महामारी के इस दौर में हस्तशिल्प से जुड़े शिल्पी बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं. रायपुर के हस्तशिल्प विकास बोर्ड के इस एंपोरियम में देश-विदेश के लोग भी आया करते थे, लेकिन लॉकडाउन और कोरोना के खौफ के चलते विदेशी सैलानी भी यहां पर नहीं आ रहे हैं.

chhattisgarh handicrafts bussiness affected in corona pandemic
कोरोना काल से प्रभावित हस्तशिल्प कारोबार
author img

By

Published : Jun 25, 2020, 2:51 PM IST

रायपुर: कोरोना संकट ने छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड को भी काफी हद तक प्रभावित किया है. लाखों रुपए के नुकसान के साथ-साथ हस्तशिल्प से जुड़े हजारों कामगारों, कलाकारों और शिल्पियों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. उनके घर भी चूल्हा जलाने की मुसीबत खड़ी हो गई है. लिहाजा वे भी दूसरे रोजगार की तलाश में लग गए हैं.

कोरोना काल से प्रभावित हस्तशिल्प कारोबार

करीब ढाई महीने किए गए लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के कारोबार को लगभग 50 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. कोरोना महामारी के इस दौर में हस्तशिल्प से जुड़े शिल्पी बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं.

हस्तकला ऐसे कलात्मक कार्य को कहते हैं, जो उपयोगी होने के साथ-साथ घरों में सजाने के काम आता है. जिसे मुख्यता हाथ से या सरल औजारों की सहायता से ही बनाया जाता है. ऐसी चीजें हस्तशिल्प की श्रेणी में नहीं आती, जो मशीनों से बड़े पैमाने पर तैयार किए जाते हैं.

chhattisgarh handicrafts bussiness affected in corona pandemic
हस्तकला से जुड़े शिल्पियों की आर्थिक स्थिति खराब

छत्तीसगढ़ में कुल 16 शबरी एंपोरियम

छत्तीसगढ़ में कुल 16 शबरी एंपोरियम हैं, जिसमें मोबाइल शबरी बस भी शामिल है. पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर हस्तशिल्प सामानों के विक्रय के लिए शबरी मोबाइल सुविधा देता है. प्रदेश के बाहर नई दिल्ली और अहमदाबाद में कुल दो शबरी एंपोरियम संचालित हैं. इस तरह कुल 18 शबरी एंपोरियम संचालित हैं, जो लॉकडाउन के कारण पूरी तरह से बंद पड़े हुए थे. एंपोरियम से जब तक पहले से रखे सामानों की बिक्री नहीं होती तब तक नए सामानों की सप्लाई नहीं की जाती.

chhattisgarh handicrafts bussiness affected in corona pandemic
छत्तीसगढ़ में कुल 16 शबरी एंपोरियम

हस्तकला से जुड़े शिल्पियों की आर्थिक स्थिति खराब

वित्तिय वर्ष 2018-2019 में शबरी एंपोरियम के माध्यम से करीब 3 करोड़ 57 लाख रुपए का विक्रय किया गया था. वित्तिय वर्ष 2019-2020 में नवंबर महीने तक करीब 1 करोड़ 80 लाख रुपए का विक्रय किया गया है. जिसे उपलब्धि की तरह देखा जाता है. लेकिन कोरोना वायरस का ग्रहण इस पर भी लग गया. न सिर्फ लाखों रुपए का नुकसान हुआ बल्कि यहां काम करने वालों के सामने भी चुनौतियां भी खड़ी हो गईं.

chhattisgarh handicrafts bussiness affected in corona pandemic
हस्तशिल्प के कारोबार में नुकसान
chhattisgarh handicrafts bussiness affected in corona pandemic
हस्तशिल्प के कारोबार में नुकसान

हस्तशिल्प के प्रकार

हस्तशिल्प के जरिए 14 तरह की चीजें बनाई जाती है. जिसमें बेल मेटल, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, गोदना शिल्प, टेराकोटा शिल्प, जूट शिल्प, कौड़ी शिल्प, पत्थर शिल्प और तुमा शिल्प जैसे तमाम तरह की शिल्प हैं, जो छत्तीसगढ़ के शिल्पी बनाते हैं.

chhattisgarh handicrafts bussiness affected in corona pandemic
हस्तशिल्प के प्रकार

विदेश तक छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्पों की पहचान

भारत हस्तशिल्प का उत्कृष्ट केंद्र माना जाता है. यह दैनिक जीवन की सामान्य वस्तुएं भी कोमल और कलात्मक रूप में गढ़ी जाती हैं. हस्तशिल्प में भारतीयों की रचनात्मकता दिखाई देती है. छत्तीसगढ़ में भी हस्तशिल्प की अपनी अलग पहचान है. हस्तशिल्प की ये कलाएं हजारों सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी पोषित होती रही हैं और हजारों शिल्पकारों को रोजगार प्रदान करती हैं. छत्तीसगढ़ के शिल्पकार अपनी कला के जरिए धातु, लकड़ी या अन्य चीजों में जान डाल देते हैं. जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की पहचान बनती है.

पढ़ें- SPECIAL: कोरोना की मार में टी-स्टॉल बना सब्जी दुकान, कम हुए चाय के शौकीन

रायपुर के हस्तशिल्प विकास बोर्ड के इस एंपोरियम में देश-विदेश के लोग भी आया करते थे, लेकिन लॉकडाउन और कोरोना के खौफ के चलते विदेशी सैलानी भी यहां पर नहीं आ रहे हैं. एंपोरियम की ग्राहकी भी सामान्य दिनों की तुलना में काफी कम है, जो लोगों में कोरोना के खौफ को दिखाता है.

रायपुर: कोरोना संकट ने छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड को भी काफी हद तक प्रभावित किया है. लाखों रुपए के नुकसान के साथ-साथ हस्तशिल्प से जुड़े हजारों कामगारों, कलाकारों और शिल्पियों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. उनके घर भी चूल्हा जलाने की मुसीबत खड़ी हो गई है. लिहाजा वे भी दूसरे रोजगार की तलाश में लग गए हैं.

कोरोना काल से प्रभावित हस्तशिल्प कारोबार

करीब ढाई महीने किए गए लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के कारोबार को लगभग 50 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. कोरोना महामारी के इस दौर में हस्तशिल्प से जुड़े शिल्पी बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं.

हस्तकला ऐसे कलात्मक कार्य को कहते हैं, जो उपयोगी होने के साथ-साथ घरों में सजाने के काम आता है. जिसे मुख्यता हाथ से या सरल औजारों की सहायता से ही बनाया जाता है. ऐसी चीजें हस्तशिल्प की श्रेणी में नहीं आती, जो मशीनों से बड़े पैमाने पर तैयार किए जाते हैं.

chhattisgarh handicrafts bussiness affected in corona pandemic
हस्तकला से जुड़े शिल्पियों की आर्थिक स्थिति खराब

छत्तीसगढ़ में कुल 16 शबरी एंपोरियम

छत्तीसगढ़ में कुल 16 शबरी एंपोरियम हैं, जिसमें मोबाइल शबरी बस भी शामिल है. पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर हस्तशिल्प सामानों के विक्रय के लिए शबरी मोबाइल सुविधा देता है. प्रदेश के बाहर नई दिल्ली और अहमदाबाद में कुल दो शबरी एंपोरियम संचालित हैं. इस तरह कुल 18 शबरी एंपोरियम संचालित हैं, जो लॉकडाउन के कारण पूरी तरह से बंद पड़े हुए थे. एंपोरियम से जब तक पहले से रखे सामानों की बिक्री नहीं होती तब तक नए सामानों की सप्लाई नहीं की जाती.

chhattisgarh handicrafts bussiness affected in corona pandemic
छत्तीसगढ़ में कुल 16 शबरी एंपोरियम

हस्तकला से जुड़े शिल्पियों की आर्थिक स्थिति खराब

वित्तिय वर्ष 2018-2019 में शबरी एंपोरियम के माध्यम से करीब 3 करोड़ 57 लाख रुपए का विक्रय किया गया था. वित्तिय वर्ष 2019-2020 में नवंबर महीने तक करीब 1 करोड़ 80 लाख रुपए का विक्रय किया गया है. जिसे उपलब्धि की तरह देखा जाता है. लेकिन कोरोना वायरस का ग्रहण इस पर भी लग गया. न सिर्फ लाखों रुपए का नुकसान हुआ बल्कि यहां काम करने वालों के सामने भी चुनौतियां भी खड़ी हो गईं.

chhattisgarh handicrafts bussiness affected in corona pandemic
हस्तशिल्प के कारोबार में नुकसान
chhattisgarh handicrafts bussiness affected in corona pandemic
हस्तशिल्प के कारोबार में नुकसान

हस्तशिल्प के प्रकार

हस्तशिल्प के जरिए 14 तरह की चीजें बनाई जाती है. जिसमें बेल मेटल, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, गोदना शिल्प, टेराकोटा शिल्प, जूट शिल्प, कौड़ी शिल्प, पत्थर शिल्प और तुमा शिल्प जैसे तमाम तरह की शिल्प हैं, जो छत्तीसगढ़ के शिल्पी बनाते हैं.

chhattisgarh handicrafts bussiness affected in corona pandemic
हस्तशिल्प के प्रकार

विदेश तक छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्पों की पहचान

भारत हस्तशिल्प का उत्कृष्ट केंद्र माना जाता है. यह दैनिक जीवन की सामान्य वस्तुएं भी कोमल और कलात्मक रूप में गढ़ी जाती हैं. हस्तशिल्प में भारतीयों की रचनात्मकता दिखाई देती है. छत्तीसगढ़ में भी हस्तशिल्प की अपनी अलग पहचान है. हस्तशिल्प की ये कलाएं हजारों सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी पोषित होती रही हैं और हजारों शिल्पकारों को रोजगार प्रदान करती हैं. छत्तीसगढ़ के शिल्पकार अपनी कला के जरिए धातु, लकड़ी या अन्य चीजों में जान डाल देते हैं. जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की पहचान बनती है.

पढ़ें- SPECIAL: कोरोना की मार में टी-स्टॉल बना सब्जी दुकान, कम हुए चाय के शौकीन

रायपुर के हस्तशिल्प विकास बोर्ड के इस एंपोरियम में देश-विदेश के लोग भी आया करते थे, लेकिन लॉकडाउन और कोरोना के खौफ के चलते विदेशी सैलानी भी यहां पर नहीं आ रहे हैं. एंपोरियम की ग्राहकी भी सामान्य दिनों की तुलना में काफी कम है, जो लोगों में कोरोना के खौफ को दिखाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.