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मीसा बंदियों की सम्मान राशि पर हो सकता है फैसला, सीएम विष्णुदेव साय ने दिए संकेत - मीसा

छत्तीसगढ़ सरकार मीसाबंदियों के लिए दी जाने वाली सम्मान राशि को दोबारा शुरु कर सकती है.इस बात के संकेत सीएम विष्णुदेव साय ने दिए हैं.

honorarium to MISA prisoners
मीसा बंदियों की सम्मान राशि हो सकती है शुरु
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 10, 2024, 7:40 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार एक बार फिर मीसा बंदियों के परिवारों की पेंशन शुरु कर सकती है.इस बात के संकेत सीएम विष्णुदेव साय ने दिए हैं. रायपुर लोकतंत्र सेनानी संघ ने प्रांतीय परिवार सम्मेलन का आयोजन किया था. इस दौरान मीसा बंदियों के परिजनों ने अपनी व्यथा सीएम विष्णुदेव के सामने कही.जिसके सीएम विष्णुदेव साय ने भरोसा दिलाया कि मीसा बंदियों की पेंशन पर विचार किया जाएगा.

सीएम विष्णुदेव साय ने सुनाई आपबीती : इस दौरान विष्णुदेव साय ने कहा कि मैंने मीसा बंदियों के तकलीफों को बहुत करीब से देखा है. उनके संघर्ष और पीड़ा को मैंने महसूस किया है.आपातकाल के दौरान मेरे बड़े पिताजी स्वर्गीय नरहरि साय भी 19 महीने तक जेल में रहे. सरकार मीसाबंदियों की सम्मान राशि की बहाली के लिए पहल करेगी. सम्मेलन में प्रदेश भर से आए मीसा बंदी और उनके परिजनों ने अपनी आपबीती भी साझा की.

''लोकतंत्र सेनानी जब जेल जाते थे तो उस परिवार की स्थिति बड़ी पीड़ादायक हो जाती थी. इन परिवारों के सामने आजीविका का संकट हो जाता था. मीसा बंदियों के साथ हमारी सरकार न्याय करेगी. पूर्ववर्ती डॉ रमन सिंह की सरकार ने मीसा बंदियों के लिए सम्मान राशि देने की शुरुआत की थी.हम मीसाबंदियों के लिए बेहतर कार्य करेंगे.'' विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री

इस दौरान राज्यसभा सांसद और लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश सोनी ने कहा कि लोकतंत्र के लिए संघर्ष की बात जब भी आएगी, तब लोकतंत्र के प्रहरी मीसा बंदियों के संघर्षों से प्रेरणा ली जाएगी. मीसाबंदियों ने लोकशाही के लिए लड़ाई लड़ी. यह भारत के इतिहास में एक बड़ा उदाहरण है. इस कार्यक्रम को विधायक पुरंदर मिश्रा, लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने भी संबोधित किया.

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सीएम विष्णुदेव साय ने सुनाई आपबीती : इस दौरान विष्णुदेव साय ने कहा कि मैंने मीसा बंदियों के तकलीफों को बहुत करीब से देखा है. उनके संघर्ष और पीड़ा को मैंने महसूस किया है.आपातकाल के दौरान मेरे बड़े पिताजी स्वर्गीय नरहरि साय भी 19 महीने तक जेल में रहे. सरकार मीसाबंदियों की सम्मान राशि की बहाली के लिए पहल करेगी. सम्मेलन में प्रदेश भर से आए मीसा बंदी और उनके परिजनों ने अपनी आपबीती भी साझा की.

''लोकतंत्र सेनानी जब जेल जाते थे तो उस परिवार की स्थिति बड़ी पीड़ादायक हो जाती थी. इन परिवारों के सामने आजीविका का संकट हो जाता था. मीसा बंदियों के साथ हमारी सरकार न्याय करेगी. पूर्ववर्ती डॉ रमन सिंह की सरकार ने मीसा बंदियों के लिए सम्मान राशि देने की शुरुआत की थी.हम मीसाबंदियों के लिए बेहतर कार्य करेंगे.'' विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री

इस दौरान राज्यसभा सांसद और लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश सोनी ने कहा कि लोकतंत्र के लिए संघर्ष की बात जब भी आएगी, तब लोकतंत्र के प्रहरी मीसा बंदियों के संघर्षों से प्रेरणा ली जाएगी. मीसाबंदियों ने लोकशाही के लिए लड़ाई लड़ी. यह भारत के इतिहास में एक बड़ा उदाहरण है. इस कार्यक्रम को विधायक पुरंदर मिश्रा, लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने भी संबोधित किया.

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