छिंदवाड़ा। बुधवार को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके अपने गृह जिला छिंदवाड़ा पहुंची. यहां वो 6 दिनों के प्रवास के लिए आई हुई हैं. गुरुवार को जिला पहुंचने के बाद उन्होंने ETV भारत से खास बातचीत की. कोरोना वैक्सीन को लेकर उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन के नाम पर कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं, जो देश के लिए ठीक नहीं है. ऐसे लोगों की वे निंदा करती हैं.
- कोविड वैक्सीन देश के लिए बड़ी उपलब्धि
ETV भारत से बातचीत में राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि देश में उम्मीद से पहले कोविड-19 वैक्सीन आ गई है, जिससे अब हम जल्द ही इस महामारी से निजात पाएंगे. कोरोना वैक्सीन आने से देश में लोगों में उम्मीद जागी है. अभी तो फिलहाल वॉलेंटियर्स को ही प्राथमिकता दी जा रही है. जल्द ही सबके लिए उपलब्ध होगी. ये पीएम मोदी के दृढ़ निश्चय का ही फल है. आने वाले समय में हम सब कोरोना संक्रमण पर विजय पा लेंगे. हालांकि, अभी भी महामारी से निपटने के लिए हमें सावधानी बरतने की जरूरत है.
- कुछ लोग राजनीतिक हित साधने के लिए फैला रहे भ्रम
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि कोरोना वैक्सीन आने के बाद कुछ लोग राजनीतिक स्वार्थ के चलते भ्रम फैला रहे हैं. ऐसे लोगों की मैं निंदा करती हूं. वैक्सीन लाना देश के वैज्ञानिकों की उपलब्धि है. इसलिए वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं. सभी लोगों को महामारी से निपटने के लिए एकजुट होकर वैज्ञानिकों को धन्यवाद देना चाहिए कि उन्होंने इतनी जल्दी महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन तैयार कर ली, लेकिन फिर भी लोग राजनीतिक स्वार्थ के लिए भ्रम फैला रहे हैं.
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- 6 दिन प्रवास पर रहेंगी राज्यपाल
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके अपने गृह जिला छिंदवाड़ा में 20 जनवरी से 6 दिनों के लिए प्रवास पर रहेंगी. 27 जनवरी को वे छिंदवाड़ा से रायपुर के लिए प्रस्थान करेंगे.
- 1985 में राजनीतिक शुरुआत
अपने तीन दशक से भी अधिक लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार के कई अहम पदों पर काम किया है. उन्हें 1985 में पहली बार उन्हें मध्यप्रदेश विधानसभा सदस्य के रूप में चुना गया था. इसके बाद 1988 और 1989 के बीच वह महिला एवं बाल विकास मंत्री बनीं. साल 2000 में वह राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य बनीं और पांच साल तक सदस्य बनी रहीं. जनवरी 2006 में वह मध्य प्रदेश आदिवासी आयोग की अध्यक्ष बनीं. इस पद पर उन्होंने दो महीने तक सेवा दी.
- 2006 में पहली बार चुनी गईं राज्यसभा सदस्य
2006 में ही उन्हें राज्यसभा सदस्य के रूप में चुना गया. इसके बाद वह सामाजिक न्याय व अधिकारिता समिति की सदस्य बनीं. इसी साल वे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण समिति, हिंदी सलाहकार समिति, खाद्य प्रसस्करण मंत्रालय, महिला एव बाल विकास मंत्रालय और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के अनौपचारिक परामर्शदात्री समिति की सदस्य भी बनीं.
- आदिवासी अधिकारों के लिए काम
अनुसुइया उइके ने महिलाओं, विशेषकर आदिवासी महिलाओं को न्याय दिलाने और उनकी सम्याओं के समाधान में विशेष रूचि ली. आदिवासी महिलाओं में अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने का काम किया.