रायपुर: किसानों की बदहाली पर ETV भारत की एक्सलूसिव खबर पर पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. कुछ दिन पहले ETV भारत ने आपको खबर दिखाई थी कि राजधानी से लगे चक्रवाय गांव में किसान ने लागत न निकलने और खरीदार न मिलने की वजह से अपनी खड़ी फसल को रौंद दिया था. किसान ने केले और पपीते की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया था. इस खबर को दिखाए जाने के बाद पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने ETV भारत की सराहाना की है. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार और किसानों की बदहाली को जनता के सामने लाने का काम ETV भारत ने किया है.
बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि किसानों की बदहाली के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है, उन्हें शर्म आनी चाहिए . किसानों की हमदर्द बताने वाली सरकार लगातार अन्नदाता से छल कर रही है. किसानों को उनकी मेहनत से पैदा की गई फसलों का दाम तक नहीं मिल पा रहा है. मजबूरी में अन्नदाता अपनी खड़ी फसल पर टैक्टर चलाकर रौंदने को मजबूर हैं.
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बृजमोहन ने कहा कि जरूरत है कि, 'किसानों को उनकी मेहनत का फल मिले. इसके लिए सरकार को आगे आना चाहिए. उन्हें सोचना चाहिए कि किस तरह बीमा की राशि से उनकी मदद की जा सकती है. साथ उनका सामान किस तरह बाजार में बेचा जा सकता है. राज्य सरकार को किसानों को लेकर गंभीरता से सोचना चाहिए'.
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लॉकडाउन में फल और सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंचे लेकिन उन्हें उगाने वालों के अरमान धरती पर बिखर गए. राजधानी से लगे चक्रवाय गांव के रहने वाले किसान अनुज अग्रवाल ने हर साल की तरह इस बार भी बड़े पैमाने पर पपीता और केले की खेती की थी. लेकिन जब फसल तैयार हुई, उसी दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन कर दिया गया. फसल बिक्री नहीं हुई लिहाजा अनुज ने खड़े खेत को ट्रैक्टर से रौंद दिया था. अनुज ने कहा था कि किसानों के लिए बनी योजनाएं कागजों तक सीमित रह जाती हैं, धरातल पर नहीं उतर पाती हैं.