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PMGSY में छत्तीसगढ़ देशभर में सबसे आगे, नक्सल प्रभावित सुकमा अव्वल

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Published : Aug 11, 2019, 8:54 PM IST

छत्तीसगढ़ को मजबूत और गुणवत्तापूर्ण सड़क बनाने पर पहला स्थान मिला है. इसमें समिक्षकों ने 204 सड़को को शामिल किया था.

PMGSY में छत्तीसगढ़ देशभर में सबसे आगे

रायपुर: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत देश भर में मजबूत और गुणवत्ता वाली सड़के बनाने को लेकर भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को फिर से पहला स्थान दिया है. इस सूची में छत्तीसगढ़ के बाद कर्नाटक को दूसरा स्थान मिला है.

साल 2019 में राष्ट्रीय स्तर के गुणवक्ता समीक्षकों ने कुल 204 सड़कों के त्रिस्तरीय निरीक्षण में 95.59 फीसदी कार्य संतोषजनक पाया. इस आधार पर निरीक्षकों ने छत्तीसगढ़ को पहला स्थान दिया है, इन्हीं मापदंडों के आधार पर कर्नाटक दूसरे स्थान पर है.

गुणवत्ता की इस तरह होती है जांच
प्रथम स्तर पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़क की गुणवत्ता विभागीय इंजीनियर जांच करता है. द्वितीय स्तर पर राज्य के गुणवत्ता समीक्षकों द्वारा प्रत्येक सड़कों की 3 या उससे अधिक बार जांच की जाती है. आखिरी में राष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार द्वारा नियुक्त निरीक्षकों द्वारा इन सड़कों के निर्माण और रखरखाव की जांच की जाती है.

पढ़ें : पुलवामा हमले के बाद रायपुर आकाशवाणी नहीं बजा रहा है पाकिस्तानी सिंगर्स के गाने

छत्तीसगढ़ को 204 सड़कों के निरीक्षण के बाद मिला पहला स्थान
राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षकों द्वारा साल 2019 में अप्रैल से जुलाई 2019 तक कुल 204 कार्यों का निरीक्षण किया गया, जिसमें सड़कों के निर्माण कार्य के 123 कार्य, वृहद पुल के 14 और संधारण के 67 कार्य शामिल है. निरीक्षण में 95.59% कार्य संतोषप्रद श्रेणी में पाया गया, जिसके आधार पर छत्तीसगढ़ प्रथम स्थान पर है. जबकि कर्नाटक राज्य में 45 कार्यो के निरीक्षण के आधार पर भी दूसरे स्थान पर है.

पढ़ें : छत्तीसगढ़ की जंगल सफारी में PM मोदी ने की थी टाइगर से 'दोस्ती,' जानें खासियत

घोर नक्सली इलाकों में भी सड़कों का निर्माण
बता दें कि छत्तीसगढ़ के घोर नक्सली इलाकों में भी वृहद स्तर पर सड़कों का निर्माण कर लेना एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, इसलिए इस नई रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ का पहले पायदान पर आने का महत्व और अधिक बढ़ गया है. साथ ही खास बात ये है कि सुकमा नक्सल प्रभावित जिला होने के बाद भी सबसे ज्यादा 56.8250 किलोमीटर सड़क निर्माण हुआ है.

2019-2020 हेबीटेशन कवरेज रिपोर्ट के अनुसार जिलेवार सूची

  • बस्तर 23.8385 किलोमीटर
  • बीजापुर 8.9000 किलोमीटर
  • बिलासपुर 5.6200 किलोमीटर
  • दंतेवाड़ा 10.8500 किलोमीटर
  • धमतरी 2.6000 किलोमीटर
  • दुर्ग 0.0000 किलोमीटर
  • जांजगीर-चांपा 0.6000 किलोमीटर
  • जशपुर 0.5500 किलोमीटर
  • कांकेर 18.7754 किलोमीटर
  • कवर्धा 0.0000 किलोमीटर
  • कोरबा 4.0500 किलोमीटर
  • कोरिया 0.0000 किलोमीटर
  • महासमुंद 0.0000 किलोमीटर
  • नारायणपुर 0.1500 किलोमीटर
  • रायगढ़ 2.8000 किलोमीटर
  • रायपुर 0.0000 किलोमीटर
  • राजनांदगांव 43.6351 किलोमीटर
  • सरगुजा 5.9850 किलोमीटर
  • सुकमा 56.8250 किलोमीटर
  • बेमेतरा 3.7900 किलोमीटर
  • बालोद 0.000 0 किलोमीटर
  • बलौदाबाजार 3.2000 किलोमीटर
  • गरियाबंद 0.0000 किलोमीटर
  • बलरामपुर 0.0000 किलोमीटर
  • सुरजपुर 11.7307 किलोमीटर
  • कोंडागांव 0.9501 किलोमीटर
  • मुंगेली 0.0000 किलोमीटर

कुल सड़क लंबाई- 204.84818 किलोमीटर

रायपुर: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत देश भर में मजबूत और गुणवत्ता वाली सड़के बनाने को लेकर भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को फिर से पहला स्थान दिया है. इस सूची में छत्तीसगढ़ के बाद कर्नाटक को दूसरा स्थान मिला है.

साल 2019 में राष्ट्रीय स्तर के गुणवक्ता समीक्षकों ने कुल 204 सड़कों के त्रिस्तरीय निरीक्षण में 95.59 फीसदी कार्य संतोषजनक पाया. इस आधार पर निरीक्षकों ने छत्तीसगढ़ को पहला स्थान दिया है, इन्हीं मापदंडों के आधार पर कर्नाटक दूसरे स्थान पर है.

गुणवत्ता की इस तरह होती है जांच
प्रथम स्तर पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़क की गुणवत्ता विभागीय इंजीनियर जांच करता है. द्वितीय स्तर पर राज्य के गुणवत्ता समीक्षकों द्वारा प्रत्येक सड़कों की 3 या उससे अधिक बार जांच की जाती है. आखिरी में राष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार द्वारा नियुक्त निरीक्षकों द्वारा इन सड़कों के निर्माण और रखरखाव की जांच की जाती है.

पढ़ें : पुलवामा हमले के बाद रायपुर आकाशवाणी नहीं बजा रहा है पाकिस्तानी सिंगर्स के गाने

छत्तीसगढ़ को 204 सड़कों के निरीक्षण के बाद मिला पहला स्थान
राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षकों द्वारा साल 2019 में अप्रैल से जुलाई 2019 तक कुल 204 कार्यों का निरीक्षण किया गया, जिसमें सड़कों के निर्माण कार्य के 123 कार्य, वृहद पुल के 14 और संधारण के 67 कार्य शामिल है. निरीक्षण में 95.59% कार्य संतोषप्रद श्रेणी में पाया गया, जिसके आधार पर छत्तीसगढ़ प्रथम स्थान पर है. जबकि कर्नाटक राज्य में 45 कार्यो के निरीक्षण के आधार पर भी दूसरे स्थान पर है.

पढ़ें : छत्तीसगढ़ की जंगल सफारी में PM मोदी ने की थी टाइगर से 'दोस्ती,' जानें खासियत

घोर नक्सली इलाकों में भी सड़कों का निर्माण
बता दें कि छत्तीसगढ़ के घोर नक्सली इलाकों में भी वृहद स्तर पर सड़कों का निर्माण कर लेना एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, इसलिए इस नई रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ का पहले पायदान पर आने का महत्व और अधिक बढ़ गया है. साथ ही खास बात ये है कि सुकमा नक्सल प्रभावित जिला होने के बाद भी सबसे ज्यादा 56.8250 किलोमीटर सड़क निर्माण हुआ है.

2019-2020 हेबीटेशन कवरेज रिपोर्ट के अनुसार जिलेवार सूची

  • बस्तर 23.8385 किलोमीटर
  • बीजापुर 8.9000 किलोमीटर
  • बिलासपुर 5.6200 किलोमीटर
  • दंतेवाड़ा 10.8500 किलोमीटर
  • धमतरी 2.6000 किलोमीटर
  • दुर्ग 0.0000 किलोमीटर
  • जांजगीर-चांपा 0.6000 किलोमीटर
  • जशपुर 0.5500 किलोमीटर
  • कांकेर 18.7754 किलोमीटर
  • कवर्धा 0.0000 किलोमीटर
  • कोरबा 4.0500 किलोमीटर
  • कोरिया 0.0000 किलोमीटर
  • महासमुंद 0.0000 किलोमीटर
  • नारायणपुर 0.1500 किलोमीटर
  • रायगढ़ 2.8000 किलोमीटर
  • रायपुर 0.0000 किलोमीटर
  • राजनांदगांव 43.6351 किलोमीटर
  • सरगुजा 5.9850 किलोमीटर
  • सुकमा 56.8250 किलोमीटर
  • बेमेतरा 3.7900 किलोमीटर
  • बालोद 0.000 0 किलोमीटर
  • बलौदाबाजार 3.2000 किलोमीटर
  • गरियाबंद 0.0000 किलोमीटर
  • बलरामपुर 0.0000 किलोमीटर
  • सुरजपुर 11.7307 किलोमीटर
  • कोंडागांव 0.9501 किलोमीटर
  • मुंगेली 0.0000 किलोमीटर

कुल सड़क लंबाई- 204.84818 किलोमीटर

Intro:प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत राज्य भर में मजबूत और गुणवत्ता वाली सड़के बनाने को लेकर भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को फिर से पहला स्थान दिया है. इस सूची में छत्तीसगढ़ के बाद कर्नाटक को दूसरा स्थान मिला है. वर्ष 2019 में राष्ट्रीय स्तर के गुणवक्ता समीक्षकों ने कुल 204 सड़कों के त्रिस्तरीय निरीक्षण में 95.59 फीसदी कार्य संतोषजनक पाया. इस आधार पर निरीक्षकों ने छत्तीसगढ़ को पहला स्थान दिया है, इन्हीं मापदंडों के आधार पर कर्नाटक दूसरे स्थान पर है .Body:प्रधानमंत्री सड़क की गुणवत्ता की इस तरह होती है जांच
प्रथम स्तर पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़क की गुणवत्ता विभागीय इंजिनियर जांच करता है. द्वितीय स्तर पर राज्य के गुणवत्ता समीक्षकों द्वारा प्रत्येक सड़कों की 3 या उससे अधिक बार जांच की जाती है. आखिरी में राष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार द्वारा नियुक्त निरीक्षकों द्वारा इन सड़कों के निर्माण एवं रखरखाव की जांच की जाती है.

छत्तीसगढ़ को 204 सड़कों के निरीक्षण के बाद मिला पहला स्थान
राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षकों द्वारा वर्ष 2019 में अप्रैल से जुलाई 2019 तक कुल 204 कार्यों का निरीक्षण किया गया. जिसमें सड़कों के निर्माण कार्य के 123 कार्य, वृहद पुल के 14 एवं संधारण के 67 कार्य शामिल है. निरीक्षण में 95.59% कार्य संतोषप्रद श्रेणी में पाया गया. जिसके आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम स्थान पर है. जबकि कर्नाटक राज्य में 45 कार्यो के निरीक्षण के आधार पर भी दूसरे स्थान पर है. छत्तीसगढ़ के घोर माओवादी इलाकों में भी वृहत स्तर पर सड़कों का निर्माण कर लेना एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, इसलिए इस नई रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ का पहले पायदान पर आने का महत्व और अधिक बड़ गया है.
Conclusion:2019-2020 हेबीटेशन कवरेज रिपोर्ट के अनुसार जिलेवार सूची जहां सड़कों का निर्माण किया गया है. इस सूची में नक्सल प्रभावित सुकमा पहले स्थान पर है-
बस्तर 23.8385
बीजापुर 8.9000
बिलासपुर 5.6200
दंतेवाड़ा 10.8500
धमतरी 2.6000
दुर्ग 0.0000
जांजगीर-चांपा 0.6000
जशपुर 0.5500
कांकेर 18.7754
कवर्धा 0.0000
कोरबा 4.0500
कोरिया 0.0000
महासमुंद 0.0000
नारायणपुर 0.1500
रायगढ़ 2.8000
रायपुर 0.0000
राजनांदगांव 43.6351
सरगुजा 5.9850
*सुकमा 56.8250
बेमेतरा 3.7900
बालोद 0.000 0
बलौदाबाजार 3.2000
गरियाबंद 0.0000
बलरामपुर 0.0000
सुरजपुर 11.7307
कोंडागांव 0.9501
मुंगेली 0.0000
कुल सड़क लंबाई- 204.84818 किलोमीटर

इस रिपोर्ट के मुताबिक सबसे खास बात यह हैं कि नक्सल प्रभावित जिले सुकमा में सबसे ज्यादा 56.8250 किलोमीटर सड़क निर्माण हुआ है.
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