रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Baghel Government)1 दिसंबर से धान खरीदी शुरु करने जा रही है, जिसकी तैयारियां समितियों के माध्यम से शुरु कर दी गई है. आज से इस समितियों के माध्यम से किसानों को टोकन देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. हालांकि इस बीच कहीं न कहीं धान के मामले को लेकर विपक्ष में बैठी भाजपा सरकार पर कई तरह के आरोप लगा रही है.
भाजपा को सद्बुद्धि देने की कही बात
जिस पर पलटवार करते हुए खाद्य मंत्री अमरजीत भगत (Chhattisgarh food minister amarjit bhagat )ने कहा कि भाजपा को भगवान सद्बुद्धि दे. कभी-कभी मुंह खोले तो अच्छी बातें बोले. वे कभी किसानों के हित में कोई बात नही बोलते है. केंद्र हमको बारदाना नहीं दे पा रही है. हमको 2500 रुपये धान का समर्थन मूल्य नही देने दिया. जिस कारण में राजीव गांधी किसान न्याय योजना लाना पड़ा. आज केंद्रीय पूल में उसना चावल नहीं लेने का फरमान जारी कर दिया है. उससे छत्तीसगढ़ की दिक्कतें बढ़ी है. इसके बारे में भाजपा के कोई नेता नहीं बोलते हैं. ये क्या राजनीति कर रहे हैं. इनकी जवाबदारी छत्तीसगढ़ के प्रति नहीं है क्या?
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किसानों के पुराने हालात को लेकर कसा तंज
आगे उन्होंने कहा कि क्या 15 सालों में किसानों की स्थिति पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Dr. Raman singh) नहीं जानते हैं? जो इस तरह के आरोप लगा रहे हैं. काश डॉ रमन सिंह 15 साल में उन बातों को समझ गए होते, तो आज भारतीय जनता पार्टी की जो स्थिति है वह नहीं होती. उस समय किसान खेती करना छोड़ दिए थे. लोग गांव से जमीन बेच कर शहर की ओर कूच कर रहे थे. भूपेश बघेल की सरकार आने के बाद खेती के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है. गांव में लोगों की वापसी शुरू हो गई है. कृषि का रकबा बढ़ रहा है किसानों की संख्या बढ़ रही है.आज से शुरू में टोकन वितरण को लेकर अमरजीत ने कहा कि धान खरीदी सुव्यवस्थित रूप से संचालित हो, इसके लिए टोकन सिस्टम को लागू (Implementation of token system for paddy purchase) किया गया है.
3 हिस्सों में की जाएगी धान खरीदी
बता दें कि पिछले साल की तरह इस साल भी 3 हिस्सो में धान खरीदी की जाएगी. इस बार भी लघु और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी. धान की खरीदी की प्रक्रिया (Paddy procurement process) में समितियों की क्षमता के अनुसार टोकन बांटे जाएंगे. धान खरीदी के लिए एक किसान को तीन टोकन दिए जाएंगे. इस वजह से एक किसान तीन किस्तों में धान बेच सकेगा. छत्तीसगढ़ में 2058 समितियों के माध्यम से 105 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. जिसके लिए आज से टोकन वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.