नई दिल्ली: पीएम मोदी के मन की बात में इस बार बस्तर छाया रहा. उन्होंने हाल ही में छत्तीसगढ़ के बस्तर में हुए बस्तर ओलंपिक खेल के आयोजन की तारीफ की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आयोजन को बस्तर के युवाओं की प्रतिभा को निखारने वाला आयोजन बताया. उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता से नए भारत के निर्माण को एक बल और मंच मिला है.
"बस्तर ओलंपिक का सपना हुआ साकार": पीएम मोदी ने मन की बात प्रसारण में कहा कि बस्तर ओलंपिक का आयोजन छत्तीसगढ़ की सरकार ने सफलता पूर्वक किया. इस खेल के आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्थानीय प्रतिभाओं की खोज करना था. इसके साथ ही नक्सल प्रभावित बस्तर के आदिवासी युवाओं को मुख्य धारा में शामिल करना भी इस आयोजन का उद्देश्य रहा. इसका एक और उद्देश्य लोगों और प्रशासन के बीच संबंधों को बेहतर बनाना था. पीएम मोदी ने बस्तर ओलंपिक के आयोजन को एक अनूठा आयोजन करार दिया. उन्होंने कहा कि यह एक अनूठा आयोजन है और यह इस बात का प्रतीक है कि देश में बदलाव हो रहा है.
"क्या आप जानते हैं कि छत्तीसगढ़ के हमारे बस्तर में एक अनोखा ओलंपिक शुरू हुआ है. बस्तर ओलंपिक के माध्यम से बस्तर में एक नई क्रांति आ रही है. मित्रों, बस्तर ओलंपिक सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं है. यह एक ऐसा मंच है जहां विकास और खेल एक साथ मिल रहे हैं, जहां हमारे युवा अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं और एक नए भारत का निर्माण कर रहे हैं. मेरे लिए यह बहुत खुशी की बात है कि बस्तर ओलंपिक का सपना साकार हुआ है- नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत
माओवादी हिंसा से प्रभावित क्षेत्र में हुआ बस्तर ओलंपिक: पीएम मोदी ने कहा कि माओवादी हिंसा से प्रभावित क्षेत्र में बस्तर ओलंपिक का आयोजन हुआ. मन की बात में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक उस क्षेत्र में हुआ जो कभी माओवादी हिंसा का गवाह था. छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग सात जिलो में है. यह भौगोलिक रूप से केरल से बड़ा है. यह देश सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित राज्यों के क्षेत्र में से एक है. पीएम मोदी ने बस्तर ओलंपिक के शुभंकर का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जंगली भैंसा और पहाड़ी मैना इसके शुभंकर हैं. जो बस्तर की समृद्ध संस्कृति को दर्शाते हैं.
"बस्तर खेलेगा और बस्तर जीतेगा": पीएम मोदी ने मन की बात में लोगों से अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बस्तर ओलंपिक खेल का मूल मंत्र भी सबसे अलग है. इसका मूल मंत्र करसे ता बस्तर बरसाए ता बस्तर यानी 'बस्तर खेलेगा - बस्तर जीतेगा' है. इस खेल के आयोजन में सात जिलों के 1,65,000 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने लोगों से कहा कि यह केवल आंकड़ा नहीं बल्कि हमारे प्रदेश के युवाओं के संकल्प की एक गौरवशाली कहानी भी है. इस आयोजन में खिलाड़ियों ने तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, एथलेटिक्स, हॉकी, भारोत्तोलन, कराटे, कबड्डी, खो-खो और वॉलीबॉल जैसे गेम्स में पुरस्कार जीते हैं.
पीएम मोदी ने खिलाड़ियों का किया जिक्र: इस दौरान पीएम मोदी ने बस्तर ओलंपिक में खिलाड़ियों की जीत को लेकर भी अपनी बातें रखी. उन्होंने कहा कि तीरंदाजी में रजत पदक जीतने वाले एक छोटे से गांव के कारी कश्यप ने कमाल किया. भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाली सुकमा की पायल कवासी और व्हीलचेयर रेस में पदक जीतने वाली सुकमा की ही पुनेम सन्ना का जिक्र पीएम मोदी ने किया. पीएम मोदी ने कहा कि खेल न केवल शारीरिक विकास की ओर ले जाने का माध्यम है. बल्कि यह समाज को खेल भावना से जोड़ने का एक सशक्त जरिया भी है. इसलिए खूब खेलें और खूब खिलें.
मैं आप सभी से अपने क्षेत्र में इस तरह के खेल आयोजनों को प्रोत्साहित करने का आग्रह करता हूं. अपने क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं की कहानियों को #KhelegaBharat #JeetegaBharat के साथ साझा करें -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत
15 दिसंबर को हुआ बस्तर ओलंपिक का समापन: बस्तर ओलंपिक का समापन 15 दिसंबर 2024 को हुआ. इस खेल समारोह के समापन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिस्सा लिया था. उनके साथ सीएम विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे. बस्तर ओलंपिक का आयोजन ब्लॉक स्तर, जिला स्तर और फिर संभाग स्तर पर हुआ. अमित शाह ने इस दौरान कहा था कि मैं चाहता हूं कि आगामी 2036 ओलंपिक में बस्तर के युवा मेडल लेकर आए. उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि केंद्र सरकार साल 2036 में अहमदाबाद में ओलंपिक की मेजबानी करने जा रहा है. इसकी तैयारी चल रही है. ओलंपिक 2036 के लिए कुल 35,000 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा. जिससे भारत को ज्यादा से ज्यादा मेडल ओलंपिक में मिल सके.