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SPECIAL: छत्तीसगढ़ में होम आइसोलेशन में रहकर 66 हजार से ज्यादा मरीजों ने जीती कोरोना से जंग

छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार ने होम आइसोलेशन की सुविधा शुरू की थी. इसे लेकर पिछले 2 महीनों से लगातार अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं. अब तक प्रदेश में 82 फ़ीसदी मरीज कोरोना से स्वस्थ्य होकर घर लौट चुके हैं. रिकवरी में राजधानी रायपुर इस मामले में सबसे आगे रहा है.

corona home isolation
होम आइसोलेशन है बेहतर
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Published : Oct 21, 2020, 4:06 PM IST

Updated : Oct 21, 2020, 4:16 PM IST

कोरोना को लेकर छत्तीसगढ़ से अच्छी खबर है. प्रदेश में अब तक 1 लाख 35 हजार 259 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, जिसमें अकेले होम आइसोलेशन में रहकर 66 हजार 154 मरीजों ने कोरोना से जंग जीती है. कोविड-19 संक्रमण के खतरे के बीच होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज सबसे ज्यादा रायपुर में स्वस्थ हुए हैं. सरकार की ओर से की गई बेहतर व्यवस्था के चलते होम आइसोलेशन की व्यवस्था कारगर साबित हुई है.

24X7 मुस्तैद स्वास्थ्य अमला

हाल ही स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने प्रदेशभर में होम आइसोलेशन और क्वॉरंटीन होकर इलाज कराने वाले लोगों से सर्वे कराया. जिसमें राजधानी रायपुर को 76 फीसदी स्कोरिंग के साथ पहला स्थान मिला है. रायपुर जिला कलेक्टर एस भारतीदासन निर्देश पर होम आइसोलेशन की मॉनिटरिंग के लिए एक टीम बनाई गई है. इस टीम में एक्सपर्ट के साथ-साथ काउंसलर, डाटा ऑपरेटर कार्यरत हैं. यह टीम 24X7 यानी 24 घंटे और हफ्ते के सातों दिन काम करती है.

होम आइसोलेशन है बेहतर

होम आइसोलेशन वरदान साबित हुआ

कोरोना संकट के समय में होम आइसोलेशन एक वरदान सिद्ध हुआ है. लक्षण समेत मरीजों को होम आइसोलेशन में रहकर सही उपचार देने से रिकवरी रेट में तेजी से सुधार आया है. वहीं गंभीर लक्षण वाले मरीजों के लिए हॉस्पिटल में बेड की कमी जैसी समस्याओं से जूझना नहीं पड़ा है.

पढ़ें- राहत की खबर: छत्तीसगढ़ में बढ़ा कोरोना का रिकवरी रेट

इस सर्वे में 10 प्रश्नों को शामिल किया गया.

  • सबसे ज्यादा अब तक रायपुर में 66 हजार 154 मरीज होम आइसोलेशन में स्वस्थ हुए.
  • सर्वे में बिलासपुर, दुर्ग की तुलना में रायपुर की स्थिति बेहतर है.
  • रायपुर के 95 फीसदी लोगों ने डॉक्टरों के रिस्पॉंस को बेहतर बताया है.
  • बिलासपुर में 71.44% और राजनांदगांव में 44% लोग डॉक्टरों के काम से संतुष्ट नजर आए.
  • सर्वे में यह भी पता लगा कि रायपुर के 93 फीसदी मरीज ऑक्सीमीटर से अपना पैरामीटर्स लेते हैं.
  • वहीं कॉल के माध्यम से परामर्श लेने वाले 86 फीसदी लोग संतुष्ट नजर.
  • 96 प्रतिशत लोगों ने नियमित दवाइयों के सेवन की बात सर्वे में बताई.
  • 97 फीसदी लोगों ने कोरोना पर सरकार के जन जागरुकता कार्यक्रम की सराहना की
  • ओवरऑल रेटिंग में 76 फीसदी के साथ रायपुर जिला पहले स्थान पर रहा.

पढ़ें- उच्च स्तरीय केंद्रीय दल ने किया रायपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण

मरीजों की सुविधानुसार रिस्पॉंस

आइसोलेशन टीम की रायपुर की नोडल अधिकारी डॉक्टर अंजली शर्मा ने बताया कि जैसे ही उनकी टीम को यह जानकारी मिलती है कि कोई पेशेंट जो पॉजिटिव आया है वह होम आइसोलेशन में है तो टीम के मेंबर पहले दिन ही मरीज को कॉल करते हैं, उनकी टीम की तरफ से यह भी जानकारी ली जाती है कि मरीज अपने सुविधानुसार कब बात करना चाहता है, उसे उसी दिन कॉल किया जाता है. नहीं तो टीम पांचवें दिन फिर उसे कॉल करती हैं इसी क्रम में वे लगातार मरीज के संपर्के में रहते हैं.

होम आइसोलेशन से दबाव कम पड़ा

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि प्रदेश में बीच में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों के चलते होम आइसोलेशन सुविधा शुरू की गई थी, सिंहदेव ने बताया कि होम आइसोलेशन के चलते स्वास्थ्य विभाग पर दवाब कम पड़ा है, हालांकि उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में कई ऐसे मरीज हैं जो कई बार लक्षण छिपाए रखते हैं या फिर इलाज कराने में देरी करते हैं, जिससे उनकी हालत गंभीर हो जाती है.

कोरोना को लेकर छत्तीसगढ़ से अच्छी खबर है. प्रदेश में अब तक 1 लाख 35 हजार 259 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, जिसमें अकेले होम आइसोलेशन में रहकर 66 हजार 154 मरीजों ने कोरोना से जंग जीती है. कोविड-19 संक्रमण के खतरे के बीच होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज सबसे ज्यादा रायपुर में स्वस्थ हुए हैं. सरकार की ओर से की गई बेहतर व्यवस्था के चलते होम आइसोलेशन की व्यवस्था कारगर साबित हुई है.

24X7 मुस्तैद स्वास्थ्य अमला

हाल ही स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने प्रदेशभर में होम आइसोलेशन और क्वॉरंटीन होकर इलाज कराने वाले लोगों से सर्वे कराया. जिसमें राजधानी रायपुर को 76 फीसदी स्कोरिंग के साथ पहला स्थान मिला है. रायपुर जिला कलेक्टर एस भारतीदासन निर्देश पर होम आइसोलेशन की मॉनिटरिंग के लिए एक टीम बनाई गई है. इस टीम में एक्सपर्ट के साथ-साथ काउंसलर, डाटा ऑपरेटर कार्यरत हैं. यह टीम 24X7 यानी 24 घंटे और हफ्ते के सातों दिन काम करती है.

होम आइसोलेशन है बेहतर

होम आइसोलेशन वरदान साबित हुआ

कोरोना संकट के समय में होम आइसोलेशन एक वरदान सिद्ध हुआ है. लक्षण समेत मरीजों को होम आइसोलेशन में रहकर सही उपचार देने से रिकवरी रेट में तेजी से सुधार आया है. वहीं गंभीर लक्षण वाले मरीजों के लिए हॉस्पिटल में बेड की कमी जैसी समस्याओं से जूझना नहीं पड़ा है.

पढ़ें- राहत की खबर: छत्तीसगढ़ में बढ़ा कोरोना का रिकवरी रेट

इस सर्वे में 10 प्रश्नों को शामिल किया गया.

  • सबसे ज्यादा अब तक रायपुर में 66 हजार 154 मरीज होम आइसोलेशन में स्वस्थ हुए.
  • सर्वे में बिलासपुर, दुर्ग की तुलना में रायपुर की स्थिति बेहतर है.
  • रायपुर के 95 फीसदी लोगों ने डॉक्टरों के रिस्पॉंस को बेहतर बताया है.
  • बिलासपुर में 71.44% और राजनांदगांव में 44% लोग डॉक्टरों के काम से संतुष्ट नजर आए.
  • सर्वे में यह भी पता लगा कि रायपुर के 93 फीसदी मरीज ऑक्सीमीटर से अपना पैरामीटर्स लेते हैं.
  • वहीं कॉल के माध्यम से परामर्श लेने वाले 86 फीसदी लोग संतुष्ट नजर.
  • 96 प्रतिशत लोगों ने नियमित दवाइयों के सेवन की बात सर्वे में बताई.
  • 97 फीसदी लोगों ने कोरोना पर सरकार के जन जागरुकता कार्यक्रम की सराहना की
  • ओवरऑल रेटिंग में 76 फीसदी के साथ रायपुर जिला पहले स्थान पर रहा.

पढ़ें- उच्च स्तरीय केंद्रीय दल ने किया रायपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण

मरीजों की सुविधानुसार रिस्पॉंस

आइसोलेशन टीम की रायपुर की नोडल अधिकारी डॉक्टर अंजली शर्मा ने बताया कि जैसे ही उनकी टीम को यह जानकारी मिलती है कि कोई पेशेंट जो पॉजिटिव आया है वह होम आइसोलेशन में है तो टीम के मेंबर पहले दिन ही मरीज को कॉल करते हैं, उनकी टीम की तरफ से यह भी जानकारी ली जाती है कि मरीज अपने सुविधानुसार कब बात करना चाहता है, उसे उसी दिन कॉल किया जाता है. नहीं तो टीम पांचवें दिन फिर उसे कॉल करती हैं इसी क्रम में वे लगातार मरीज के संपर्के में रहते हैं.

होम आइसोलेशन से दबाव कम पड़ा

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि प्रदेश में बीच में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों के चलते होम आइसोलेशन सुविधा शुरू की गई थी, सिंहदेव ने बताया कि होम आइसोलेशन के चलते स्वास्थ्य विभाग पर दवाब कम पड़ा है, हालांकि उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में कई ऐसे मरीज हैं जो कई बार लक्षण छिपाए रखते हैं या फिर इलाज कराने में देरी करते हैं, जिससे उनकी हालत गंभीर हो जाती है.

Last Updated : Oct 21, 2020, 4:16 PM IST
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