रायपुर: रमन सरकार के 15 साल के कार्यकाल के दौरान रिक्त पदों और बेरोजगारी के आंकड़े जारी करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि रमन सरकार ने 15 साल तक जिन पदों को खाली रखा, उसे कांग्रेस सरकार से डेढ़ साल में भरने की अपेक्षा कैसे करते हैं. ऐसी मांग करते रमन सिंह को थोड़ा सा अपने कार्यकाल का भी ख्याल करना चाहिए था. रमन सिंह ने अपनी 15 साल की सरकार में क्या किया, यह भूल गए, रमन सिंह सरकार के 15 वर्षों में रिक्त पदों का लेखा-जोखा जारी करते हुए कांग्रेस ने पूछा है कि क्या रमन सिंह जी इसे भूल गए हैं.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 'कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने लगातार रोजगार देने के लिए काम किया है. प्रदेश में पहली बार राज्य सरकार द्वारा 40 अंग्रेजी माध्यम शालाओं की शुरूआत की गई है. 15 हजार से अधिक स्थायी शिक्षकों की स्कूलों में भर्ती की जा रही है. 1500 से ज्यादा स्थायी शिक्षकों की महाविद्यालयों में भर्ती की जा रही है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनामी (सीएमआईई) के अनुसार छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत से घटकर मात्र 3.4 प्रतिशत है. जबकि भारत में बेरोजगारी 23.5 प्रतिशत है. रमन सरकार शिक्षाकर्मियों के साथ 15 साल तक संविलियन के नाम पर छलावा करती रही. शिक्षाकर्मियों के संविलियन का काम कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने पूरा करके दिखाया है.
शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण छत्तीसगढ़ में पुलिस, शिक्षक भर्ती का काम रूका है, केन्द्र की मोदी सरकार के भेदभाव का दंश छत्तीसगढ़ झेल रहा है. 15 साल तक के रिक्त पदों और आउटसोर्सिंग का काला इतिहास अभी छत्तीसगढ़ के लोग भूले नहीं हैं.
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कई की नौकरियां चली गई
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह को कांग्रेस ने याद दिलाया है कि, भाजपा की केन्द्र सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनावों में दो करोड़ युवाओं को हर साल रोजगार देने का संकल्प लिया था. 6 वर्षो में 12 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलना था, लेकिन हुआ उल्टा रोजगार कर रहे युवाओं की मोदी सरकार में तो नौकरियां चली गई.
'युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं थे'
त्रिवेदी ने पूछा है कि 'जिस रमन सरकार ने 2015-16 में सिर्फ 397 लोगों को रोजगार दिया, कांग्रेस पर झूठे निराधार आरोप लगाए, इससे ज्यादा दुखद और कुछ भी नहीं है. पिछले 15 सालों में रमन सरकार में कोई भी शिक्षा नीति नहीं थी, न युवा नीति थी, न युवाओं को रोजगार के अवसर थे.'
रमन सिंह सरकार के 15 वर्षो में रिक्त पदों का लेखा-जोखा
- रमन सिंह सरकार में 54,000 शिक्षकों के पद रिक्त थे और पंचायत संवर्ग के शिक्षकों के 22,644 पद रिक्त थे.
- 3000 स्कूलों में सिर्फ एक ही शिक्षक थे. गणित, फिजिक्स, केमिस्ट्री, अंग्रेजी और कामर्स के शिक्षकों की कमी रही है.
- रमन सिंह सरकार में शालेय शिक्षा की गुणवत्ता के क्षेत्र में देश सबसे खराब प्रदर्शन वाले राज्यों में शामिल था.
- शासकीय कॉलेज में प्राध्यापकों के 525 स्वीकृत पदों में से 525 पद रिक्त थे
- रमन सरकार में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टरों के 50 प्रतिशत पद रिक्त थे
- सर्जन, फिजिशियन, शिशुरोग, स्त्रीरोग विशेषज्ञों के 80 प्रतिशत पद खाली थे.