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सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि, छत्तीसगढ़ सीएम विष्णुदेव साय ने दी श्रद्धांजलि - सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि

Sardar Vallabhbhai Patel लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की आज पुण्यतिथि है. छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर नमन किया.

Sardar Vallabhbhai Patel
विष्णुदेव साय ने सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि दी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 15, 2023, 8:41 AM IST

Updated : Dec 15, 2023, 10:06 AM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री भारतरत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया. 15 दिसंबर 1950 को लौह पुरुष का निधन मुंबई में हुआ था.

विष्णुदेव साय ने सरदार वल्लभभाई पटेल को किया याद: छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने सरदार पटेल को याद करते हुए कहा है कि सरदार पटेल अपने फौलादी संकल्पों के कारण लौह पुरुष के नाम से जाने जाते हैं. सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देसी रियासतों का भारतीय संघ में विलय कर देश के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. स्वतंत्रता के लिए किये संघर्ष के दौरान उन्होंने कई आंदोलनों का कुशल नेतृत्व किया. साय ने कहा कि ना सिर्फ आजादी की लड़ाई बल्कि स्वतंत्रता मिलने के बाद भी सरदार पटेल भारत को एक सूत्र में पिरोने की दिशा में काम करते रहे. भारत देश के निर्माण में सरदार पटेल की भूमिका हमेशा अविस्मरणीय रहेगी.

भारत के लौह पुरुष 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा में हुआ था. 6 भाई बहनों में 4 नंबर के थे सरदार. समय पर पढ़ाई शुरू नहीं होने के कारण 21 साल की उम्र में मेट्रिक की परीक्षा पास की. आगे की पढ़ाई खुद के खर्चे पर किया और इंग्लैंड जाकर लॉ की पढ़ाई की और बैरिस्टर बने.

देश की अखंडता में महत्वपूर्ण योगदान: सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश की अखंडता के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने स्वतंत्र भारत के एकीकरण का बीड़ा उठाया और उसे पूरा किया. सरदार ने 562 से अधिक रियासतों को एकजुट किया. अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण 15 अगस्त 1947 को 559 रियासतों को भारत में मिलाया. सरदार पटेल ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नेतृत्व किया.1934 से 1937 के बीच भारत छोड़ो आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

जानें क्यों सरदार भारत के पहले प्रधानमंत्री बनने से चूके ?
पटेल यूं ही नहीं कहे जाते थे 'सरदार

रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री भारतरत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया. 15 दिसंबर 1950 को लौह पुरुष का निधन मुंबई में हुआ था.

विष्णुदेव साय ने सरदार वल्लभभाई पटेल को किया याद: छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने सरदार पटेल को याद करते हुए कहा है कि सरदार पटेल अपने फौलादी संकल्पों के कारण लौह पुरुष के नाम से जाने जाते हैं. सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देसी रियासतों का भारतीय संघ में विलय कर देश के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. स्वतंत्रता के लिए किये संघर्ष के दौरान उन्होंने कई आंदोलनों का कुशल नेतृत्व किया. साय ने कहा कि ना सिर्फ आजादी की लड़ाई बल्कि स्वतंत्रता मिलने के बाद भी सरदार पटेल भारत को एक सूत्र में पिरोने की दिशा में काम करते रहे. भारत देश के निर्माण में सरदार पटेल की भूमिका हमेशा अविस्मरणीय रहेगी.

भारत के लौह पुरुष 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा में हुआ था. 6 भाई बहनों में 4 नंबर के थे सरदार. समय पर पढ़ाई शुरू नहीं होने के कारण 21 साल की उम्र में मेट्रिक की परीक्षा पास की. आगे की पढ़ाई खुद के खर्चे पर किया और इंग्लैंड जाकर लॉ की पढ़ाई की और बैरिस्टर बने.

देश की अखंडता में महत्वपूर्ण योगदान: सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश की अखंडता के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने स्वतंत्र भारत के एकीकरण का बीड़ा उठाया और उसे पूरा किया. सरदार ने 562 से अधिक रियासतों को एकजुट किया. अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण 15 अगस्त 1947 को 559 रियासतों को भारत में मिलाया. सरदार पटेल ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नेतृत्व किया.1934 से 1937 के बीच भारत छोड़ो आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

जानें क्यों सरदार भारत के पहले प्रधानमंत्री बनने से चूके ?
पटेल यूं ही नहीं कहे जाते थे 'सरदार
Last Updated : Dec 15, 2023, 10:06 AM IST
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