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Whipped For State Prosperity छत्तीसगढ़ की खुशहाली के लिए सीएम बघेल ने खाया चाबुक का वार

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Published : Oct 25, 2022, 9:37 AM IST

Updated : Oct 25, 2022, 3:42 PM IST

CM Baghel got whipped for state prosperity हर साल की तरह इस साल भी सीएम भूपेश बघेल दिवाली के दूसरे दिन दुर्ग जिले में होने वाली गौरा गौरी पूजा में शामिल हुए और सोटा (चाबुक ) सहने की परंपरा निभाई. सीएम बघेल ने इस बार 5 बार खुद को चाबुक मरवाया. Gaura Gauri Puja in Kumhari

CM Baghel got whipped for state prosperity
सीएम बघेल ने खाया चाबुक

दुर्ग: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दुर्ग जिले के कुम्हारी के जजंगिरी गांव पहुंचे. सीएम यहां गौरा गौरी पूजा में शामिल हुए. प्रदेश की खुशहाली के लिए सीएम ने सोटा (चाबुक) सहने की परंपरा निभाई. जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. हर साल बुजुर्ग भरोसा ठाकुर यह प्रहार करते थे. लेकिन उनके निधन के बाद इस परंपरा को उनके बेटे बीरेंद्र ठाकुर ने निभाया.

छत्तीसगढ़ की खुशहाली के लिए बघेल ने खाया चाबुक

आदिवासियों का मिलता है आशीर्वाद: इस मौके पर सीएम ने कहा "लक्ष्मी पूजा की रात को गौरा गौरी की स्थापना की जाती है. आदिवासियों समाज नगर भ्रमण कर चौक में उसकी स्थापना करते हैं. गांवभर के लोग पूजा अर्चना कर नारियल चढ़ाते हैं. परंपरागत नृत्य संगीत भी होता है. उसके बाद विसर्जन करते हैं. आदिवासियों की परंपरा है. मैं लगातार हर साल आता हूं. ये मेरा सौभाग्य है. इसके जरिए आशीर्वाद मिलता है. उनका अपनापन मिलता है. आदिवासियों की परंपरा का निर्वहन भी होता है.

सोटा निभाने की परंपरा निभाने के बाद सीएम बघेल

सीएम भूपेश बघेल ने गृहग्राम में मनाई दिवाली, लक्ष्मी माता से मांगा ये आशीर्वाद

दुर्ग: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दुर्ग जिले के कुम्हारी के जजंगिरी गांव पहुंचे. सीएम यहां गौरा गौरी पूजा में शामिल हुए. प्रदेश की खुशहाली के लिए सीएम ने सोटा (चाबुक) सहने की परंपरा निभाई. जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. हर साल बुजुर्ग भरोसा ठाकुर यह प्रहार करते थे. लेकिन उनके निधन के बाद इस परंपरा को उनके बेटे बीरेंद्र ठाकुर ने निभाया.

छत्तीसगढ़ की खुशहाली के लिए बघेल ने खाया चाबुक

आदिवासियों का मिलता है आशीर्वाद: इस मौके पर सीएम ने कहा "लक्ष्मी पूजा की रात को गौरा गौरी की स्थापना की जाती है. आदिवासियों समाज नगर भ्रमण कर चौक में उसकी स्थापना करते हैं. गांवभर के लोग पूजा अर्चना कर नारियल चढ़ाते हैं. परंपरागत नृत्य संगीत भी होता है. उसके बाद विसर्जन करते हैं. आदिवासियों की परंपरा है. मैं लगातार हर साल आता हूं. ये मेरा सौभाग्य है. इसके जरिए आशीर्वाद मिलता है. उनका अपनापन मिलता है. आदिवासियों की परंपरा का निर्वहन भी होता है.

सोटा निभाने की परंपरा निभाने के बाद सीएम बघेल

सीएम भूपेश बघेल ने गृहग्राम में मनाई दिवाली, लक्ष्मी माता से मांगा ये आशीर्वाद

Last Updated : Oct 25, 2022, 3:42 PM IST
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