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कांग्रेस के लिए 'ब्रह्मास्त्र' बना गले की 'फांस', पुनिया ने सरकार को दी नसीहत

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Published : Jun 5, 2019, 2:07 PM IST

Updated : Jun 5, 2019, 2:42 PM IST

छत्तीसगढ़िया, स्थानीय और बाहरी की राजनीति अब कांग्रेस के गले की फांस बनती नजर आ रही है.

भूपेश बघेल

रायपुर: प्रदेश में एक बार फिर से छत्तीसगढ़िया, स्थानीय और बाहरी को लेकर राजनीति तेज हो गई है. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से लगातार नई सरकार खुद के छत्तीसगढ़िया सरकार होने का दावा करते दिखी है.

कांग्रेस सरकार को पीएल पुनिया की नसीहत

पुनिया ने दी नसीहत
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद समीक्षा में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने छत्तीसगढ़िया और बाहरी जैसे भेद को खत्म करने की नसीहत दे दी है. पुनिया की नसीहत पर गौर करें तो लगता है कि छत्तीसगढ़िया कार्ड अब सरकार के लिए मुसीबत बनने लगा है.

संगठन मजबूत करना बड़ी चुनौती
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की दो तिहाई बहुमत से सरकार बनने के बाद भी लोकसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा. इस शिकस्त ने पार्टी के आला नेताओं की चिंता और बढ़ा दी है. जाहिर सी बात है, नगरीय निकाय चुनाव सामने हैं. इन चुनावों से पहले संगठन को मजबूत करना पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.

'सरकार की कार्यशैली में सुधार पर जोर'
पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने सरकार की कार्यशैली में सुधार करने पर जोर दिया है. छत्तीसगढ़ की निर्वाचित सरकार के शुरुआती दिनों से लेकर अब तक यह मैसेज दिया जा रहा था कि, छत्तीसगढ़िया सरकार है और इसमें छत्तीसगढ़िया और बाहरी का मुद्दा लगातार चल रहा था, लेकिन अब प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने साफ कह दिया है कि 'छत्तीसगढ़ में सबसे पहले संगठन के भीतर छत्तीसगढ़िया और बाहरी जैसे भेद को खत्म करना है और इसके साथ ही संगठन के बाहर भी प्रदेश में ये मैसेज देना गलत है कि, छत्तीसगढ़िया और बाहरी यह सरकार किसकी है'.

अटल नगर का नाम बदला
वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार अपनी सरकार को छत्तीसगढ़िया होने का तमगा दिए जा रहे हैं. कोरबा दौरे के दौरान भी उन्होंने मीडिया के नया रायपुर के नाम को बदलने के सवाल के जवाब में मीडिया से ही छत्तीसगढ़ी में सवाल कर दिया कि 'नया रायपुर ला नवा रायपुर कहिबो की नई, हमन वो ही तो करत हन. नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली वइसे नवा रायपुर अऊ पुराना रायपुर.'

बीजेपी ने कसा तंज
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने अब कांग्रेस के इस तरह के बैकफुट में आने पर तंज कसा है. बीजेपी के पदाधिकारियों ने कहा है कि 'पहले छत्तीसगढ़िया और स्थानीय सरकार बनाने वाले अब अपने सुर से पलटते दिख रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया छत्तीसगढ़िया और बाहरी जैसे भेद को खत्म करने के लिए अपने कार्यकर्ताओं से आग्रह कर रहे हैं.

'वोट के लिए की छत्तीसगढ़िया की बात'
बीजेपी नेताओं ने कहा कि 'वोट बटोरना था तो छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़िया की बात करते थे और अब इसे बंद करने की बात कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ी और छत्तीसगढ़ियों को लेकर बीजेपी का क्या मापदंड है ये सरकार स्पष्ट करे'.

उल्टा पड़ा छत्तीसगढ़िया कार्ड
पुनिया की बात से ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ में लोकल टच देकर स्थानीय सरकार का दावा करने वाली सरकार पर छत्तीसगढ़िया और बाहरी का कार्ड अब उल्टा पड़ने लगा है.

रायपुर: प्रदेश में एक बार फिर से छत्तीसगढ़िया, स्थानीय और बाहरी को लेकर राजनीति तेज हो गई है. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से लगातार नई सरकार खुद के छत्तीसगढ़िया सरकार होने का दावा करते दिखी है.

कांग्रेस सरकार को पीएल पुनिया की नसीहत

पुनिया ने दी नसीहत
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद समीक्षा में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने छत्तीसगढ़िया और बाहरी जैसे भेद को खत्म करने की नसीहत दे दी है. पुनिया की नसीहत पर गौर करें तो लगता है कि छत्तीसगढ़िया कार्ड अब सरकार के लिए मुसीबत बनने लगा है.

संगठन मजबूत करना बड़ी चुनौती
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की दो तिहाई बहुमत से सरकार बनने के बाद भी लोकसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा. इस शिकस्त ने पार्टी के आला नेताओं की चिंता और बढ़ा दी है. जाहिर सी बात है, नगरीय निकाय चुनाव सामने हैं. इन चुनावों से पहले संगठन को मजबूत करना पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.

'सरकार की कार्यशैली में सुधार पर जोर'
पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने सरकार की कार्यशैली में सुधार करने पर जोर दिया है. छत्तीसगढ़ की निर्वाचित सरकार के शुरुआती दिनों से लेकर अब तक यह मैसेज दिया जा रहा था कि, छत्तीसगढ़िया सरकार है और इसमें छत्तीसगढ़िया और बाहरी का मुद्दा लगातार चल रहा था, लेकिन अब प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने साफ कह दिया है कि 'छत्तीसगढ़ में सबसे पहले संगठन के भीतर छत्तीसगढ़िया और बाहरी जैसे भेद को खत्म करना है और इसके साथ ही संगठन के बाहर भी प्रदेश में ये मैसेज देना गलत है कि, छत्तीसगढ़िया और बाहरी यह सरकार किसकी है'.

अटल नगर का नाम बदला
वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार अपनी सरकार को छत्तीसगढ़िया होने का तमगा दिए जा रहे हैं. कोरबा दौरे के दौरान भी उन्होंने मीडिया के नया रायपुर के नाम को बदलने के सवाल के जवाब में मीडिया से ही छत्तीसगढ़ी में सवाल कर दिया कि 'नया रायपुर ला नवा रायपुर कहिबो की नई, हमन वो ही तो करत हन. नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली वइसे नवा रायपुर अऊ पुराना रायपुर.'

बीजेपी ने कसा तंज
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने अब कांग्रेस के इस तरह के बैकफुट में आने पर तंज कसा है. बीजेपी के पदाधिकारियों ने कहा है कि 'पहले छत्तीसगढ़िया और स्थानीय सरकार बनाने वाले अब अपने सुर से पलटते दिख रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया छत्तीसगढ़िया और बाहरी जैसे भेद को खत्म करने के लिए अपने कार्यकर्ताओं से आग्रह कर रहे हैं.

'वोट के लिए की छत्तीसगढ़िया की बात'
बीजेपी नेताओं ने कहा कि 'वोट बटोरना था तो छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़िया की बात करते थे और अब इसे बंद करने की बात कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ी और छत्तीसगढ़ियों को लेकर बीजेपी का क्या मापदंड है ये सरकार स्पष्ट करे'.

उल्टा पड़ा छत्तीसगढ़िया कार्ड
पुनिया की बात से ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ में लोकल टच देकर स्थानीय सरकार का दावा करने वाली सरकार पर छत्तीसगढ़िया और बाहरी का कार्ड अब उल्टा पड़ने लगा है.

Intro:0406 RPR CHHATTISGARIYA SARKAR LOSS SPECIAL

प्रदेश में एक बार फिर से छत्तीसगढ़िया स्थानीय और बाहरी को लेकर राजनीति तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के नतीजो के बाद से लगातार नई सरकार ने अपने आपको छत्तीसगढ़िया सरकार होने का दावा करते दिखी है। लेकिन अब लोकसभा चुनाव के नतीजो के बाद समीक्षा में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने छत्तीसगढ़िया और बाहरी जैसे भेद को खत्म करने की नसीहत दे दी है। ये छत्तीसगढ़िया कार्ड अब सरकार कर लिए मुसीबत बनने लगा है। पेश है विशेष रिपोर्ट
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वीओ

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की फुल मेजरटी में आने वाली सरकार बनने के बाद भी लोकसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है इसलिए पार्टी के आला नेताओं की चिंता और बढ़ गई है। क्योंकि अब सामने नगरीय निकाय चुनाव होने हैं और इससे पहले संगठन को मजबूत करना पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। इसे लेकर अब पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने सरकार की कार्यशैली में सुधार करने पर जोर दिया है। छत्तीसगढ़ के निर्वाचित सरकार के शुरुआती दिनों से लेकर अब तक यह मैसेज दिया जा रहा था कि छत्तीसगढ़िया सरकार है और इसमें छत्तीसगढ़िया और बाहरी का मुद्दा लगातार चल रहा था । लेकिन अब प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया साफ कह दिया है कि छत्तीसगढ़ में सबसे पहले संगठन के भीतर छत्तीसगढ़िया और बाहरी जैसे भेद को खत्म करना है । साथ ही संगठन के बाहर भी प्रदेश में या मैसेज देना गलत है कि छत्तीसगढ़िया और बाहरी यह सरकार किसकी है। वही दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार अपनी सरकार को छत्तीसगड़िया होने का तमगा दिए जा रहे है। आज कोरबा में दौरे में भी उन्होंने मीडिया से नया रायपुर के नाम को बदलने पर मीडिया से ही छत्तीसगढ़ी में सवाल कर दिया कि "नया रायपुर ला नवा रायपुर कहिबो की नई, हमन वो ही तो करत हन. नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली वइसे नवा रायपुर अऊ पुराना रायपुर-

बाईट- भूपेश बघेल, सीएम, छत्तीसगढ़

वही दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने अब कांग्रेस के इस तरह के बैकफुट में आने पर तंज कसा है। बीजेपी के पदाधिकारियों ने कहा है कि पहले छत्तीसगढ़िया और स्थानीय सरकार बनाने वाले अब अपने सुर से पलटते दिख रहे। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने छत्तीसगढ़िया और बाहरी जैसे भेद को खत्म करने के लिए अपने कार्यकर्ताओं से आग्रह कर रहे है। वोट बटोरना था तो छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़िया की बात करते थे, और अब इसे बंद करने की बात कर रहे है। छत्तीसगढ़ी और छत्तीसगढ़ियों को लेकर बीजेपी का क्या मापदंड है ये सरकार स्पष्ठ करे।

बाईट- गौरीशंकर श्रीवास, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा



ऐसे में प्रदेश में एक बात तो साफ हो रही है कि छत्तीसगढ़ में लोकल टच देकर स्थानीय सरकार का दावा करने वालो सरकार पर छत्तीसगढ़िया और बाहरी का कार्ड अब उल्टा पड़ने लगा है।

पीटीसी

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर।Conclusion:
Last Updated : Jun 5, 2019, 2:42 PM IST
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