रायपुर: छत्तीसगढ़ बस कर्मचारी कल्याण संघ के बैनर तले बसों के ड्राइवर और कंडक्टरों ने अपनी 11 सूत्रीय मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को बस कर्मचारी संघ अपनी मांग को लेकर रैली निकालकर मुख्यमंत्री निवास को घेरने की कोशिश की. लेकिन पुलिस ने उन्हें कोरोना और सोशल डिस्टेंसिंग का हवाला देकर स्मार्ट सिटी के दफ्तर के सामने ही रोक दिया. इसके बाद बस कर्मचारी संघ के लोगों ने सड़क पर बैठकर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही ड्राइवर और कंडक्टरों ने मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में प्रदर्शन कर अपना गुस्सा निकाला.
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बस कर्मचारी संघ का कहना है कि बस मालिक स्थानीय ड्राइवर और कंडक्टर को बस का संचालन नहीं करने देते हैं. बाकायदा बस मालिक दूसरी जगहों से बस के ड्राइवर और कंडक्टर को बुलाकर बसों का संचालन करा रहे हैं. कोरोना और लॉकडाउन के बाद प्रदेश में पिछले ढाई महीने से लगभग 10 प्रतिशत बसों का संचालन ही शुरू हो सका है, लेकिन प्रदेश के 45 हजार से अधिक ड्राइवर और कंडक्टर पिछले 6 महीने से बेरोजगार बैठे हैं.
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ड्राइवर और कंडक्टर 6 महीने से बीमार
दरअसल, राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर ड्राइवर और कंडक्टर अपनी 11 सूत्रीय मांग को लेकर 12 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. बस कर्मचारी संघ 14 दिन से धरने पर बैठे हैं. बस कर्मचारी संघ का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. वहीं ड्राइवर और कंडक्टरों का कहना है कि वह पिछले 6 महीने से बेरोजगार हो चुके हैं. अब परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया है.
ड्राइवर और कंडक्टरों को परिवार पालने में हो रही दिक्कत
बसों का संचालन करने वाले ड्राइवर और कंडक्टर पिछले 6 महीने से जैसे-तैसे अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं. बस मालिकों की कुछ मांगों को सरकार के द्वारा पूरा किए जाने के बाद बस मालिकों ने राहत की सांस ली है, लेकिन प्रदेश के ड्राइवर और कंडक्टर को इसका फायदा नहीं मिल पाया. जिसकी वजह से बस कर्मचारी संघ को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है.
बस ड्राइवर और कंडक्टर्स की मांग
- पिछले 6 महीने का बेरोजगारी भत्ता दिया जाए.
- चालक परिचालक का नियमित वेतन दिया जाए
- नियमित ड्यूटी एवं श्रमिकों को शासन की हर योजना का लाभ दिया जाए
- आकस्मिक दुर्घटना होने पर बीमा का लाभ एक माह के अंदर दिया जाए
- चालक परिचालक और हेल्पर को दुर्घटना में मृत्यु होने पर 25000 रुपये की आर्थिक मदद की जाए
- प्रदेश में बसों का संचालन 100 प्रतिशत शुरू किया जाए
- सभी बस कर्मचारियों को काम दिया जाए
- चालक परिचालक हेल्पर को कलेक्टर दर पर बैंक खाते में भुगतान किया जाए
- बसों में कार्यरत कर्मचारी कर्मचारियों को यूनियन से पंजीकृत करना अनिवार्य किया जाए
- छत्तीसगढ़ के निवासी को प्राथमिकता दी जाए.
- बसों का संचालन बस स्टैंड से शासन के नियमों के अनुरूप और संचालन कराने की जवाबदेही बस कर्मचारी संघ को सौंपी जाए.
- बस स्टैंड परिसर में पुलिस चौकी और असामाजिक तत्वों को स्टैंड परिसर में प्रवेश निषेध किया जाए.
- नया बस स्टैंड में बालाजी ट्रस्ट दूधाधारी मठ इंटर स्टेट हाईटेक बस स्टैंड परिसर में बस कर्मचारी संघ के लिए विश्रामगृह की निशुल्क व्यवस्था की जाए.
- छत्तीसगढ़ राज्य के सभी जिला बस स्टैंड परिसर में बस कर्मचारी विश्राम गृह और संगठन कार्यालय संचालित करने के लिए निशुल्क भवन उपलब्ध कराया जाए.