रायपुर: आइए बात करते हैं, छत्तीसगढ़ निर्माण से लेकर अब तक कितने वित्त मंत्री हुए, कितने का बजट पेश किया गया. इस बजट में कितने प्रतिशत इजाफा किया गया. इन सारी बातों की जानकारी के लिए देखिए खास रिपोर्ट.
ऐसा रहा राज्य में बजट का सफर: 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश से अलग होकर एक नया राज्य बना. नया राज्य बनने के बाद इस राज्य की कमान कांग्रेस ने अजीत जोगी को सौंपी. उसके बाद से लगातार छत्तीसगढ़ राज्य का अपना बजट पेश होने लगा. छत्तीसगढ़ निर्माण से लेकर अब तक 23 वर्षों में कुल 4 वित्त मंत्री बने, जिसमें से दो फुल टाइम और दो पार्ट टाइम थे. पार्ट टाइम इसलिए की चाहे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह हो या वर्तमान के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हो, इन्होंने वित्त विभाग अपने पास रखा. आइए आपको बताते हैं कि कब किसने कितने का बजट पेश किया और उसमें कितना इजाफा हुआ.
छत्तीसगढ़ का पहली बजट इन्होंने पेश किया: जब साल 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बना तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कोरिया राजघराने से ताल्लुक रखने वाले स्वर्गीय डॉक्टर रामचंद्र सिंहदेव को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी. छत्तीसगढ़ के पहले वित्त मंत्री रामचंद्र सिंहदेव थे. इन्होंने बतौर वित्त मंत्री तीन बार छत्तीसगढ़ का बजट पेश किया. रामचंद्र को अर्थ का बेहतर जानकार माना जाता था. 1967 में पहली बार चुनाव जीतकर पहले अविभाजित मध्यप्रदेश के मंत्री रह चुके थे.
यह मुख्यमंत्री अजीत जोगी कार्यकाल का बजट रहा. इसके बाद साल 2003 में विधानसभा चुनाव हुए. जिसमें कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा और प्रदेश की सत्ता पर भाजपा काबिज हो गई. डॉक्टर रमन सिंह मुख्यमंत्री बने. डॉक्टर ने अपने कैबिनेट में अमर अग्रवाल को वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी. जिसके बाद अग्रवाल ने बतौर वित्त मंत्री तीन बार बजट पेश किया. अमर अग्रवाल को कम खर्चीली वाले वित्त मंत्री के रूप में जाना जाता है. साल 2006 में अमर अग्रवाल ने वित्त विभाग से इस्तीफा दे दिया था.
वित्त विभाग रमन सिंह ने लिया अपने हाथ: साल 2006 में अमर अग्रवाल ने वित्त विभाग छोड़ दिया उसके बाद मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने वित्त विभाग की जिम्मेदारी संभाली और वे साल 2018 में सरकार जाने तक वित्त मंत्री बने रहे. इस बीच डॉ रमन सिंह ने 2007 में पहला बजट की पेश किया. उसके बाद 2018 तक उन्होंने कुल 12 बजट पेश किए. अपने कार्यकाल के आखिरी साले आने दो हजार अट्ठारह उन्नीस में डॉ रमन सिंह ने बजट के साथ-साथ दो अनुपूरक बजट भी पेश किया.
जानिए किसने कब पेश किया बजट:
- 2001-02 में तत्कालीन वित्त मंत्री रामचंद्र सिंहदेव ने 7 हजार 294 करोड़ का बजट पेश किया.
- 2002-03 सहदेव ने ही 8 हजार 471 करोड़ के आम बजट पेश किया गया.
- 2003-04 में 9 हजार 978 रुपए का बजट पेश किया गया.
- 2004-05 में अमर अग्रवाल ने 10 हजार 555 करोड़ का बजट पेश किया.
- 2005-06 में अमर अग्रवाल ने 11 हजार 292 करोड़ रुपए का बजट पेश किया.
- 2006-07 मैं अमर अग्रवाल ने 13 हजार185 करोड़ रुपए का बजट पेश किया है.
- 2007-08 मैं 16 हजार 473 करोड़ों रुपए का बजट पेश किया गया.
- 2008-09 में 19 हजार 392 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया.
- 2009-10 में 23 हजार 482 करोड रुपए का बजट पेश किया गया.
- 2010-11 में 26 हजार 99 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया.
- 2011-12 में 32 हजार 470 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया.
- 2012-13 में 39 हजार 677 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया.
- 2013-14 में 44 हजार 169 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया.
- 2014-15 में 54 हजार 710 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया.
- 2015-16 में 65 हजार 13 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया.
- 2016-17 में 76 हजार 32 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया.
- 2017-18 में 88 हजार 599 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया.
- 2018-19 में 83 हजार 179 करोड रुपये का बजट पेश किया. इस साल कुल 3 अनुपूरक बजट पेश किया गया. जिसमें से 2 डॉ रमन सिंह और 1 भूपेश बघेल ने पेश किया.
- 2019-20 में 95 हजार 899 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया.
- 2020-21 में 95 हजार 650 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया.
- 2021-22 में 97 हजार 106 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया.
- 2022-23 में 1 लाख 4 हजार 603 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया.
सत्ता परिवर्तन के बाद भूपेश बघेल ने संभाली वित्त मंत्री की कमान: साल 2018 के अंत में विधानसभा चुनाव हुए और भाजपा यह चुनाव बुरी तरह हार गई. 15 साल सत्ता पर काबिज रहने वाली भाजपा मैच 15 सीटों पर सिमट कर रह गई. इसके बाद छत्तीसगढ़ की कमान कांग्रेस ने भूपेश बघेल ने सौप दी. भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया. मुख्यमंत्री बनने के बाद रमन सिंह की तरह भूपेश बघेल ने भी प्रदेश का खजाना यानी कि वित्त विभाग अपने पास रखा और उसके बाद से लगातार बजट पेश करते आ रहे हैं. 2018-19 में बतौर वित्त मंत्री भूपेश बघेल ने अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया. इसके बाद 2019-20 के बजट के साथ-साथ एक अनुपूरक बजट भी बघेल ने पेश किया था.
भूपेश बघेल कर सकते हैं सबसे बड़ा बजट पेश: बता दें कि इस साल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपना पांचवा बजट बतौर वित्त मंत्री के रूप में पेश करने जा रहे हैं. वह इनके इस कार्यकाल का अंतिम बजट होगा । यह बजट 6 मार्च को पेश किया जाएगा. एक अनुमान के मुताबिक इस बार का बजट लगभग 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपये से ऊपर हो सकता है. जो अब तक का सबसे बड़ा बजट हो सकता है. इस बार के बजट से लोगों को खासी उम्मीद है. वही भूपेश सरकार भी चाहेगी कि इस बजट से ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को खुश कर सके. क्योंकि साल के अंत में चुनाव हैं. ऐसे में भूपेश बघेल किसी वर्ग को नाराज नहीं करना चाहेगी. यही वजह है कि यह बजट काफी लोक लुभावन हो सकता है.