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Chhattisgarh Budget Session 2023: चिटफंड कंपनियों में फंसे रकम पर विपक्ष का सदन में हंगामा

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Published : Mar 17, 2023, 3:05 PM IST

Updated : Mar 17, 2023, 3:22 PM IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को शून्यकाल में चिटफंड निवेशकों के मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ. भाजपा विधायकों ने चिटफंड कंपनियों में फंसे रकम को लेकर सरकार को घेरा. चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई और राशि रिफंड पर भाजपा ने स्थगन प्रस्ताव दिया. उसके बाद विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर अड़ा रहा. chit fund investors issue in cg assembly

Chhattisgarh Budget Session 2023
छत्तीसगढ़ बजट सत्र 2023

रायपुर: शून्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा चिटफंड का मामला गूंजा. भाजपा लगातार राज्य सरकार पर हमलावर रही. भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि "चिटफंड निवेशकों के सिर्फ 32 करोड़ रुपये ही वापस हुए हैं. सरकार कार्रवाई के नाम पर बंदरबांट कर रही है. हजार करोड़ की राशि फंसी है." इस बीच मंत्रियों के टोका टाकी पर भाजपा विधायकों ने आपत्ति जताई. भाजपा विधायकों की संपत्ति पर मंत्री शिव कुमार डहरिया ने कहा कि "सरकार से प्रश्न है तो जवाब भी सरकार ही देगी. गलत बोलेंगे तो हस्तक्षेप तो करना होगा."

विपक्ष का हमला लगातार जारी रहा: शिवरतन शर्मा के बाद बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने भी सदन में अपनी बात रखी. अजय चंद्राकर ने कहा कि "शून्यकाल में कांग्रेसी सदस्य हमारे जवाब के बीच टोकेंगे तो हम नहीं बोलेंगे. आसंदी ने व्यवस्था देते हुए कहा कि सभी सहयोग करें. जिन सदस्य का नाम हो केवल वही बोलें. जितनी कार्रवाई होनी थी. वह नहीं हो रही है." जिस पर विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि "यूपीए सरकार में चिटफंड कंपनियों की शुरुआत हुई. आज निवेशक सरकार की ओर आंख फाड़ कर देख रहे हैं." विधायक धर्मजीत सिंह ने भी सरकार को घेरते हुए कहा कि "दोषी कौन है यह सरकार को तय करना है. जांच करें, चिटफंड कंपनियों के प्रभावितों को राशि लौटाएं." इस बीच नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि "एक कंपनी का 3000 करोड़ फंसा हुआ है. सरकार जांच नहीं करा रही है."

यह भी पढ़ें: Chhattisgarh Budget Session: मोटल किराये के सवाल पर प्रश्नकाल में मंत्री ताम्रध्वज साहू ने दिया ये जवाब


भाजपा विधायकों ने स्थगन पर चर्चा कराने की मांग रखी. भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि "इस मामले में लगभग 200 करोड की जमीन का बंदरबांट हुआ है." भाजपा के विधायकों के इन आरोप पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताई. इस बीच सदन में दोनों पक्षों के बीच नोंक झोंक ओर जमकर हंगामा हुआ. इस शोरगुल के बीच कांग्रेस के सदस्यों ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने ही चिटफंड कंपनियों का उद्घाटन किया था.

रायपुर: शून्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा चिटफंड का मामला गूंजा. भाजपा लगातार राज्य सरकार पर हमलावर रही. भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि "चिटफंड निवेशकों के सिर्फ 32 करोड़ रुपये ही वापस हुए हैं. सरकार कार्रवाई के नाम पर बंदरबांट कर रही है. हजार करोड़ की राशि फंसी है." इस बीच मंत्रियों के टोका टाकी पर भाजपा विधायकों ने आपत्ति जताई. भाजपा विधायकों की संपत्ति पर मंत्री शिव कुमार डहरिया ने कहा कि "सरकार से प्रश्न है तो जवाब भी सरकार ही देगी. गलत बोलेंगे तो हस्तक्षेप तो करना होगा."

विपक्ष का हमला लगातार जारी रहा: शिवरतन शर्मा के बाद बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने भी सदन में अपनी बात रखी. अजय चंद्राकर ने कहा कि "शून्यकाल में कांग्रेसी सदस्य हमारे जवाब के बीच टोकेंगे तो हम नहीं बोलेंगे. आसंदी ने व्यवस्था देते हुए कहा कि सभी सहयोग करें. जिन सदस्य का नाम हो केवल वही बोलें. जितनी कार्रवाई होनी थी. वह नहीं हो रही है." जिस पर विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि "यूपीए सरकार में चिटफंड कंपनियों की शुरुआत हुई. आज निवेशक सरकार की ओर आंख फाड़ कर देख रहे हैं." विधायक धर्मजीत सिंह ने भी सरकार को घेरते हुए कहा कि "दोषी कौन है यह सरकार को तय करना है. जांच करें, चिटफंड कंपनियों के प्रभावितों को राशि लौटाएं." इस बीच नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि "एक कंपनी का 3000 करोड़ फंसा हुआ है. सरकार जांच नहीं करा रही है."

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भाजपा विधायकों ने स्थगन पर चर्चा कराने की मांग रखी. भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि "इस मामले में लगभग 200 करोड की जमीन का बंदरबांट हुआ है." भाजपा के विधायकों के इन आरोप पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताई. इस बीच सदन में दोनों पक्षों के बीच नोंक झोंक ओर जमकर हंगामा हुआ. इस शोरगुल के बीच कांग्रेस के सदस्यों ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने ही चिटफंड कंपनियों का उद्घाटन किया था.

Last Updated : Mar 17, 2023, 3:22 PM IST
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