छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र, 90 विधायकों ने ली शपथ, रमन सिंह बने विस अध्यक्ष - Chhattisgarh Assembly winter session first day
Chhattisgarh Assembly winter session छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव सहित सभी 90 विधायकों ने शपथ लिया. ज्यादातर विधायकों ने छत्तीसगढ़ी भाषा में शपथ ली. शपथ ग्रहण के बाद पूर्व सीएम रमन सिंह विधानसभा अध्यक्ष बनें.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Dec 19, 2023, 9:36 AM IST
|Updated : Dec 19, 2023, 2:01 PM IST
रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हुआ. सत्र के पहले दिन प्रोटेम स्पीकर रामविचार नेताम ने छत्तीसगढ़ के सभी 90 विधायकों को शपथ दिलाई. छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने सबसे पहले शपथ ली. साय ने छत्तीसगढ़ भाषा में शपथ ली. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भी छत्तीसगढ़ी भाषा में ही शपथ ली. डिप्टी सीएम अरुण साव, डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने भी छत्तीसगढ़ी में शपथ ली. इसके साथ ही विक्रम उसेंडी, धरमजीत सिंह, लखेश्वर बघेल, दलेश्चर साहू, सहित सभी विधायकों ने छत्तीसगढ़ी में शपथ लिया.
भरतपुर सोनहत से विधायक चुनी गई रेणुका सिंह ने शपथ लिया. मनेंद्रगढ़ से विधायक चुने गए श्याम बिहारी जायसवाल ने शपथ ली. बैकुंठपुर से विधायक चुने गए भईया लाल राजवाड़े, प्रेम नगर से विधायक बने भूलनसिंह मरावी, भटगांव से विधायक बनी लक्ष्मी राजवाड़े, प्रतापपुर से विधायक बनी शकुंतला पोर्ते ने शपथ ली. रायपुर दक्षिण से विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ी में शपथ ली. गुरु खुशवंत साहेब ने संस्कृत में विधायक पद की शपथ ली. कुरुद विधायक अजय चंद्राकर ने हिंदी में शपथ ली.
रमन सिंह बने विधानसभा अध्यक्ष: सभी 90 विधायकों के शपथ ग्रहण के बाद स्पीकर पद के लिए रमन सिंह के नाम पर 5 प्रस्ताव पेश किए गए. सत्ता पक्ष की ओर से विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम विजय शर्मा, बृजमोहन अग्रवाल, भावना बोहरा, अजय चंद्राकर ने प्रस्ताव पेश किए. विपक्ष में पूर्व सीएम भूपेश बघेल, कांग्रेस विधायक दल के नेता चरणदास महंत ने रमन सिंह के विधानसभा अध्यक्ष पर प्रस्ताव पेश किया. जिसके बाद रमन सिंह विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त किए गए.
भूपेश बघेल ने रमन सिंह पर ली चुटकी: रमन सिंह के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने उन्हें बधाई दी. बघेल ने कहा " रमन सिंह का लंबा अनुभव, लोकसभा सदस्य, राज्यमंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में रहा है. इस पवित्र सदन में कई नई परंपराओं का निर्वहन हुआ है जब रिजल्ट आया तो मैं सोच रहा था की मैं अकेला ही भूतपूर्व मुख्यमंत्री रहूंगा लेकिन आपने रहने नहीं दिया हम दोनों की भूमिकाएं बदल गई इसीलिए हिसाब किताब बराबर हो गया."
जहां आप बैठे वो मेरा अतीत: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने नए विस अध्यक्ष रमन सिंह के लिए कहा - हम सब आपके स्वभाव को जानते हैं. आप एक बेहतर इंसान हैं. छत्तीसगढ़ की अपने 15 साल तक सेवा की है. ये हम सबने देखा है.छत्तीसगढ़ के लोगों के बीच आपका प्रभाव प्रशंसनीय रहा है, मैं आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं.आज आप जहां पर बैठें हैं वो मेरा अतीत है, आज मैं यहां हूं ये मेरा वर्तमान है. वर्तमान का हमेशा अतीत के प्रति आदर और सद्भाव रहेगा, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं मेरे साथी हमेशा आपके साथ खड़े रहेंगे.इधर-उधर की बातें आपसे निष्पक्षता से हो ऐसा हम चाहते हैं हमने अपने कार्यकाल के दौरान आधे से ज्यादा समय इधर को दिया. इसलिए आपसे अपेक्षा रखते हैं कि इस बात का ध्यान रखेंगे.
चरणदास महंत ने कहा जब हम दोनों सांसद थे तब हम दोनों के बीच अच्छी मित्रता थी जो सबको खटकती थी. आपकी हमारी दोस्ती को बहुत लोगों की नजर लगी थी. मैं आपको एक बात याद दिलाना चाहता हूं, आप संसद सदस्य से अध्यक्ष तब थोड़ी दरार आने लगी जब आप मुख्यमंत्री बने तब दरार बढ़ गई.
महंत ने रमन सिंह के लिए लाइनें कही
जो हमने तुम्हें करार था तुम्हें याद हो के ना हो.
छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के दूसरे दिन राज्यपाल का अभिभाषण: सत्र के दूसरे दिन 20 दिसंबर को राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन का अभिभाषण होगा. इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव लाया जाएगा. इसी दिन सीएम विष्णुदेव साय अनुपूरक बजट पेश करेंगे. उसके बाद मंत्रियों का परिचय और सरकारी कामकाज निपटाए जाएंगे.
अनुपूरक बजट पर चर्चा: छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे और आखिरी दिन अनुपूरक बजट के अनुदान मांगों पर चर्चा होगी. मतदान और विनियोग विधेयक पर पुनर्स्थापन होगा. राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद सरकारी काम निपटाए जाएंगे. छत्तीसगढ़ की छठी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कुल तीन बैठकें होंगी. कांग्रेस की तरफ से वरिष्ठ विधायक चरणदास महंत को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा की सुरक्षा सख्त: दिल्ली में संसद सुरक्षा कांड के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा की सुरक्षा सख्त कर दी गई है. वीआईपी गेट से सिर्फ विधायक ही प्रवेश करेंगे. विधानसभा परिसर में प्रवेश की अनुमति सिर्फ इंट्री पास रखने वालों को ही मिलेगी. वहीं विधायकों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ आने वाले कार्यकर्ताओं के लिए विधानसभा परिसर के सभागार में व्यवस्था की गई है.