रायपुरः कोरोना संक्रमण काल में एक ओर जहां लोगों की नौकरियां छिन गईं, वहीं दूसरी ओर राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट में नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगारों से ठगी का सिलसिला भी बदस्तूर चल पड़ा है. पक्की नौकरी, अच्छी सैलरी, रहने-खाने की निःशुल्क सुविधा और मेडिकल के साथ इंश्योरेंस की भी सुविधा देने का इश्तिहार इन दिनों अखबारों में भी जोरों से देखने को मिल रहा है. ठगी करने वाले गिरोह ने एयरपोर्ट में अलग-अलग पोस्ट जैसे ग्राउंड स्टाफ, सुपरवाइजर, चेकर, एयर हॉस्टेस, कंप्यूटर ऑपरेटर, गार्ड और हेल्पर जैसी पोस्ट के लिए इश्तिहार दिये गए हैं. ईटीवी भारत की टीम ने ऐसे विज्ञापनों की पड़ताल की और यह जाना कि किस तरह बेरोजगारों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है.
जगह-जगह इश्तिहार छपवाकर अनपढ़, 8वीं, 10वीं और 12वीं में लड़के-लड़कियों को नौकरी देने के नाम पर एक नंबर दिया गया है. इस नंबर पर लोग जब फोन करते हैं तो पहले व्हाट्सएप के जरिये डॉक्यूमेंट मंगवाए जाते हैं. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के नाम पर ठगी करने वालों द्वारा आवेदनकर्ता को फोन कर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की फीस मांगी जाती है. जब आवेदनकर्ता फी जमा कर देते हैं, उसके बाद नौकरी लगवाने के लिए जो नंबर जारी किया गया है वह कोई जवाब ही नहीं देता.
एयरपोर्ट से पता चला कि कोई विज्ञापन ही नहीं निकला
ठगी का शिकार हुए भूपेंद्र पटेल ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण उनकी नौकरी चली गई थी. इसके बाद उन्होंने एयरपोर्ट में नौकरी लगवाने का विज्ञापन देखा. विज्ञापन में दिये गये फोन नंबर पर फोन करने पर मार्कशीट, आधार कार्ड और बाकी डॉक्यूमेंट व्हाट्सएप के जरिये मंगवाया गया. उन्होंने जानकारी दी कि एयरपोर्ट में सुपरवाइजर का काम करना है. डॉक्यूमेंट सबमिशन के बाद उन्होंने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन फीस मांगी. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए उन्होंने 1500 रुपये जमा किये. फिर बताया कि सिलेक्शन हो गया है. इसके बाद दो-तीन बार में तकरीबन 2000 से 2500 रुपये लिये. जब एयरपोर्ट में जाकर पता किया गया, तो पता चला कि यहां से कोई भी विज्ञापन नहीं निकाला गया. तब पता चला कि हम ठगी के शिकार हुए हैं.
कम क्वालिफिकेशन में अच्छा पेमेंट देने की कही गई थी बात
ठगी के दूसरे शिकार बलराम तिवारी ने बताया कि उनके भाई ने यह विज्ञापन देखा था. उससे भी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए 1500 रुपये मागे गये. जब उनके द्वारा दिये गए लिंक पर पेमेंट कर दिया, उसके बाद से फोन अटेंड ही नहीं किया जा रहा है. फोन भी कोई अटेंड करता है तो अपशब्द का इस्तेमाल हो रहा है. उन्होंने बताया कि कम क्वालिफिकेशन में अच्छा पेमेंट देने की बात भी कही गई थी. इसी के झांसे में आकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के नाम पर उसके भाई के साथ ठगी हुई.
फीस मिल जाने के बाद फोन ही नहीं उठाते
वहीं, राजधानी के गजेंद्र साहू ने बताया राजधानी में इन दिनों नौकरी का झांसा देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. एयरपोर्ट पर नौकरी लगाने की तो बात कही जाती है, लेकिन जब उन्हें डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की फीस मिल जाती है तो वे लोग फिर फोन ही नहीं उठाते. जिस तरह से नौकरी का झांसा देकर लोगों से ठगी की जा रही है, इसे लेकर पीड़ितों ने सरकार से और पुलिस प्रशासन से भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने की अपील की है, बेरोजगार ठगी का शिकार न हों.
बोले एडिशनल एसपी-शिकायत दर्ज कराएं, जरूर होगी कार्रवाई
इस पूरे मामले पर जब ईटीवी भारत ने एडिशनल एसपी तारकेश्वर पटेल से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी का मामला सामने नहीं आया है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि किसी तरह से नौकरी लगाने के नाम पर कोई भी झांसा देता है या रुपये की मांग करता है तो उनके प्रलोभन में आने की जरूरत नहीं है. उन्होंने ठगी के शिकार हुए लोगों से भी अपील की है कि ऐसे लोग जिनसे कम रुपये की भी ठगी हुई है, वे इस मामले में आगे आकर शिकायत दर्ज कराएं. पुलिस उनपर जरूर कार्रवाई करेगी.
रायपुर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कार्यालय से नहीं होती भर्ती
इस बाबत रायपुर एयरपोर्ट अथॉरिटी के डायरेक्टर राकेश सहाय ने बताया एयरपोर्ट में नौकरी से संबंधित जो भी विज्ञापन निकलते हैं वे रायपुर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से नहीं होते. जो भी भर्तियां निकलती हैं, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के केंद्रीय मुख्यालय दिल्ली से ही निकाली जाती हैं. ऐसा विज्ञापन देखने पर लोगों को एक बार ऑफिसियल वेबसाइट www.aai.aero पर जाकर वेरीफाई जरूर कर लेना चाहिए.