रायपुर: आज से शक्ति की आराधना के दिन नवरात्र शुरू हो रहे हैं. हिंदू धर्म में नवरात्र का बहुत महत्व है. इस बार चैत्र नवरात्र 25 मार्च से शुरू होकर 2 अप्रैल तक चलेगी. इन नौ दिनों में देवी के नौ स्वरूपों की आराधना की जाएगी. नौ दिन मंत्रों और पूजन से पूरा वातावरण देवीमय हो जाएगा. इस बार मंदिरों में भक्तों की भीड़ नजर नहीं आएगी. कोविड-19 महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है. मां इस कठिन वक्त में कृपा करें. आप भी घर से बाहर न निकलें और घर में ही देवी पूजन करें.
राम नवमी 2 अप्रैल 2020 को मनाई जाएगी. इस साल चैत्र नवरात्र 25 मार्च से प्रारंभ हो जाएगा और विक्रम संवत 2070 का आरंभ भी होगा . 25 मार्च बुधवार के दिन सुबह 6:19 से घट स्थापना मुहूर्त आरंभ होगा जो सुबह 7:17 तक रहेगा और तिथि पूरे दिन रहेगी.
चैत्र नवरात्र की तिथियां-
- 25 मार्च : नवरात्रि का पहला दिन, प्रतिपदा, कलश स्थापना, चंद्र दर्शन और शैलपुत्री पूजन.
- 26 मार्च: नवरात्रि का दूसरा दिन, द्वितीया, बह्मचारिणी पूजन.
- 27 मार्च: नवरात्रि का तीसरा दिन, तृतीया, चंद्रघंटा पूजन.
- 28 मार्च: नवरात्रि का चौथा दिन, चतुर्थी, कुष्मांडा पूजन.
- 29 मार्च: नवरात्रि का पांचवां दिन, पंचमी, स्कंदमाता पूजन.
- 30 मार्च: नवरात्रि का छठा दिन, षष्ठी, सरस्वती पूजन.
- 31 मार्च: नवरात्रि का सातवां दिन, सप्तमी, कात्यायनी पूजन.
- 1 अप्रैल: नवरात्रि का आठवां दिन, अष्टमी, कालरात्रि पूजन, कन्या पूजन.
- 2 अप्रैल: नवरात्रि का नौवां दिन, राम नवमी, महागौरी पूजन, कन्या पूजन, नवमी हवन, नवरात्रि पारण.
घट स्थापना की तिथि और शुभ मुहूर्त
- घट स्थापना की तिथि: 25 मार्च
- प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 24 मार्च को दोपहर 2 बजकर 57 मिनट से.
- प्रतिपदा तिथि समाप्त: 25 मार्च को शाम 5 बजकर 26 मिनट तक.
- घट स्थापना मुहूर्त: 25 मार्च को सुबह 6 बजकर 19 मिनट से सुबह 7 बजकर 17 मिनट तक कुल अवधि: 58 मिनट
नवरात्रि का महत्व
साल में चार बार नवरात्रि आती है. आषाढ़ और माघ में आने वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र होते हैं जबकि चैत्र और अश्विन प्रगट नवरात्रि होती है. चैत्र के ये नवरात्र पहले प्रकट नवरात्र होते हैं. चैत्र नवरात्र से हिन्दू वर्ष की शुरुआत होती है. वहीं शारदीय नवरात्र के दौरान दशहरा मनाया जाता है. बता दें, हिन्दू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद पवित्र माना जाता है.
नवरात्रि व्रत के नियम
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना कर नौ दिनों तक व्रत रखने का संकल्प लें. पूरी श्रद्धा भक्ति से मां की पूजा करें दिन के समय आप फल और दूध ले सकते हैं. शाम के समय मां की आरती उतारें सभी में प्रसाद बांटें और फिर खुद भी ग्रहण करें. फिर भोजन ग्रहण करें हो सके तो इस दौरान अन्न न खाएं, सिर्फ फलाहार ग्रहण करें अष्टमी या नवमी के दिन नौ कन्याओं को भोजन कराएं. उन्हें उपहार और दक्षिणा दें अगर संभव हो तो हवन के साथ नवमी के दिन व्रत का पालन करें. हालांकि इस बार कोरोना वायरस की वजह से आप कन्या पूजन की जगह मां का पूजन करें.
घर पर जलाएं अखंड ज्योति
नवरात्रि की अखंड ज्योति का बहुत महत्व होता है. आपने देखा होगा मंदिरों और घरों में नवरात्रि के दौरान दिन रात जलने वाली ज्योति जलाई जाती है. माना जाता है हर पूजा दीपक के बिना अधूरी है और ये ज्योति ज्ञान, प्रकाश, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक होती है. इस बार अपने घर में ही दीपक जला लें.