रायपुर: ओपी चौधरी ने कहा कि " रविवार को आयोजित CGPSC प्रीलिम्स की परीक्षा में पूछे गए कुछ प्रश्नों में सही विकल्प ही नहीं दिया गया. कुछ प्रश्नों के विकल्प में 200 वर्षों का अंतर है, अब बच्चों से यह पूछा जा रहा है कि राजनांदगांव में सीएम ने भेंट मुलाकात कब की. यह सब जानबूझकर इसीलिए किया जा रहा है कि एक गांव का गरीब व्यक्ति कभी आगे ना बढ़ सके. हमारा सीजीपीएससी भ्रष्टाचार, स्तरहीनता की पराकाष्ठा को पार कर रहा है. यह गांव-गांव से आये बच्चों और उनके माता-पिता के साथ सबसे बड़ा अन्याय है.
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इन प्रश्नों को लेकर खड़े किए सवाल: सीजीपीएससी प्रीलिम्स की परीक्षा में पूछे गए 4 प्रश्न और उनके विकल्प को लेकर ओपी चौधरी ने सवाल खड़े किए हैं. चौधरी ने कहा " प्रश्न क्रमांक 88 में कलचुरी वंश की सदस्यता से संबंधित प्रश्न पूछा गया है लेकिन इसके उत्तर में जो विकल्प दिए गए हैं वह 1940, 1941 दिए गए थे, जबकि यह छत्तीसगढ़ में 1740 और 1741 के आसपास की परिस्थितियां निर्मित होती है. दिए गए विकल्पों में सीधा 200 सालों का अंतर है. इसी तरह प्रश्न क्रमांक 66 में ब्रिटिश कैप्टन सैंडीज ने कौन सी ताहूतदारियों का निर्माण किया?
इस प्रश्न का सही विकल्प लोरमी और तरेंगा है, लेकिन सही विकल्प नहीं लिखा गया. प्रश्न में क्रमांक 57 में पूछा गया है कि राजनांदगांव में भेंट मुलाकात का कार्यक्रम कौन सी तारीख को संपन्न हुआ. इस तरह के अप्रासंगिक तथ्यों से संबंधित प्रश्न पूछे गए, इसी तरह प्रश्न क्रमांक 56 में यह पूछा गया है कि 4 जुलाई 2022 तक भुइया पोर्टल पर व्यक्तिगत वन अधिकार के कितने पत्र अपलोड हुए. इस तरह प्रश्न पूछे जा रहे है जो स्तरहीन है, स्तर हीन प्रश्न पूछ कर भ्रष्टाचार की स्थितियों को सीजीपीएससी में निर्मित किया जा रहा है.
ओपी चौधरी ने दी ये सलाह: भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा " मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग से यह कहना चाहूंगा. देश के अन्य प्रदेशों के पीएससी-यूपीएससी स्टैंडर्ड को मैच करके अपने क्वालिटी और पारदर्शिता में सुधार करें. लेकिन दुर्भाग्य की बात है छत्तीसगढ़ PSC में स्तरहीनता और भ्रष्टाचार की स्थिति निर्मित हो रही है. छत्तीसगढ के गांव-गांव के बच्चे जो अपने जीवन में अच्छे भविष्य की कामना करते हैं. उनके साथ एक बड़ा धोखा हो रहा है.