रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अपराध का ग्राफ Crime graph in Raipur कम होने का नाम नहीं ले रहा है. शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी क्राइम हो रहे हैं. इस पर लगाम कसने के लिए पुलिस लगातार अभियान चलाकर गुंडे बदमाशों पर कार्रवाई भी कर रही है. लेकिन जिले में अपराध का ग्राफ कम नहीं हो रहा है. इस साल सभी तरह की घटनाएं बढ़ी है. हत्या की बात की जाए तो रायपुर जिले में साल 2020 में 76 हत्याएं हुई तो वही साल 2021 में 65 और साल 2022 के 15 दिसबंर तक 70 हत्या के मामले सामने आये.
चोरों ने जमकर मचाया आतंक: रायपुर जिले में रात्रि गश्त के लाख दावों को धता बताकर बाहरी चोर गैंग ने दिनदहाडे बड़ी चोरियो की वारदातों को अंजाम दिया. सूने मकानों के अलावा चोरों ने दुकानों में भी इस साल जमकर चोरियां की है. राजधानी रायपुर चोरों के आतंक से परेशान है. साल 2020 में 1542 और साल 2021 में 1548 चोरियो की वारदातें दर्ज की थी. लेकिन इस साल यह आकंड़ा बड़कर 1937 पर थमा है.
लूट के मामले भी बढ़े: शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में इस साल जमकर लूट हुई है. बाइक सवार नकाबपोशों ने विदेश से घूमने रायपुर आए एक दंपत्ति को भी निशाना बनाया है. इस मामले में अब तक पुलिस के हाथ खाली है. लूटपाट की घटनाओं की यदि बात की जाए तो साल 2020 में 55 और साल 2021 में 78 मामले सामने आए थे, लेकिन इस साल सर्वाधिक 86 मामले दर्ज किए गए हैं. इसमे से कई मामलों में पुलिस को सफलता मिली है, तो बहुत से मामलों में पुलिस के हाथ खाली हैं.
दुष्कर्म के मामलों में आई गिरावट: महिला और नाबालिगों की सुरक्षा को लेकर उठने वाले सवालों के बीच साल 2020 में 262 रेप के मामले दर्ज हुए तो वही साल 2021 में 251 मामले दर्ज किए गए थे. यदि साल 2022 की जाए तो 243 मामले पंजीबद्ध किए गए हैं. इस साल दुष्कर्म के मामलों में थोड़ी गिरावट हुई है. इसकी मुख्य वजह महिलाओं को लेकर पुलिस की ओर से चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम है.
बाहरी डकैतों ने मचाया कोहराम: साल 2022 में राजधानी रायपुर में हुई डकैती पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी. टिकरापारा में हुए डकैती के मामलों में पुलिस ने अब तक आरोपियों को पकड़ नहीं पाई है. 6 नकाबपोश डकैतों ने घटना को अंजाम दिया था. दंपत्ति को बंधक बनाकर सोने चांदी के जेवर समेत लाखों रुपये नकदी के लेकर फरार हो गए थे. साल 2020 में 7 डकैती हुई थी तो वहीं पुलिस ने साल 2021 में 5 डकैती दर्ज की थी. इस साल 2022 में भी बाहरी शातिर गैंग ने 7 डकैती की वारदातों को अंजाम दिया.
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आर्म्स एक्ट के सर्वाधिक मामले: शहर में पुलिस के लिए चाकूबाजी की घटनाओं ने हिलाकर रख दिया, जब पुलिस इसकी तह में गई तो खुलासा हुआ कि बदमाशों समेत शहर के कई नाबालिगों में हथियार रखने की प्रवृति बढ़ी. इसकी बानगी तीन साल के आंकड़ों में नजर आती है. साल 2020 में 324 आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज हुए तो साल 2021 में ये आंकडा 320 पर आकर थमा, लेकिन सला 2022 में ये आंकड़े ने उछाल मारते हुए 767 आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज किये.
नशे के खिलाफ भी कार्रवाई: सबसे ज्यादा पुलिस की नाक में दम करने वाले अपराध के आंकड़ों की बात करें तो नशे के सौदागरों ने पुलिस को बहुत छकाया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के सख्त निर्देशों के बाद पुलिस ने NDPS एक्ट के साल 2020 में 141 मामले दर्ज किये तो वहीं साल 2021 में आंकड़ा बढ़कर 185 तक पहुंचा लेकिन ज्यादा फर्क न पड़ते हुए साल 2022 में 180 पर जाकर थमा. वही अवैध शराब के सबसे ज्यादा मामले साल 2022 में दर्ज किये गये.
रायपुर पुलिस ने साल 2020 में 1137 मामले तो वही साल 2021 में 2090 मामले दर्ज किये तो साल 2022 में आबकारी एक्ट के मामलो का ग्राफ 3360 पर जाकर रूका है. एनडीपीएस एक्ट और आबकारी एक्ट के मामलों में राजधानी पुलिस ने शहर के थानों में बड़ी मात्रा में अवैध शराब और सूखे नशे का सामान जब्त किया.
क्या कहते हैं अफसर: रायपुर एएसपी अभिषेक माहेश्वरी कहते हैं "इस वर्ष लगभग 70 हत्या की घटना हुई है. जिसमें से 68 मामलों में पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी की है. बचे हुए दो मामलों में भी आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है. ज्यादातर मामले आपसी रंजिश की वजह से हत्याएं हुई है. कुछ मामलों में परिवारिक विवाद में भी हत्याएं हुई है."