क्या है केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस: हर साल 24 फरवरी को देश में केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस में मनाया जाता है, ताकि उत्पाद विभाग के कर्मचारियों को पूरे भारत में कुशल तरीके से अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. साथ ही माल निर्माण उद्योग में भ्रष्टाचार को रोका जा सके और अन्य नियमों को सुनिश्चित करने के लिए लागू किया जा सके.
केंद्रीय उत्पाद शुल्क 'एक अप्रत्यक्ष कर है, जिसका अर्थ है कि अमीर या गरीब सभी को उन वस्तुओं की खरीद पर कर का भुगतान करना होगा जिन पर पहले ही कर लगाया जा चुका है. यह कर सातवीं अनुसूची की संघ सूची की प्रविष्टि 84 के अधिकार के तहत लगाया जाता है, जैसा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के साथ पढ़ा जाता है.
इस तरह मनाया जाता है यह दिवस : सीमा शुल्क, माल और सेवा कर (जीएसटी), केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर (सीएसटी), और नारकोटिक्स को केंद्रीय अप्रत्यक्ष बोर्ड की तरफ से प्रशासित किया जाता है. इस अवसर के सम्मान में देश भर में कई तरह के सेमिनार, कार्यशालाएं, शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम, जागरूकता कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं और पुरस्कार समारोह आयोजित किए जाते हैं. इसके अलावा उच्चाधिकारियों व विभागों द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं.
लक्ष्य: केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम को भी याद करता है, जिसे 24 फरवरी, 1944 को पारित किया गया था. केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस का लक्ष्य सीबीआईसी के लिए देश के औद्योगिक क्षेत्र पर लागू होने वाले कई अप्रत्यक्ष कर नियमों पर भारतीय नागरिकों को शिक्षित करना है. CBIC सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रीय तस्करी, विशेष रूप से अवैध पदार्थों की तस्करी से बचा जाए. इसका उद्देशय आम जनता को सेवा कर एवं सेवा शुल्क के बारे में जागरुक करना है. यह विभाग भारतीय नागरिकों के साथ एक विनम्र और परामर्शी संबंध चाहता है.