रायपुर: भूपेश सरकार कार्यकाल के दो साल पूरे होने का जश्न चंदखुरी में मनाएगी. चंदखुरी राम वन गमन पथ में शामिल है. यहां माता कौशल्या के भव्य मंदिर का निर्माण सरकार करा रही है. इस मौके पर कांग्रेस राम वन गमन पथ में शामिल सभी स्थानों पर पर्यटन रथ यात्रा और बाइक रैली निकाली जा रही है. उत्तर से लेकर दक्षिण छत्तीसगढ़ कांग्रेस इस यात्रा के जरिए उन-उन स्थानों पर जा रही है, जहां-जहां भगवान राम के वनवास के दौरान गुजरने के प्रमाण मिलते हैं.
4 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में 1 हजार 575 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. रैली 14 दिसंबर से शुरू हो गई है, जिसका समापन 17 दिसंबर को चंदखुरी में होगा. रैली 19 जिलों से गुजरेगी. 14 दिसंबर को राज्य के दो सिरों से उत्तर स्थित कोरिया जिले के सीतामढ़ी-हरचौका और दक्षिण स्थित सुकमा जिले के रामाराम से शुरुआत हो गई है. दोनों कोने से शुरू हुई यात्रा 17 दिसंबर को माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी में खत्म होगी.
उत्तर छत्तीसगढ़ की यात्रा, ये है शेड्यूल-
दूसरे दिन की यात्रा
- 15 दिसंबर को सूरजपुर जिले के शिवप्रसाद नगर से राष्ट्रीय राज मार्ग 16 लांजा के पास जिला सूरजपुर सीमा तक 30 किलोमीटर.
- नेशनल हाईवे 16 लांजा से राष्ट्रीय राज मार्ग 43 गुटुरमा के पास जिला सरगुजा सीमा तक 160 किलोमीटर.
- नेशनल हाईवे 43 गुटुरमा से राष्ट्रीय राज मार्ग-1 चरकापारा के पास जिला जशपुर सीमा तक 20 किलोमीटर.
- राष्ट्रीय राज मार्ग-1 चरकापारा से राष्ट्रीय राज मार्ग 130 बी, छिंद के पास जिला रायगढ़ सीमा तक 168 किलोमीटर की यात्रा तय करेगी.
तीसरे दिन की यात्रा
- 16 दिसम्बर को बलौदाबाजार जिले के राष्ट्रीय राज मार्ग 310 बी छिंद से गिधौरी तक 45 किलोमीटर.
- जांजगीर-चांपा जिले के गिधौरी से शिवरीनारायण तक 3 किलोमीटर.
चौथे दिन समापन
- 17 दिसंबर को बलौदाबाजार जिले के गिधौरी-औराई के पास, सिरपुर रोड पर जिला बलौदाबाजार सीमा तक 61 किलोमीटर.
- महासमुंद जिले के औराई-निसदा के पास जिला महासमुंद सीमा तक 51 किलोमीटर.
- रायपुर जिले के निसदा से आरंग-चन्दखुरी जिला रायपुर सीमा तक 38 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.
पढ़ें: दिवाली में 3636 दीपों से जगमगाया चंदखुरी स्थित माता कौशल्या का मंदिर
दक्षिण छत्तीसगढ़ की यात्रा, ये है शेड्यूल-
- राज्य के दक्षिण में स्थित सुकमा जिले के रामाराम से शुरू होकर चन्दखुरी पहुंचने वाली रथ यात्रा और बाइक रैली 14 दिसम्बर को सुकमा जिले के रामाराम से तोंगपाल के पास जिला बस्तर सीमा तक 50 किलामीटर का सफर.
- बस्तर जिले के तोंगपाल से बास्तनार के पास दन्तेवाड़ा सीमा तक 85 किलोमीटर एवं दन्तेवाड़ा जिले के बास्तानार से बारसूर के पास जिला बस्तर सीमा तक 70 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.
दूसरे दिन की यात्रा
- 15 दिसम्बर को बारसूर से नेशनल हाईवे 30 विश्रामपुरी के पास जिला कोण्डागांव सीमा तक 75 किलोमीटर.
- कोंडागांव जिले के राष्ट्रीय राज मार्ग 30 विश्रामपुरी से राष्ट्रीय राज मार्ग 30 कोमलपुर के पास जिला कांकेर सीमा तक 103 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.
तीसरे दिन की यात्रा
- 16 दिसंबर को कांकेर जिले के राष्ट्रीय राज मार्ग 30 कोमलपुर से राष्ट्रीय राज मार्ग 6 के झुनझरा के पास जिला धमतरी सीमा तक 50 किलोमीटर.
- धमतरी जिले के राष्ट्रीय राज मार्ग 6 झुनझरा से सिहावा-नवापारा के पास धमतरी सीमा तक 141 किलोमीटर.
- गरियाबंद जिले के सिहावा-नवापारा से राजिम तक 03 किलोमीटर.
17 दिसंबर को समापन
- 17 दिसंबर को राजिम-आरंग-चन्दखुरी 64 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.
कितने चरणों, कितनी राशि में होगा मंदिर निर्माण ?
परियोजना के तहत चंदखुरी में मंदिर के सौंदर्यीकरण और परिसर विकास का कार्य दो चरणों में कार्य पूरा किया जाना है. पहले चरण में 6 करोड़ 70 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. जबकि दूसरे चरण में 9 करोड़ 8 लाख रुपए खर्च होंगे. योजना के मुताबिक चंदखुरी को पर्यटन-तीर्थ के रूप में विकसित किया जाना है. प्राचीन कौशल्या माता मंदिर के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ नागरिक सुविधाओं का विकास भी किया जा रहा है.
पढ़ें: माता कौशल्या की जन्मभूमि चंदखुरी में जल्द होगा भव्य मंदिर का निर्माण- सीएम भूपेश बघेल
'छत्तीसगढ़ के कण-कण में बसे राम'
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कई मौकों पर कह चुके हैं कि 'छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है. यहां कण-कण में भगवान राम बसे हुए हैं. उन्होंने दिवाली कौशल्या मंदिर के दीये भी दान किए थे. सीएम कहते हैं कि चंदखुरी में स्थित माता कौशल्या का मंदिर दुनिया में एकमात्र मंदिर है. इस मंदिर का भव्य निर्माण हो जाने से निश्चित ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ की पहचान बनेगी.