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गौठान में नहीं रखे जा रहे मवेशी, सरपंच और समिति के अध्यक्ष पर गंभीर आरोप

आरंग जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम बनरसी के गौठान में मवेशियों को नहीं रखा जा रहा है. जिसकी वजह से ग्रामीणों में सरपंच और गौठान समिति के अध्यक्ष के प्रति खासी नाराजगी है. ग्रामीणों ने सरपंच और गौठान समिति के अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

Gauthan of Banarsi
गौठान में नहीं मवेशी
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Published : Sep 16, 2020, 3:56 PM IST

Updated : Sep 16, 2020, 5:34 PM IST

आरंग/रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बारी के तहत आरंग जनपद पंचायत क्षेत्र में बनचरौदा और बैहार जैसे आदर्श गौठान बने हैं. जो पूरे प्रदेश के लिए मॉडल है. जिसके लिए प्रदेश सरकार और आरंग जनपद की तारीफ हो रही है, लेकिन अब भी ऐसे कई ग्राम पंचायत हैं जहां गौठान तो बने हैं, लेकिन उनका उपयोग मवेशियों को रखने के लिए नहीं किया जा रहा है.

गौठान पर रार

आरंग जनपद पंचायत के ग्राम बनरसी में गौठान तो बन गया है, लेकिन वहां मवेशियों को नहीं रखा जा रहा है. जिसके कारण मवेशी किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं. किसानों की चिंता को दूर करने के लिए बनरसी के ग्राम सभा समिति आगे आई है और अपने खर्चे से गांव के बगझूला मंदिर परिसर में मवेशियों को रख रही है. ताकि किसानों की फसल बर्बाद होने से बच सके.

इधर, ग्रामीणों ने बनरसी की सरपंच नीरा साहू और गौठान समिति के अध्यक्ष पूनम साहू पर गंभीर आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच और गौठान समिति के अध्यक्ष मवेशियों को गौठान में रखने से मना कर रहे हैं. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जनपद पंचायत के सीईओ किरण कौशिक से भी की है. ग्रामीणों का आरोप है कि जब भी कोई अधिकारी गौठान का निरीक्षण करने आते हैं तो सरपंच नीरा साहू और गौठान समिति के अध्यक्ष पूनम साहू चरवाहों के मवेशियों को गौठान में लाकर रख देते हैं. फोटो खिंचवाने के बाद मवेशियों को फिर से गौठान के बाहर कर दिया जाता है.

पढ़ें-बेमेतरा: चारा-पानी नहीं मिलने से 4 मवेशियों की मौत, बीजेपी फिर हमलावर

ग्राम सभा समिति ने की वैकल्पिक व्यवस्था

किसानों की फसलों को नुकसान होता देख गांव के ग्राम सभा समिति ने गांव के बगझूला मंदिर परिसर में वैकल्पिक गौठान बनाया है. जहां पर लगभग 100 मवेशियों को रखा गया है. जिससे किसानों की फसलों को चरने से बचाया जा सके. इसके लिए ग्राम सभा समिति के सदस्यों ने चारा पानी की समुचित व्यवस्था की है. साथ ही मवेशियों को चराने के लिए अपने व्यय से चरवाहे की व्यवस्था भी की है.

सरपंच और गौठान समिति के अध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग

ग्राम सभा के इस काम से किसान काफी खुश हैं. वहीं गांव में गौठान होने के बाद भी मवेशियों के नहीं रखने से सरपंच नीरा साहू और गौठान अध्यक्ष पूनम साहू के प्रति काफी नाराजगी है. ग्रामीणों ने गौठान निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाते हुए शासन-प्रशासन से सरपंच नीरा साहू और गौठान समिति के अध्यक्ष पूनम साहू के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

पढ़ें-कोरिया: माड़ीसरई में प्रधान पाठक की सराहनीय पहल, गौठान को किया स्कूल में तब्दील

सरपंच ने किया आरोपों का खंडन

ग्रामीणों के आरोप पर बनरसी सरपंच नीरा साहू का कहना है कि अभी गौठान का निर्माण अधूरा है. जिसकी वजह से जनपद सीईओ ने मवेशियों को रखने से मना किया है. साथ ही ग्रामीणों की ओर से किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से ऐसे हालात हैं. इस पूरे मामले में आरंग जनपद पंचायत के सीईओ किरण कौशिक ने बताया कि सरपंच जानवरों को गौठान में रखने को तैयार हैं, लेकिन ग्रामीण सरपंच का सहयोग नहीं कर रहे हैं. जिससे मवेशियों को रखने में समस्या आ रही है. उन्होंने ग्रामीणों और सरपंच से बात कर जल्द ही समस्या का निराकरण करने की बात कही है.

आरंग/रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बारी के तहत आरंग जनपद पंचायत क्षेत्र में बनचरौदा और बैहार जैसे आदर्श गौठान बने हैं. जो पूरे प्रदेश के लिए मॉडल है. जिसके लिए प्रदेश सरकार और आरंग जनपद की तारीफ हो रही है, लेकिन अब भी ऐसे कई ग्राम पंचायत हैं जहां गौठान तो बने हैं, लेकिन उनका उपयोग मवेशियों को रखने के लिए नहीं किया जा रहा है.

गौठान पर रार

आरंग जनपद पंचायत के ग्राम बनरसी में गौठान तो बन गया है, लेकिन वहां मवेशियों को नहीं रखा जा रहा है. जिसके कारण मवेशी किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं. किसानों की चिंता को दूर करने के लिए बनरसी के ग्राम सभा समिति आगे आई है और अपने खर्चे से गांव के बगझूला मंदिर परिसर में मवेशियों को रख रही है. ताकि किसानों की फसल बर्बाद होने से बच सके.

इधर, ग्रामीणों ने बनरसी की सरपंच नीरा साहू और गौठान समिति के अध्यक्ष पूनम साहू पर गंभीर आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच और गौठान समिति के अध्यक्ष मवेशियों को गौठान में रखने से मना कर रहे हैं. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जनपद पंचायत के सीईओ किरण कौशिक से भी की है. ग्रामीणों का आरोप है कि जब भी कोई अधिकारी गौठान का निरीक्षण करने आते हैं तो सरपंच नीरा साहू और गौठान समिति के अध्यक्ष पूनम साहू चरवाहों के मवेशियों को गौठान में लाकर रख देते हैं. फोटो खिंचवाने के बाद मवेशियों को फिर से गौठान के बाहर कर दिया जाता है.

पढ़ें-बेमेतरा: चारा-पानी नहीं मिलने से 4 मवेशियों की मौत, बीजेपी फिर हमलावर

ग्राम सभा समिति ने की वैकल्पिक व्यवस्था

किसानों की फसलों को नुकसान होता देख गांव के ग्राम सभा समिति ने गांव के बगझूला मंदिर परिसर में वैकल्पिक गौठान बनाया है. जहां पर लगभग 100 मवेशियों को रखा गया है. जिससे किसानों की फसलों को चरने से बचाया जा सके. इसके लिए ग्राम सभा समिति के सदस्यों ने चारा पानी की समुचित व्यवस्था की है. साथ ही मवेशियों को चराने के लिए अपने व्यय से चरवाहे की व्यवस्था भी की है.

सरपंच और गौठान समिति के अध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग

ग्राम सभा के इस काम से किसान काफी खुश हैं. वहीं गांव में गौठान होने के बाद भी मवेशियों के नहीं रखने से सरपंच नीरा साहू और गौठान अध्यक्ष पूनम साहू के प्रति काफी नाराजगी है. ग्रामीणों ने गौठान निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाते हुए शासन-प्रशासन से सरपंच नीरा साहू और गौठान समिति के अध्यक्ष पूनम साहू के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

पढ़ें-कोरिया: माड़ीसरई में प्रधान पाठक की सराहनीय पहल, गौठान को किया स्कूल में तब्दील

सरपंच ने किया आरोपों का खंडन

ग्रामीणों के आरोप पर बनरसी सरपंच नीरा साहू का कहना है कि अभी गौठान का निर्माण अधूरा है. जिसकी वजह से जनपद सीईओ ने मवेशियों को रखने से मना किया है. साथ ही ग्रामीणों की ओर से किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से ऐसे हालात हैं. इस पूरे मामले में आरंग जनपद पंचायत के सीईओ किरण कौशिक ने बताया कि सरपंच जानवरों को गौठान में रखने को तैयार हैं, लेकिन ग्रामीण सरपंच का सहयोग नहीं कर रहे हैं. जिससे मवेशियों को रखने में समस्या आ रही है. उन्होंने ग्रामीणों और सरपंच से बात कर जल्द ही समस्या का निराकरण करने की बात कही है.

Last Updated : Sep 16, 2020, 5:34 PM IST
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