रायपुर: छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में मंत्री मंडलीय उप समिति की बैठक हुई. बैठक में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, खाद्य विभाग के सचिव कमलप्रीत सिंह, एमडी मार्कफेड अंकित आनंद और तमाम अधिकारी शामिल हुए.
बैठक के बाद मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का फैसला है कि धान का ऑनलाइन वितरण किया जाएगा. क्योंकि कस्टम मिलिंग के बाद केंद्र सरकार चावल जमा करने को तैयार नहीं है. यहीं वजह है कि इस प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है. इसके लिए रेट 1400 या इससे अधिक होगा.
सरप्लस धान की ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया पर चर्चा
मंत्री अमरजीत भगत भगत ने बताया कि 92 लाख मीट्रिक टन धान के निराकरण के लिए सरप्लस धान की ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया चल रही है. इसी के संबंध में बैठक में चर्चा हुई है. बैठक में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान की कस्टम मिलिंग, एफसीआई और नान में चावल जमा होने और संभावित अतिशेष धान की ई-नीलामी की समीक्षा की गई. समिति ने मोटा और कामन धान की नीलामी के लिए प्राप्त दरों का अनुमोदन किया है.
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3 लाख 46 हजार मीट्रिक टन धान की नीलामी की स्वीकृति
खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राज्य में कुल 92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया है. राज्य शासन द्वारा इसमें से लगभग 20.50 लाख मीट्रिक टन अतिशेष धान की ई-नीलामी चार चरणों में करने का फैसला लिया है. ई-नीलामी 3 मार्च 2021 से राज्य के मैदानी जिलों की समितियों से शुरू हो गई है. राज्य शासन द्वारा अबतक लगभग 3 लाख 46 हजार मीट्रिक टन धान की नीलामी के लिए दर की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है. क्रेताओं द्वारा नीलामी में खरीदे गए धान का उठाव शुरू कर दिया गया है.
30 मार्च से शुरू हो चुकी निलामी प्रक्रिया
खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित अतिशेष धान की नीलामी के आगामी चरण की नीलामी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से 30 मार्च 2021 से प्रारंभ हो चुकी है. आगामी चरण की नीलामी में लगभग 10.79 लाख मीट्रिक टन अतिशेष धान की नीलामी किया जाना प्रस्तावित है. नीलामी में प्रतिदिन (शनिवार एवं रविवार को छोड़कर) सबेरे 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक अतिशेष धान की नीलामी के लिए पंजीकृत क्रेता द्वारा बोली लगाई जा सकती है.