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2021-22 बजट से कारोबारी असंतुष्ट

सरकार आम बजट को भले ही सभी वर्गों वाला बता रही है, लेकिन बजट के बाद बिजनेस वर्ग इस बजट से खासा खुश नहीं दिख रही है. व्यापारियों का कहना है कि बजट संतोषजनक नहीं हैं.

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बजट से कारोबारी असंतुष्ट
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Published : Feb 1, 2021, 5:12 PM IST

Updated : Feb 1, 2021, 5:22 PM IST

रायपुर: केंद्र सरकार की तरफ से आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया. निर्मला सीतारमण का ये तीसरा वित्तीय वर्ष है, जब उन्होंने बजट पेश किया हैं. इस साल के बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रॉस्ट्रक्चर को फोकस करते हुए बजट बनाया गया है. बजट को लेकर छत्तीसगढ़ के कारोबारी काफी असंतुष्ट नजर आ रहे हैं. कारोबारियों को इस बजट में इनकम टैक्स स्लैब में छूट को लेकर सरकार से काफी आशा थी.

बजट से कारोबारी असंतुष्ट

पढ़ें: बजट के दिल में गांव-किसान, आय बढ़ाने पर जोर : पीएम मोदी

2021-22 बजट से कारोबारी असंतुष्ट

कारोबारी राजकुमार राठी ने बताया कि मुख्य बातें जो इस बजट में फोकस हुई है उसमें यह समझ में आ रहा है कि व्यापारी समाज के लिए इस बजट में ज्यादा कुछ नहीं है. व्यापारी वर्ग की मांग थी कि पेट्रोलियम पदार्थ सस्ता होना चाहिए. जिससे महंगाई दर भी अपने आप कम हो जाती. पेट्रोलियम पदार्थ महंगा होने से आवागमन तो महंगा हो ही रहा है. इसके साथ ही लाने वाला सामान भी महंगा हो रहे है. इस वजह से उन्हें भी उस सामान को आम जनता को महंगे रेट में बेचना पड़ रहा है. आम जनता इस बात को समझ नहीं रही है. इसका खामियाजा व्यापारी समाज को भुगतना पड़ रहा है. राठी ने कहा कि पिछले 9 महीने से कोरोना महामारी पूरे विश्व में रही है उससे सबसे ज्यादा प्रभावित व्यापार जगत हुआ है. लेकिन सरकार की तरफ से जो पैकेज आए हैं और जो इंप्लीमेंट होना चाहिए था इस बजट में वह दिखाई नहीं दिया है इस बजट से हम असंतुष्ट हैं.

पढ़ें: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- बजट में सभी वर्गों का रखा गया ध्यान

इनकम टैक्स स्लैब में छूट नहीं देने से कारोबारियों में निराशा

कारोबारी अशोक गुप्ता ने बताया कि इंफ्रॉस्ट्रक्चर डेवलपमेंट सरकार ने इस बजट में जोड़ दिया है. इसी से विकास गतिशील होगा क्योंकि जितने ज्यादा लोगों को काम मिलेगा उतना ही देश में विकास होगा. दूसरा इनकम टैक्स स्लैब को बढ़ाना चाहिए था, क्योंकि बैंकों को बड़े लोन देना है तो टैक्स स्लैब चाहिए. जिसमें अधिक टैक्स ट्रांजैक्शन हो. जिसे हिसाब से कारोबारी को लोन मिल सके और विकास हो सके. लेकिन जो टैक्स स्लैब है और टैक्स में कमी की जानी थी वह नहीं है. जिसके कारण व्यापार क्षेत्र उतना विकसित नहीं होगा और बैंकों से भी लोन नहीं मिलेगा. केंद्र के इस बजट को संतोषजनक नहीं कहा जा सकता.

रायपुर: केंद्र सरकार की तरफ से आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया. निर्मला सीतारमण का ये तीसरा वित्तीय वर्ष है, जब उन्होंने बजट पेश किया हैं. इस साल के बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रॉस्ट्रक्चर को फोकस करते हुए बजट बनाया गया है. बजट को लेकर छत्तीसगढ़ के कारोबारी काफी असंतुष्ट नजर आ रहे हैं. कारोबारियों को इस बजट में इनकम टैक्स स्लैब में छूट को लेकर सरकार से काफी आशा थी.

बजट से कारोबारी असंतुष्ट

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2021-22 बजट से कारोबारी असंतुष्ट

कारोबारी राजकुमार राठी ने बताया कि मुख्य बातें जो इस बजट में फोकस हुई है उसमें यह समझ में आ रहा है कि व्यापारी समाज के लिए इस बजट में ज्यादा कुछ नहीं है. व्यापारी वर्ग की मांग थी कि पेट्रोलियम पदार्थ सस्ता होना चाहिए. जिससे महंगाई दर भी अपने आप कम हो जाती. पेट्रोलियम पदार्थ महंगा होने से आवागमन तो महंगा हो ही रहा है. इसके साथ ही लाने वाला सामान भी महंगा हो रहे है. इस वजह से उन्हें भी उस सामान को आम जनता को महंगे रेट में बेचना पड़ रहा है. आम जनता इस बात को समझ नहीं रही है. इसका खामियाजा व्यापारी समाज को भुगतना पड़ रहा है. राठी ने कहा कि पिछले 9 महीने से कोरोना महामारी पूरे विश्व में रही है उससे सबसे ज्यादा प्रभावित व्यापार जगत हुआ है. लेकिन सरकार की तरफ से जो पैकेज आए हैं और जो इंप्लीमेंट होना चाहिए था इस बजट में वह दिखाई नहीं दिया है इस बजट से हम असंतुष्ट हैं.

पढ़ें: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- बजट में सभी वर्गों का रखा गया ध्यान

इनकम टैक्स स्लैब में छूट नहीं देने से कारोबारियों में निराशा

कारोबारी अशोक गुप्ता ने बताया कि इंफ्रॉस्ट्रक्चर डेवलपमेंट सरकार ने इस बजट में जोड़ दिया है. इसी से विकास गतिशील होगा क्योंकि जितने ज्यादा लोगों को काम मिलेगा उतना ही देश में विकास होगा. दूसरा इनकम टैक्स स्लैब को बढ़ाना चाहिए था, क्योंकि बैंकों को बड़े लोन देना है तो टैक्स स्लैब चाहिए. जिसमें अधिक टैक्स ट्रांजैक्शन हो. जिसे हिसाब से कारोबारी को लोन मिल सके और विकास हो सके. लेकिन जो टैक्स स्लैब है और टैक्स में कमी की जानी थी वह नहीं है. जिसके कारण व्यापार क्षेत्र उतना विकसित नहीं होगा और बैंकों से भी लोन नहीं मिलेगा. केंद्र के इस बजट को संतोषजनक नहीं कहा जा सकता.

Last Updated : Feb 1, 2021, 5:22 PM IST
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