रायपुर: कोरोना की मार से हर कोई बेहाल है. कोरोना महामारी के चलते ऐसा कोई क्षेत्र नहीं बचा, जिस पर मंदी की मार नहीं पड़ी हो. विश्व के सबसे बड़े रेल नेटवर्क भारतीय रेलवे भी इससे अछूता नहीं रहा. पहले लॉकडाउन के चलते जहां आवागमन पूरी तरह से बंद रहा. वहीं अनलॉक के साथ सीमित संख्या में ट्रेनें तो शुरू कर दी गईं, लेकिन इससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोग काफी प्रभावित हुए हैं.
25 मार्च को देश में लॉकडाउन लगाया गया था. उस दौरान ट्रेन, बस, हवाई सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. 12 मई को रेलवे ने वापस कुछ ट्रेनों को ग्रीन सिग्नल जरूर दिया, लेकिन अब तक पूरी ट्रेनें पटरी पर नहीं लौट पाई हैं. हालत ये है कि रेलवे से जुड़े कुली, वेंडर्स, ऑटो-रिक्शा वालों की रोजी-रोटी संकट में है.
कुलियों, वेंडर्स की आजीविका प्रभावित
कोरोना से पहले रायपुर रेलवे स्टेशन पर जहां हर दिन सैकड़ों, हजारों यात्री आया-जाया करते थे, लेकिन अब गिनती की ट्रेनें चलने से यात्री काफी कम हो गए हैं. इससे कुलियों की आजीविका पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. यात्री कम हैं, लिहाजा कुलियों को सामान उठाने का काम नहीं मिल रहा है. कुछ यही हालत स्टेशन और ट्रेनों के अंदर खाने-पीने का सामान बेचने वालों का है. स्टेशन पर मौजूद स्टॉल सूने पड़े हैं. इधर पहले जहां वेंडर्स ट्रेनों में घूम-घूमकर सामान बेचा करते थे, लेकिन अधिकतर अब बेरोजगार हो गए हैं. लॉकडाउन से पहले जहां वेंडर्स 400 से 500 रुपए रोजाना कमा लेते थे. लेकिन अब मुश्किल से दिन में 50 से 100 रुपए भी नहीं कमा पा रहे हैं.
होटल कारोबार को हुआ भारी नुकसान
रायपुर रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित होटल और रेस्टोरेंट पर भी कोरोना की मार पड़ी है. यहां करीब 150 से 200 छोटी और बड़ी दुकानें हैं. वहीं 15 से 20 होटल भी हैं जो पूरी तरह से बंद हो गए हैं. अनुमान के मुताबिक इन 6 से 7 महीनों में 250 करोड़ के ज्यादा का नुकसान सिर्फ राजधानी के रेलवे स्टेशन के बाहर बने दुकानदारों और होटलों का हुआ है.
कम ट्रेनों के चलते बढ़ी दिक्कतें
कोरोना से पहले रायपुर रेलवे स्टेशन से हर दिन 100 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती थी. जिसमें हजारों यात्री रोजाना रायपुर आना-जाना करते थे. लेकिन वर्तमान में 30 ट्रेनों का संचालन हो रहा है. जिससे यात्री काफी कम हुए हैं. यात्री कम होने से ऑटो-रिक्शा वालों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है.
बहरहाल त्योहारों का समय चल रहा है. आने वाले समय में शादियों का सीजन भी शुरू होने जा रहा है. रेलवे बड़ी संख्या में ट्रेनों को शुरू करने की योजना बना रहा है. लोगों को उम्मीद है कि उनकी आजीविका फिर से शुरू होगी.
वर्तमान में इन ट्रेनों का हो रहा है संचालन
- हैदराबाद-दरभंगा पूजा स्पेशल ट्रेन
- काचीगुड़ा से सहरसा स्पेशल ट्रेन
- हैदराबाद से रक्सौल पूजा स्पेशल ट्रेन
- दुर्ग-पटना-दुर्ग स्पेशल ट्रेन
- दुर्ग-रक्सौल-दुर्ग स्पेशल ट्रेन
- जनशताब्दी स्पेशल गाड़ी
- दुर्ग-जम्मूतवी-दुर्ग साप्ताहिक पूजा स्पेशल ट्रेन
- कोरबा-अमृतसर साप्ताहिक पूजा स्पेशल ट्रेन
- विशाखापट्टनम-निजामुद्दीन-विशाखापट्टनम पूजा स्पेशल ट्रेन
- बिलासपुर से पटना साप्ताहिक पूजा स्पेशल ट्रेन
- कोरबा से त्रिवेंद्रम साप्ताहिक पूजा स्पेशल ट्रेन
- पोरबंदर से हावड़ा साप्ताहिक पूजा स्पेशल ट्रेन
- हटिया से कुर्ला साप्ताहिक पूजा स्पेशल ट्रेन
- छपरा-दुर्ग-छपरा स्पेशल ट्रेन
- मुंबई-हावड़ा-मुंबई स्पेशल ट्रेन
- हावड़ा-अहमदाबाद-हावड़ा स्पेशल ट्रेन
- दुर्ग-भोपाल-दुर्ग सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन
- भुवनेश्वर-दुर्ग-भुवनेश्वर स्पेशल ट्रेन
- खुदरा रोड-अहमदाबाद-खुदरा रोड स्पेशल ट्रेन
- भुवनेश्वर-अहमदाबाद-भुवनेश्वर साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन
- गांधीधाम-खुदरा रोड-गांधीधाम साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन
- खुदरा रोड-सूरत-खुदरा रोड साप्ताहिक सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन
- खुदरा रोड-अहमदाबाद स्पेशल ट्रेन
- सिकंदराबाद-दरभंगा-सिकंदराबाद स्पेशल ट्रेन
- विशाखापट्टनम-कोरबा-स्पेशल ट्रेन
- अहमदाबाद-पुरी-अहमदाबाद स्पेशल ट्रेन
- दुर्ग-पुरी-दुर्ग स्पेशल ट्रेन
- हावड़ा छत्रपति शिवाजी टर्मिनल हावड़ा स्पेशल ट्रेन
- दुर्ग-अंबिकापुर एक्सप्रेस
- रायपुर-कोरबा एक्सप्रेस
- रायपुर से केवटी डेमू स्पेशल ट्रेन