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8 महीने से थमे सिटी बसों के पहिए, लोगों को हो रही परेशानी

राजधानी रायपुर में सिटी बस का संचालन बंद पड़ा है. जिससे सिटी बस के लिए काम करने वाले कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है.

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सिटी बस
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Published : Dec 10, 2020, 4:15 PM IST

रायपुर: कोरोना संक्रमण ने पूरी दुनिया की गति धीमी कर दी. पूरे देश के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी 25 मार्च से लॉकडाउन ने पैर पसारे और करीब ढाई महीने तक सभी क्षेत्रों में बंद का नुकसान देखने को मिला. हर क्षेत्र में लोगों को परेशानी हुई. वहीं लोगों के आवागमन पर भी विराम लग गया. राजधानी रायपुर में कभी सड़कों पर बेफिक्र दौड़ने वाली सिटी बसों के पहिए भी थम गए. सिटी बस को एक जगह से दूसरी जगह जाने का सबसे जरूरी साधन माना जाता है. ऐसे में यात्रियों को परेशानी हो रही है.

8 महीने से थमे सिटी बसों के पहिए

12 मई से देश में कुछ ट्रेनें शुरू हो गई और उसके बाद 25 मई से हवाई सेवाएं भी शुरू कर दी गई, लेकिन छत्तीसगढ़ में सिटी बसों की सेवा नहीं शुरू हो पाई. क्षेत्रीय इलाकों में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए सिटी बस ही लोगों की पसंद होती है. कोरोना संक्रमण के डर से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. बस ड्राइवर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में करीब 350 सिटी बसें चलती हैं. राजधानी रायपुर की बात की जाए तो यहां 200 सिटी बसें मौजूद हैं. 200 बसों में से 70 बस मंत्रालय के लिए चलाई जाती हैं. मंत्रालय जाने वाली सभी 70 बसें रेगुलर चल रही है, क्योंकि उनके परिचालन का खर्च मंत्रालय वहन करता है. बाकी बची हुई सिटी बसों का संचालन बंद है, जिससे कर्मचारियों की परेशानियां बढ़ रही है


आखिर क्यों नहीं किया जा रहा सिटी बस का संचालन

सिटी बस संचालक अनवर अली ने बताया कि लॉकडाउन के बाद कुछ सिटी बसों का संचालन चालू हुआ था, लेकिन यात्री न मिलने से काफी नुकसान हो रहा था. इस वजह से सिटी बस का संचालन बंद कर दिया. जिसके बाद हमने दोबारा सिटी बस का संचालन किया उसके बाद भी हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. इस वजह से हमने दोबारा संचालन बंद कर दिया. पिछले 5 सालों में प्राइवेट बसों में दो बार किराया वृद्धि हो चुकी है. प्राइवेट बस वालों के पिछले 5 महीने के टैक्स भी माफ हो चुके हैं, लेकिन सिटी बस के सिर्फ 1 महीने का ही टैक्स माफ हुआ है.

पढ़ें: धमतरी : कबाड़ हो रही हैं सिटी बसें, निगम बेपरवाह

सरकार से आर्थिक मदद की मांग

सिटी बस के ड्राइवरों और कंडक्टरों की मांग है कि जल्द से जल्द शासन-प्रशासन को उनकी मदद करनी चाहिए. जिससे उन्हें और उनके परिवार को थोड़ी राहत मिले. कोरोना संक्रमण की वजह से लोग अब भी खौफ में हैं. घरों से बाहर नहीं निकल रहे. ऐसे में उन्हें कैसे उनकी कमाई होगी. सभी का परिवार है. घर में बच्चे हैं. कोरोना संकट ने हर किसी के जीवन में ग्रहण लगा दिया है.

बस ड्राइवर की प्रमुख मांगे

  • 5 साल के परमिट भी अब खत्म हो चुके हैं. सरकार जल्दी परमिट रिन्यूअल कर दे.
  • 5 महीने का टैक्स माफ किया जाए.
  • सिटी बस के किराए में वृद्धि की जाए.

पढ़ें: SPECIAL: सिटी बसों के पहिए थमने से मुसाफिर परेशान, कर्मचारियों की रोजी-रोटी पर लगा ब्रेक

आम लोगों का कहना है कि सिटी बस न चलने की वजह से काफी परेशानी हो रही है. कई ऐसे बच्चे हैं जो दूर से राजधानी कोचिंग के लिए आते हैं. लेकिन अब उन्हें प्राइवेट ऑटो या खुद के गाड़ी से आना पड़ता है.

रायपुर: कोरोना संक्रमण ने पूरी दुनिया की गति धीमी कर दी. पूरे देश के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी 25 मार्च से लॉकडाउन ने पैर पसारे और करीब ढाई महीने तक सभी क्षेत्रों में बंद का नुकसान देखने को मिला. हर क्षेत्र में लोगों को परेशानी हुई. वहीं लोगों के आवागमन पर भी विराम लग गया. राजधानी रायपुर में कभी सड़कों पर बेफिक्र दौड़ने वाली सिटी बसों के पहिए भी थम गए. सिटी बस को एक जगह से दूसरी जगह जाने का सबसे जरूरी साधन माना जाता है. ऐसे में यात्रियों को परेशानी हो रही है.

8 महीने से थमे सिटी बसों के पहिए

12 मई से देश में कुछ ट्रेनें शुरू हो गई और उसके बाद 25 मई से हवाई सेवाएं भी शुरू कर दी गई, लेकिन छत्तीसगढ़ में सिटी बसों की सेवा नहीं शुरू हो पाई. क्षेत्रीय इलाकों में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए सिटी बस ही लोगों की पसंद होती है. कोरोना संक्रमण के डर से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. बस ड्राइवर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में करीब 350 सिटी बसें चलती हैं. राजधानी रायपुर की बात की जाए तो यहां 200 सिटी बसें मौजूद हैं. 200 बसों में से 70 बस मंत्रालय के लिए चलाई जाती हैं. मंत्रालय जाने वाली सभी 70 बसें रेगुलर चल रही है, क्योंकि उनके परिचालन का खर्च मंत्रालय वहन करता है. बाकी बची हुई सिटी बसों का संचालन बंद है, जिससे कर्मचारियों की परेशानियां बढ़ रही है


आखिर क्यों नहीं किया जा रहा सिटी बस का संचालन

सिटी बस संचालक अनवर अली ने बताया कि लॉकडाउन के बाद कुछ सिटी बसों का संचालन चालू हुआ था, लेकिन यात्री न मिलने से काफी नुकसान हो रहा था. इस वजह से सिटी बस का संचालन बंद कर दिया. जिसके बाद हमने दोबारा सिटी बस का संचालन किया उसके बाद भी हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. इस वजह से हमने दोबारा संचालन बंद कर दिया. पिछले 5 सालों में प्राइवेट बसों में दो बार किराया वृद्धि हो चुकी है. प्राइवेट बस वालों के पिछले 5 महीने के टैक्स भी माफ हो चुके हैं, लेकिन सिटी बस के सिर्फ 1 महीने का ही टैक्स माफ हुआ है.

पढ़ें: धमतरी : कबाड़ हो रही हैं सिटी बसें, निगम बेपरवाह

सरकार से आर्थिक मदद की मांग

सिटी बस के ड्राइवरों और कंडक्टरों की मांग है कि जल्द से जल्द शासन-प्रशासन को उनकी मदद करनी चाहिए. जिससे उन्हें और उनके परिवार को थोड़ी राहत मिले. कोरोना संक्रमण की वजह से लोग अब भी खौफ में हैं. घरों से बाहर नहीं निकल रहे. ऐसे में उन्हें कैसे उनकी कमाई होगी. सभी का परिवार है. घर में बच्चे हैं. कोरोना संकट ने हर किसी के जीवन में ग्रहण लगा दिया है.

बस ड्राइवर की प्रमुख मांगे

  • 5 साल के परमिट भी अब खत्म हो चुके हैं. सरकार जल्दी परमिट रिन्यूअल कर दे.
  • 5 महीने का टैक्स माफ किया जाए.
  • सिटी बस के किराए में वृद्धि की जाए.

पढ़ें: SPECIAL: सिटी बसों के पहिए थमने से मुसाफिर परेशान, कर्मचारियों की रोजी-रोटी पर लगा ब्रेक

आम लोगों का कहना है कि सिटी बस न चलने की वजह से काफी परेशानी हो रही है. कई ऐसे बच्चे हैं जो दूर से राजधानी कोचिंग के लिए आते हैं. लेकिन अब उन्हें प्राइवेट ऑटो या खुद के गाड़ी से आना पड़ता है.

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