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हर बात पर केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लिख रहे हैं पत्र: बृजमोहन अग्रवाल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर पत्र लिखा है. भूपेश बघेल के पत्र पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने तंज कसा है.

brijmohan agrawal
बृजमोहन अग्रवाल
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Published : Jul 21, 2020, 12:35 PM IST

Updated : Jul 21, 2020, 2:12 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बस्तर में स्टील उद्योग को NMDC (एनएमडीसी) के जरिए 30 प्रतिशत रियायत पर लौह अयस्क उपलब्ध कराने का आग्रह किया है. इस पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भूपेश बघेल पर तंज कसा है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर बृजमोहन अग्रवाल का तंज

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भूपेश बघेल हर छोटी-छोटी बात को लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि CMDC को भी खदानें मिली हुई हैं. भूपेश सरकार CMDC के जरिए कम रेट पर बस्तर को लोहा उपलब्ध कराएं, उन्हें किसने रोका है.

युवाओं को मिलेगा रोजगार

सीएम बघेल ने नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि बस्तर में बड़े पैमाने पर स्टील उद्योगों के संचालन से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा. जिससे बस्तर के विकास और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख भी किया है कि राज्य शासन की ओर से भारत सरकार के उपक्रम NMDC (एनएमडीसी) को इस आशय का प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है.

पढ़ें: CM बघेल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, बस्तर में स्टील उद्योग को 30 फीसदी रियायत पर लौह अयस्क देने की मांग

बस्तर खनिज संपदा और वन सम्पदा से परिपूर्ण

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य का बस्तर अंचल देश के विशिष्ट क्षेत्रों में से एक है. खनिज संपदा और वन संपदा की प्रचुरता के बाद भी बस्तर अंचल राज्य और देश के अन्य भागों की तुलना में सभी मानकों में पिछड़ा हुआ है. सघन वन क्षेत्रों और वन संरक्षण अधिनियम के कड़े प्रावधानों के कारण बस्तर में आर्थिक गतिविधियों के अवसर अत्यन्त सीमित हैं.

ग्रामीणों के जीवन में आएगा सुधार

अंचल में व्याप्त बेरोजगारी के कारण ही वहां नक्सल गतिविधियों के प्रसार होने से स्थिति और जटिल हो गई है. साल 2015 में DMF (डीएमएफ) योजना की शुरुआत से खनन प्रभावित परिवारों की स्थिति में सुधार के लिए प्रयास हो रहा है. राज्य सरकार ने भी पिछले डेढ़ साल से बस्तर के लोगों के जीवन में सुधार के लिए कई अभिनव कार्य शुरू किए हैं, लेकिन रोजगार के नए अवसरों का बड़े पैमाने पर सृजन किए बिना बस्तर का विकास संभव नहीं है.

पढ़ें: राजस्थान के सियासी जंग में उमर अबदुल्ला की एंट्री, पायलट 'कनेक्शन' वाले बयान पर सीएम बघेल को घेरा

कई साल से बस्तर में हो रह है लौह अयस्क का खनन

मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि NMDC (एनएमडीसी) ने दंतेवाड़ा में पिछले आधी शताब्दी से बड़ी मात्रा में लौह अयस्क का खनन किया जा रहा है. लौह अयस्क की प्रचुरता के बाद भी विषम परिस्थितियों के होने के कारण निजी उद्यमियों के लिए बस्तर में स्टील उद्योगों की स्थापना लाभप्रद नहीं है. यदि NMDC (एनएमडीसी) ने बस्तर में स्टील निर्माण किए जाने वाले निवेशकों को लौह अयस्क 30 प्रतिशत की छूट पर दिया जाए, तो इससे बस्तर अंचल में छोटी-बड़ी अनेक स्टील निर्माण इकाईयों की स्थापना का मार्ग खुलेगा. स्थानीय निवासियों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार के लाखों नए अवसर बनेंगे.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बस्तर में स्टील उद्योग को NMDC (एनएमडीसी) के जरिए 30 प्रतिशत रियायत पर लौह अयस्क उपलब्ध कराने का आग्रह किया है. इस पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भूपेश बघेल पर तंज कसा है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर बृजमोहन अग्रवाल का तंज

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भूपेश बघेल हर छोटी-छोटी बात को लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि CMDC को भी खदानें मिली हुई हैं. भूपेश सरकार CMDC के जरिए कम रेट पर बस्तर को लोहा उपलब्ध कराएं, उन्हें किसने रोका है.

युवाओं को मिलेगा रोजगार

सीएम बघेल ने नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि बस्तर में बड़े पैमाने पर स्टील उद्योगों के संचालन से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा. जिससे बस्तर के विकास और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख भी किया है कि राज्य शासन की ओर से भारत सरकार के उपक्रम NMDC (एनएमडीसी) को इस आशय का प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है.

पढ़ें: CM बघेल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, बस्तर में स्टील उद्योग को 30 फीसदी रियायत पर लौह अयस्क देने की मांग

बस्तर खनिज संपदा और वन सम्पदा से परिपूर्ण

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य का बस्तर अंचल देश के विशिष्ट क्षेत्रों में से एक है. खनिज संपदा और वन संपदा की प्रचुरता के बाद भी बस्तर अंचल राज्य और देश के अन्य भागों की तुलना में सभी मानकों में पिछड़ा हुआ है. सघन वन क्षेत्रों और वन संरक्षण अधिनियम के कड़े प्रावधानों के कारण बस्तर में आर्थिक गतिविधियों के अवसर अत्यन्त सीमित हैं.

ग्रामीणों के जीवन में आएगा सुधार

अंचल में व्याप्त बेरोजगारी के कारण ही वहां नक्सल गतिविधियों के प्रसार होने से स्थिति और जटिल हो गई है. साल 2015 में DMF (डीएमएफ) योजना की शुरुआत से खनन प्रभावित परिवारों की स्थिति में सुधार के लिए प्रयास हो रहा है. राज्य सरकार ने भी पिछले डेढ़ साल से बस्तर के लोगों के जीवन में सुधार के लिए कई अभिनव कार्य शुरू किए हैं, लेकिन रोजगार के नए अवसरों का बड़े पैमाने पर सृजन किए बिना बस्तर का विकास संभव नहीं है.

पढ़ें: राजस्थान के सियासी जंग में उमर अबदुल्ला की एंट्री, पायलट 'कनेक्शन' वाले बयान पर सीएम बघेल को घेरा

कई साल से बस्तर में हो रह है लौह अयस्क का खनन

मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि NMDC (एनएमडीसी) ने दंतेवाड़ा में पिछले आधी शताब्दी से बड़ी मात्रा में लौह अयस्क का खनन किया जा रहा है. लौह अयस्क की प्रचुरता के बाद भी विषम परिस्थितियों के होने के कारण निजी उद्यमियों के लिए बस्तर में स्टील उद्योगों की स्थापना लाभप्रद नहीं है. यदि NMDC (एनएमडीसी) ने बस्तर में स्टील निर्माण किए जाने वाले निवेशकों को लौह अयस्क 30 प्रतिशत की छूट पर दिया जाए, तो इससे बस्तर अंचल में छोटी-बड़ी अनेक स्टील निर्माण इकाईयों की स्थापना का मार्ग खुलेगा. स्थानीय निवासियों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार के लाखों नए अवसर बनेंगे.

Last Updated : Jul 21, 2020, 2:12 PM IST
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