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3 महीने बाद भी जारी नहीं हुए पुनर्गणना-पुनर्मूल्यांकन के नतीजे, अधर में छात्रों का भविष्य

माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर 3 महीने बाद भी पुनर्मूल्यांकन-पुनर्गणना के परिणाम जारी नहीं कर सका है. इसके कारण कई ऐसे बच्चे हैं जो कॉलेज में प्रवेश नहीं ले पाएंगे. कोरोना संक्रमण के कारण छत्तीसगढ़ में इस बार 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर कॉलेजों में प्रवेश दिया जा रहा है.

results of revaluation recalculation
माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर
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Published : Oct 19, 2020, 3:31 PM IST

रायपुर: माध्यमिक शिक्षा मंडल छत्तीसगढ़ 3 महीने बाद भी पुनर्मूल्यांकन-पुनर्गणना के परिणाम घोषित नहीं कर सका है. माशिमं ने जुलाई में बोर्ड परीक्षा के नतीजे जारी किए जाने के साथ ही आरटी-आरवी के लिए आवेदन शुरू दिए गए थे. दोनों कक्षा को मिलाकर लगभग 23 हजार छात्रों ने आवेदन किया था, लेकिन अबतक इसके नतीजे जारी नहीं किए गए हैं. अब कक्षाओं और महाविद्यालय में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होकर खत्म होने को है, लेकिन बच्चों को पुनर्मूल्यांकन गणना के नतीजे अभी तक प्राप्त नहीं हो पाए हैं. जिसके कारण कई ऐसे बच्चे हैं जो कॉलेज में प्रवेश नहीं ले पाएंगे.

इस बार व्यापम ने सभी प्रवेश परीक्षाएं रद्द कर दी हैं. व्यावसायिक पाठ्यक्रम से लेकर परंपरागत कोर्स तक में प्रवेश 12वीं कक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर दिए जाने हैं. इस कारण 12वीं में प्राप्त अंकों की अहमियत और ज्यादा बढ़ गई है. लगभग सभी व्यवसायिक संस्थानों ने भी अपने यहां प्रवेश शुरू कर दिया है. आरटी-आरवी के नतीजे नहीं आने के कारण छात्रों के मुख्य परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर ही प्रवेश के लिए आवेदन करना पड़ रहा है.

पढ़ें-जांजगीर-चांपा: मोहल्ला क्लास के जरिए बच्चों को मिल रही शिक्षा, चौपाल लगाकर पढ़ा रहे शिक्षक

माशिमं द्वारा दसवीं-बाहरवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन परीक्षा केंद्र में इस बार नहीं किया गया है. इसकी जगह कॉपियां शिक्षकों के घर भेजी गई थी. शिक्षकों को घर से ही कॉपियों का मूल्यांकन कर अंक माशिमं को भेजने थे. कोरोना के कारण यह व्यवस्था की गई थी. मुख्य परीक्षाओं के बाद पुनर्मूल्यांकन और पुनर्गणना की कॉपियां भी शिक्षकों को उनके घर मूल्यांकन के लिए भेजने का फैसला माशिमं ने किया था. इसके बाद भी अबतक परिणामों के संबंध में कोई अपडेट छात्रों को प्राप्त नहीं हो सका है.

पूरक परीक्षाओं पर संशय

माशिमं द्वारा बोर्ड कक्षाओं की पूरक परीक्षाओं के संदर्भ में अबतक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. जानकारी के अनुसार माशिमं कुछ समय पहले कोरोना संक्रमण को देखते हुए परीक्षाओं के स्थान पर किसी अन्य विधि से छात्रों का मूल्यांकन करने का विचार कर रहा था. लेकिन अब तक परीक्षाओं का विकल्प ही नहीं तलाशा जा सका है. पूरक परीक्षाएं होंगी या नहीं इसके लिए इस पर भी संशय बना हुआ है.

रायपुर: माध्यमिक शिक्षा मंडल छत्तीसगढ़ 3 महीने बाद भी पुनर्मूल्यांकन-पुनर्गणना के परिणाम घोषित नहीं कर सका है. माशिमं ने जुलाई में बोर्ड परीक्षा के नतीजे जारी किए जाने के साथ ही आरटी-आरवी के लिए आवेदन शुरू दिए गए थे. दोनों कक्षा को मिलाकर लगभग 23 हजार छात्रों ने आवेदन किया था, लेकिन अबतक इसके नतीजे जारी नहीं किए गए हैं. अब कक्षाओं और महाविद्यालय में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होकर खत्म होने को है, लेकिन बच्चों को पुनर्मूल्यांकन गणना के नतीजे अभी तक प्राप्त नहीं हो पाए हैं. जिसके कारण कई ऐसे बच्चे हैं जो कॉलेज में प्रवेश नहीं ले पाएंगे.

इस बार व्यापम ने सभी प्रवेश परीक्षाएं रद्द कर दी हैं. व्यावसायिक पाठ्यक्रम से लेकर परंपरागत कोर्स तक में प्रवेश 12वीं कक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर दिए जाने हैं. इस कारण 12वीं में प्राप्त अंकों की अहमियत और ज्यादा बढ़ गई है. लगभग सभी व्यवसायिक संस्थानों ने भी अपने यहां प्रवेश शुरू कर दिया है. आरटी-आरवी के नतीजे नहीं आने के कारण छात्रों के मुख्य परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर ही प्रवेश के लिए आवेदन करना पड़ रहा है.

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माशिमं द्वारा दसवीं-बाहरवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन परीक्षा केंद्र में इस बार नहीं किया गया है. इसकी जगह कॉपियां शिक्षकों के घर भेजी गई थी. शिक्षकों को घर से ही कॉपियों का मूल्यांकन कर अंक माशिमं को भेजने थे. कोरोना के कारण यह व्यवस्था की गई थी. मुख्य परीक्षाओं के बाद पुनर्मूल्यांकन और पुनर्गणना की कॉपियां भी शिक्षकों को उनके घर मूल्यांकन के लिए भेजने का फैसला माशिमं ने किया था. इसके बाद भी अबतक परिणामों के संबंध में कोई अपडेट छात्रों को प्राप्त नहीं हो सका है.

पूरक परीक्षाओं पर संशय

माशिमं द्वारा बोर्ड कक्षाओं की पूरक परीक्षाओं के संदर्भ में अबतक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. जानकारी के अनुसार माशिमं कुछ समय पहले कोरोना संक्रमण को देखते हुए परीक्षाओं के स्थान पर किसी अन्य विधि से छात्रों का मूल्यांकन करने का विचार कर रहा था. लेकिन अब तक परीक्षाओं का विकल्प ही नहीं तलाशा जा सका है. पूरक परीक्षाएं होंगी या नहीं इसके लिए इस पर भी संशय बना हुआ है.

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