रायपुरः छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के चलते रेमडेसीविर इंजेक्शन की किल्लत हो गई है. अस्पताल और मेडिकल स्टोर्स दवाई की अफवाह से ही मेडिकल स्टोर के सामने लंबी-लंबी लाइनें लग रही है. वहीं दूसरी ओर इस इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी भी हो रही है. रायपुर पुलिस और साइबर टीम ने दो लोगों को रेमडेसीविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए रंगे हाथों दबोचा है. पुलिस ने कालाबाजारी करने वाले दो आरोपी को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों का नाम कमलेश साहू और डेविड मनहरे बताया जा रहा है.
पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि अस्पतालों और दवाई दुकानों में रेमडेसीविर इंजेक्शन की कमी हो गई है. जिसको देखते हुए कालाबाजारी वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. पुलिस ऐसे ही दो संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ की. इस दौरान पता चला कि दोनों युवक अपने पास स्टॉक जमा कर, मनमाने दामों में रेमडेसीविर इंजेक्शन के बिक्री कर कर रहे हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि कालाबाजारी सूचना पर पुलिस ने खमतराई निवासी कमलेश साहू को हिरासत में लिया गया. संदिग्ध ने अपना जुर्म कबूल करते हुए साथी आरोपी का भी नाम बताया. कमलेश साहू के निशानदेही पर उसके साथी डेविड मनहरे को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
रायपुर केंद्रीय जेल में कोरोना से 1 कैदी की मौत, दो की हालत गंभीर
महामारी में आम लोगों से हो रही लूट
साइबर सेल की टीम और औषधि विभाग ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारी की है. रेमडेसीविर इंजेक्शन की कलाबाजारी करने वाले दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपी कमलेश साहू से पुलिस ने 45 हजार रुपए नगद और आरोपी डेबिट मनहरे के पास से 49 हजार 500 रुपए नगद, 2 नग रेमडेसीविर इंजेक्शन, इंजेक्शन की कालाबाजारी में प्रयोग 2 नग मोबाइल फोन जब्त किया है. पुलिस को आरोपियों ने बताया कि बढ़ती मांग को देखते हुए उन्होंने दवाइयों के कालाबाजारी की काम शुरु की है. और लोगों को महामारी के बीच लूटने का काम कर रहे हैं.