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NSA in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में रासुका के विरोध, बीजेपी का प्रदेशव्यापी प्रदर्शन - छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ भाजपा ने सोमवार को प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन किया. धरना में भाजपा नेताओं ने बस्तर संभाग सहित पूरे छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार की शह पर बढ़ते अवैध धर्मांतरण और आदिवासी समाज पर पुलिस की एकतरफा बर्बरतापूर्वक कार्यवाई को लेकर अपना विरोध जताया है.

BJP statewide protest against Rasuka
रासुका के विरोध में बीजेपी का प्रदेशव्यापी प्रदर्शन
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Published : Jan 17, 2023, 1:11 PM IST

रायपुर: बीजेपी के नेताओं ने धरना प्रदर्शन के दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए. बीजेपी नेताओं की माने तो '' एक जनवरी 2023 के दिन नारायणपुर में पास्टर, पादरी और अवैध धर्मांतरित लोगों ने 400 से 500 की संख्या में एकत्रित होकर न केवल आदिवासी समाज के लोगों पर धारदार हथियार, लाठी-डण्डा से वार किया गया. यहीं नहीं पुलिस पर भी घातक रूप से हमला किया गया. इस घटना के खिलाफ आदिवासी समाज ने कार्रवाई करने की मांग पर भूपेश सरकार के मंशा अनुरूप उलटे आदिवासी समाज के ही मुखिया, सीधे-सीधे आदिवासी भाईयों, सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को झूठे और गंभीर धाराओं के तहत गिफ्तार कर जेल भेज दिया गया है."


सरकार पर गंभीर आरोप : धरने में मौजूद भाजपा नेताओं ने कहा कि "रासुका लगाने की टाइमिंग पर सरकार की मंशा में संदेह हो रहा है. जब सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक ने अवैध धर्मांतरण के कारण समाज में टकराव की आशंका से संबंधित पत्र अपने मातहतों को लिखकर मिशनरियों की अवैध गतिविधियों के बारे में उल्लेखित किया था. बस्तर कमिश्नर ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर इसे बेहद संवेदनशील मुद्दा बताते हुए अवैध धर्मांतरण के रोकथाम हेतु गाइडलाइन जारी की थी. स्वयं गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने अपने समाज को धर्मांतरण से बचने की सलाह दी थी. तब छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का अंदेशा नहीं हुआ.''

चर्चों के कार्यक्रम में कांग्रेस नेता हुए शामिल : बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार की वोट बैंक की राजनीति के चलते अवांछित रूप से अवैध धर्मांतरण होने दिया. बल्कि इसे पाल-पोस कर आगे बढ़ाने का काम किया. मिशनरियों ने पूरे प्रदेश में हजारों की संख्या में अवैध रूप से चर्चों का निर्माण करा दिया है. इस अवैध ढंग से संचालित चर्चों के उद्घाटन में राज्य सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक और नेता बतौर मुख्य अतिथि शामिल होते हैं. कांग्रेस लगातार ऐसे कई उपायों से न केवल आदिवासी संस्कृति को तबाह करने में सहयोग कर रही है बल्कि राजनीतिक कारणों से उन क्षेत्रों में धर्मांतरण को एक तरह से शासकीय संरक्षण दिया जा रहा है."

क्या है बीजेपी नेताओं की मांग : बीजेपी नेताओं ने मांग है कि धर्मांतरण के व्यवसाय में लगे मिशनरियों के विरुद्ध तत्काल कठोर कार्यवाही हो. आदिवासी समाज के लोगों पर झूठे केस बनाकर जेल भेजने से रोकने के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करने का कष्ट करें. नारायणपुर की घटना में बंद किये गये आदिवासियों की तत्काल रिहाई हो. कांग्रेस सरकार निर्दोष लोगों के विरुद्ध दंडात्मक कारवाई करना तत्काल बंद करे. नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस का छिपा एजेंडा अवैध धर्मांतरण हो सकता है .परंतु यह बीजेपी का खुला एजेंडा है कि प्रदेश की संस्कृति को नष्ट नहीं होने देंगे और अवैध धर्मांतरण नहीं होने देंगे. चाहे आप कोई भी काला कानून लगाएं.

ये भी पढ़ें- रायपुर में संविदाकर्मियों ने उठाई नियमित करने की मांग

धरने में कौन से नेता हुए शामिल: राजधानी समेत प्रदेश के सभी जगहों पर भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार रासुका के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया.रायपुर में सच्चिदानंद उपासने,संजय श्रीवास्तव, श्रीचंद सुंदरानी, दुर्ग में पूर्व मंत्री रमशीला साहू, पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, जिला जितेन्द्र वर्मा, भिलाई ब्रिजेश ब्रिजपुरिया, सूरजपुर मे रामसेवक पैकरा, जिलाध्यक्ष बाबूलाल अग्रवाल, भीमसेन अग्रवाल, कवर्धा में प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा, मोतीराम चंद्रवंशी, जिलाध्यक्ष अनिल सिंह, गोपाल साहू, कांकेर में पूर्व विधायक देवलाल दुग्गा, भोजराज नाग, सुमित्रा मारकोले, विजय मंडावी, बलौदाबाजार में लक्ष्मी वर्मा, दंतेवाड़ा में जिलाध्यक्ष चैतराम अटामी, सहित धरना-प्रदर्शन में सभी जिलों में भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहें.

रायपुर: बीजेपी के नेताओं ने धरना प्रदर्शन के दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए. बीजेपी नेताओं की माने तो '' एक जनवरी 2023 के दिन नारायणपुर में पास्टर, पादरी और अवैध धर्मांतरित लोगों ने 400 से 500 की संख्या में एकत्रित होकर न केवल आदिवासी समाज के लोगों पर धारदार हथियार, लाठी-डण्डा से वार किया गया. यहीं नहीं पुलिस पर भी घातक रूप से हमला किया गया. इस घटना के खिलाफ आदिवासी समाज ने कार्रवाई करने की मांग पर भूपेश सरकार के मंशा अनुरूप उलटे आदिवासी समाज के ही मुखिया, सीधे-सीधे आदिवासी भाईयों, सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को झूठे और गंभीर धाराओं के तहत गिफ्तार कर जेल भेज दिया गया है."


सरकार पर गंभीर आरोप : धरने में मौजूद भाजपा नेताओं ने कहा कि "रासुका लगाने की टाइमिंग पर सरकार की मंशा में संदेह हो रहा है. जब सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक ने अवैध धर्मांतरण के कारण समाज में टकराव की आशंका से संबंधित पत्र अपने मातहतों को लिखकर मिशनरियों की अवैध गतिविधियों के बारे में उल्लेखित किया था. बस्तर कमिश्नर ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर इसे बेहद संवेदनशील मुद्दा बताते हुए अवैध धर्मांतरण के रोकथाम हेतु गाइडलाइन जारी की थी. स्वयं गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने अपने समाज को धर्मांतरण से बचने की सलाह दी थी. तब छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का अंदेशा नहीं हुआ.''

चर्चों के कार्यक्रम में कांग्रेस नेता हुए शामिल : बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार की वोट बैंक की राजनीति के चलते अवांछित रूप से अवैध धर्मांतरण होने दिया. बल्कि इसे पाल-पोस कर आगे बढ़ाने का काम किया. मिशनरियों ने पूरे प्रदेश में हजारों की संख्या में अवैध रूप से चर्चों का निर्माण करा दिया है. इस अवैध ढंग से संचालित चर्चों के उद्घाटन में राज्य सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक और नेता बतौर मुख्य अतिथि शामिल होते हैं. कांग्रेस लगातार ऐसे कई उपायों से न केवल आदिवासी संस्कृति को तबाह करने में सहयोग कर रही है बल्कि राजनीतिक कारणों से उन क्षेत्रों में धर्मांतरण को एक तरह से शासकीय संरक्षण दिया जा रहा है."

क्या है बीजेपी नेताओं की मांग : बीजेपी नेताओं ने मांग है कि धर्मांतरण के व्यवसाय में लगे मिशनरियों के विरुद्ध तत्काल कठोर कार्यवाही हो. आदिवासी समाज के लोगों पर झूठे केस बनाकर जेल भेजने से रोकने के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करने का कष्ट करें. नारायणपुर की घटना में बंद किये गये आदिवासियों की तत्काल रिहाई हो. कांग्रेस सरकार निर्दोष लोगों के विरुद्ध दंडात्मक कारवाई करना तत्काल बंद करे. नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस का छिपा एजेंडा अवैध धर्मांतरण हो सकता है .परंतु यह बीजेपी का खुला एजेंडा है कि प्रदेश की संस्कृति को नष्ट नहीं होने देंगे और अवैध धर्मांतरण नहीं होने देंगे. चाहे आप कोई भी काला कानून लगाएं.

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धरने में कौन से नेता हुए शामिल: राजधानी समेत प्रदेश के सभी जगहों पर भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार रासुका के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया.रायपुर में सच्चिदानंद उपासने,संजय श्रीवास्तव, श्रीचंद सुंदरानी, दुर्ग में पूर्व मंत्री रमशीला साहू, पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, जिला जितेन्द्र वर्मा, भिलाई ब्रिजेश ब्रिजपुरिया, सूरजपुर मे रामसेवक पैकरा, जिलाध्यक्ष बाबूलाल अग्रवाल, भीमसेन अग्रवाल, कवर्धा में प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा, मोतीराम चंद्रवंशी, जिलाध्यक्ष अनिल सिंह, गोपाल साहू, कांकेर में पूर्व विधायक देवलाल दुग्गा, भोजराज नाग, सुमित्रा मारकोले, विजय मंडावी, बलौदाबाजार में लक्ष्मी वर्मा, दंतेवाड़ा में जिलाध्यक्ष चैतराम अटामी, सहित धरना-प्रदर्शन में सभी जिलों में भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहें.

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