रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार सत्ता में है. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को लागू करने के मुद्दे पर राज्य और केंद्र के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. केंद्र सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाएं देशभर में चल रही है. इनमें मनरेगा, आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, किसानों के लिए कृषक सम्मान निधि जैसी कई योजनाएं शामिल है. इन तमाम योजनाओं को लेकर अब छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों ने केंद्रीय मंत्री के सामने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सांसदों ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय योजनाओं को लागू करने में राज्य सरकार लापरवाही कर रही है. राज्य की कांग्रेस सरकार नहीं चाहती है कि केंद्रीय योजनाओं का लाभ प्रदेश के लोगों को मिले. वहीं दूसरी ओर इसे लेकर कांग्रेस ने सांसदों के रवैए पर सवाल उठाए हैं.
छत्तीसगढ़ के सांसदों ने केंद्रीय मंत्री के सामने राज्य सरकार पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. छत्तीसगढ़ के बीजेपी सांसदों ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर इस पूरे मामले को संज्ञान में लेने का आग्रह किया है.
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भूपेश सरकार पर आरोप
केंद्र सरकार ग्राम पंचायतों के मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वित्त राशि उपलब्ध कराती है. लेकिन राज्य सरकार इस राशि से भी ग्राम पंचायतों को वंचित रख रही है. अब राज्य सरकार 14वें वित्त आयोग की राशि का उपयोग क्वॉरेंटाइन सेंटर और गौठान बनाने में खर्च में कर रही है. सांसदों ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से भी राज्य के किसानों को वंचित करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. किसानों को इस योजना का फायदा मिल सके इस दिशा में उपाय किए जाने की जरूरत है. सांसदों ने मांग की है कि उक्त राशि को राज्य सरकार वापस करे. ताकि इस राशि का उपयोग ग्रामीण इलाकों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति में खर्च किया जा सके.
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सांसदों ने यह भी कहा है कि छत्तीसगढ़ के गांव में जो भी विकास कार्य हो रहे हैं. केंद्र सरकार की स्वीकृत मनरेगा और अन्य योजनाओं की राशि से ही हो रही है. राज्य सरकार का इसमें एक भी रुपए का योगदान नहीं है. राज्य सरकार मनरेगा सहित अन्य केंद्रीय योजनाओं की राशि में भारी अनियमितता कर अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन में लगा रही है. मनरेगा की राशि नियंत्रण ग्राम पंचायत में ग्राम सभा के प्रस्तावित कार्यों पर खर्च किया जाना है. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. सांसदों ने कहा है कि देश में मोदी सरकार बनने के बाद गरीबों को देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना बनाई गई लेकिन छत्तीसगढ़ की काग्रेस सरकार योजना का लाभ नहीं दे रही है. इससे नए आवास स्वीकृत नहीं हो रहे हैं और इस योजना से राज्य की जनता वंचित हो रही है.
कांग्रेस का बीजेपी सांसदों पर पलटवार
बीजेपी सांसदों के आरोप को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना और केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं से लाभान्वित हो रहे छत्तीसगढ़ वासियों के खिलाफ बीजेपी सांसद षड्यंत्र रच रहे हैं. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि राजनीतिक फायदा उठाने के लिए इस तरह के अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं. त्रिवेदी ने कहा कि बीजेपी सांसद इतना गिर गए हैं कि केंद्र सरकार से झूठी शिकायतें करके केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभ से छत्तीसगढ़ के लोगों को वंचित करने की चाल चल रहे हैं. प्रदेश की जनता के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ना हर जनप्रतिनिधि का कर्तव्य होता है. लेकिन मानसिक कुंठा के शिकार बीजेपी सांसद कोरोना संकट में बहुत बेहतर काम कर रही है. कांग्रेस ने सभी आरोपों को झूठा बताया है.
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केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करने की जरूरत
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार और केंद्र सरकार के बीच तनातनी कोई नई बात नहीं है. लगातार इस तरह के आरोप-प्रत्यारोपों का दौर चलता रहता है. इसे लेकर अब किसान संगठनों और वरिष्ठ पत्रकारों ने भी कहा है कि आरोप-प्रत्यारोप को छोड़कर सभी राजनीतिक पार्टियों को जनहित के लिए एक मंच पर आना जरूरी है. चाहे वह राज्य की योजनाएं हो या केंद्र की योजनाएं, सभी तरह की जनकल्याणकारी योजनाओं का फायदा प्रदेश के लोगों को सही तरीके से मिलना ही इन योजनाओं का मूल मकसद होता है. किसी भी तरह की योजनाओं का जब निर्माण होता है, तो इन योजनाओं के पीछे जनता को ज्यादा से ज्यादा लाभ देने की बात होती है. राज्य स्तर की योजना हो या फिर केंद्रीय स्तर की योजना सभी तरह की प्लानिंग के पीछे उद्देश्य जनता का लाभ होता है. लेकिन समय, परिस्थितियों और विचारधारा के चलते इस तरह के हालात देश के कई राज्यों में बनते बिगड़ते देखे जा सकते हैं. छत्तीसगढ़ जैसे कृषि प्रधान राज्य में किसानों, मजदूरों और गरीब तबकों के लिए ऐसे तमाम तरह की जनकल्याणकारी योजनाओं के सही तरीके से क्रियान्वयन की जरूरत है.