रायपुर: छत्तीसगढ़ बीजेपी के कद्दावर नेता और राज्य सभा सांसद रामविचार नेताम (BJP MP Ramvichar Netam) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण (Conversion in Chhattisgarh) समेत अनेक मुद्दों पर सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में दाऊ मॉडल (Dau Model in Chhattisgarh) चल रहा है, जो पूरी तरह फेल साबित हुआ है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए बीजेपी सड़क की लड़ाई लड़ेगी. धीरे-धीरे लोगों में सरकार के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है. जनता का यह गुस्सा ज्वालामुखी की तरह फटेगा.
सवाल: राजनीति में जब आप आए उस समय परिस्थियां बहुत अनुकूल थीं. बीजेपी के हिसाब से, तो कैसे आपको जनसमर्थन मिला और 5 बार विधायक रहे अगर मंत्री पद की बात करें तो कोई ऐसा विभाग नहीं बचा शायद जिसके आप मंत्री नहीं रहे हों. इन सारे विषयों को लेकर आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: देखिए राजनीति में आने के लिए मेरे शुभचिंतकों ने मेरे सहयोगी साथियों ने बहुत मना किया. बोला कि राजनीति बड़े लोगों के लिए है. तुम्हारे यहां तो खाने पीने के लिए कुछ नहीं है. घर चलाने के लिए दाने नहीं हैं. घर की स्थिति भी बहुत दयनीय थी. उस हालात में हम तो साल का फीस नहीं दे पाते थे. इतनी गरीबी हालात से हम गुजरे हैं. यह मैं ही समझ सकता हूं, लेकिन इसके बावजूद मैंने बोला कि यदि ऐसे ही सोचते रहेंगे कि राजनीति में कोई नहीं जा सकता तो लड़ाई कौन लड़ेगा. क्योंकि हमारा क्षेत्र अभावग्रस्त क्षेत्र है. वहां न बिजली है न पानी है, न सड़क है और न ही स्वास्थ्य की कोई सुविधाएं है. इतना ही नहीं शिक्षा के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है. इसके लिए कौन लड़ाई लड़ेगा. इसके लिए किसी न किसी को तो राजनीति में आगे जाना पड़ेगा. ऐसा ठान करके एक अरमान जगा कि हमें ये काम करना हैं और मुझे आज खुशी है कि मुझे उस क्षेत्र की जनता ने सराखों पर बिठाया. इतना विश्वास किया कि एक बार नहीं लगातार 5-5 बार जीताया. आज भी किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है. एक चूक हो जाने से जनता ने सोचा कि हमसे दूर हो गया है. दूसरी बात की जिले का जो डिवीजन हुआ उस डिवीजन की वजह से सिचुएशन बना और बलरामपुर - रामानुजगंज (Ramanujganj) के बीच में जिस प्रकार से विवाद शुरू हुआ. उसका खामियाजा हम भूकते हैं.
सवाल: उसके बावजूद पार्टी ने आपका साथ नहीं छोड़ा. उस लिहाज से आपको अनुसूचित जनजाति का राष्ट्रीय अध्यक्ष तक बनाया.
जवाब: मैंने कभी भी पार्टी लाइन के बाहर नहीं गया. मैं आक्रामकता के साथ लोगों के लिए लड़ाई लड़ता रहा. पार्टी के लिए लड़ाई लड़ता रहा. पार्टी को उन क्षेत्रों में पहुंचानी थी जैसे सरगुजा हो गया वहां पहुंचाने काम किया. इसलिए पार्टी का काम करते करते युवा मोर्चा में गया. राष्ट्रीय टीम में गया. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के जिले का अध्यक्ष भी रहा और इसके साथ-साथ पार्टी ने जो भी दायित्व दिया. उन सभी को ईमानदारी और निष्ठा के साथ हमने सक्रियता के साथ उसे निभा कर दिखाया और यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी संगठन हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व की निकाह उनका ध्यान उनकी कृपा मेरे ऊपर बराबर बनी रहे. जिसकी वजह से मुझे किसी न किसी एक प्रतिष्ठा पूर्ण पदों पर बैठने का बराबर मुझे अवसर मिला उसमें बैठकर के हम ने पार्टी के विस्तार के लिए संगठन के विस्तार के लिए हम लगातार काम करते रहे.
सवाल: आप राज्यसभा सांसद है. कोई ऐसा मुद्दा हो जो आपने राज्यसभा में उठाया हो और उसके प्रतिफ़ल यहां पर कोई सकारात्मक कार्रवाई हुई हो?
जवाब: देखिए एक रेलवे का मुद्दा है. रेलवे के लिए हम यहां पर लड़ाई लड़ते रहे. जिसकी वजह से हम लोगों ने यहां पर चाहे अंबिकापुर के रेलवे लाइन की विस्तार की बात हो उसमें काफी काम हो रहा है और ट्रेन में सुविधा भी बड़ी है पहले एकात एसी ही चल रहा था. ऐसी सुविधा भी बड़ा. उसके साथ साथ में बोगी भी बढ़ाया गया है. हम लोगों का प्रयास है कि आगे चलकर के एक अंबिकापुर से इंटरसिटी रायपुर तक के चले और दिल्ली के लिए भी एक ट्रेन चले. मैं समझता हूं कि भारत सरकार के पास समय समय पर रखा है, लेकिन भारत सरकार के पास भी बहुत सारी परेशानियां होती है. बहुत सारे इश्यू होते हैं. उसे पहले देखना है फिर किन क्षेत्रों में ज्यादा ध्यान देना है. उस पर भारत सरकार काम करती है.
सवाल: आप लोगों का दावा है कि अगला चुनाव होगा उसमें राज्य में आप लोगों की सरकार बनेगी. आप सरकार के कामकाज से अभी फिलहाल संतुष्ट नहीं है. क्योंकि विकास को लेकर आपका बयान भी आया था. क्या बीजेपी इस बार राज्य में आदिवासी चेहरे को लेकर चुनाव लड़ेगी?
जवाब: देखिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) का हमारा एक संगठन है. यदि होता है हमारा संगठन तय करता है तो समय-समय पर भारतीय जनता पार्टी का संगठन राष्ट्रीय नेतृत्व में विभिन्न निर्णय लिया है. उससे भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश इकाई और हम सब उसके अनुसार हम लोग अपना काम करते हैं. अभी हम लोगों का या विषय नहीं है.
सवाल: छत्तीसगढ़ आदिवासी (Chhattisgarh Tribal) बहुल प्रदेश है. ऐसे में वहां का मुखिया आदिवसी होना चाहिए?
जवाब : देखिए राष्ट्रीय नेतृत्व को तय करना है देखना है मैं समझता हूं कि समय आने पर उसका भी सही निर्णय लिया जाएगा.
सवाल: कांग्रेस सरकार का विकास का अपना मॉडल है. जब यूपी जाते हैं तो उनका दावा होता है कि गुजरात मॉडल फेल हो गया. छत्तीसगढ़ मॉडल ही अब पूरे देश में चलेगा. ये वही मॉडल है जो गांधी जी का सपना था, उसको साकार करने में सक्षम है.
जवाब: यहां दाऊ मॉडल चल रहा है. दाऊ मॉडल छत्तीसगढ़ में पूरी तरह से फेल है. बहुत ही अराजकता की स्थिति बन रही है. पूरे काम धाम सब बंद है. विकास कार्य से लेकर सब कुछ बंद है. जिस प्रकार से एक राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से ग्रसित होकर के कई जगहों पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के ऊपर बड़े पैमाने पर फर्जी मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं. ये सब प्रदेश की जनता देख रही है. मैं समझता हूं कि इसे माफ नहीं करेगी और जिस प्रकार से भ्रष्टाचार सुनियोजित तरीके से पूर्व प्रायोजित चाहे बालू का हो, शराब माफिया हो, रेत माफिया हो या फिर कोयला माफिया हो, अवैध रूप से जंगल को कटवाने वाले जो माफिया है. यह सब प्रदेश की जनता देख रही है.
सवाल: विपक्ष को जिस तरह से इन मुद्दों को उठाना चाहिए. सड़क पर कोई दिखाई नहीं देता. हालांकि इन मामलों को लेकर बयान आते हैं आपके, लेकिन किसी तरह का कोई प्रदर्शन नहीं होता. ऐसे में आपकी पार्टी को आम लोगों का साथ नहीं मिल रहा क्या?
जवाब: देखिए भारतीय जनता पार्टी हर मुद्दे को लगातार उठाते रही है. ये बात अलग है कि सरकार अभी ढाई साल से बढ़ गई है. जनता और उसके विरोध में जो बहुत सारे बाते है. ये सीधे अभी सामने नहीं आ रहा है. इसलिए नहीं आ रहा है कि सरकार का उसे कहीं कूप का शिकार नहीं होना पड़े. इसलिए डर की वजह से थोड़ी सहमी हुई है. छह माह साल भर में देखिए. राख को सिर्फ हटाने की जरूरत है. उसके बाद तूफान तो उठेगा ही और ऐसा उठेगा बवंडर कि उसे संभालने से भी नहीं संभलेगा. हर वर्ग हर क्षेत्र में जिस प्रकार से दबी हुई जो राख है. वो सिर्फ जो है सुलगाने की जरूरत है. सुलग रहा है अंदर आत्मा. जिस दिन यह विस्फोट होगा. ज्वालामुखी की तरह फूटेगा.
सवाल: कांग्रेस आरोप लगा रही है कि आप लोगों के पास कोई मुद्दा नहीं है. बीजेपी जबरदस्ती धर्मांतरण का मुद्दा उठा रही है. क्या यह जबरन वाला मुद्दा है?
जवाब: नहीं असल में कांग्रेस की सरकार इसमें बैठी हुई है. लोगों के आंख में सरकार का पट्टी लगा हुआ है. वह दिखाई नहीं दे रहा है. उतर जाएगा. कहीं जाकर देखें न. अभी पता नहीं चल रहा है. हमें पता चल रहा है. हम लोग जाते हैं, क्षेत्र में जाते हैं. किस प्रकार से नंगा नाच हो रहा है. किस प्रकार से वर्ग विशेष के लोगों का मनोबल बढ़ाया जा रहा है. कहीं भी कुछ हो रहा है, कोई सुनने वाला नहीं है. कौन कटवा रहा जंगल, किनके संरक्षण में हो रहा काम. किनकी निगरानी में तत्काल रातों रात झंडे लगा दे रहे हैं. रातों रात धार्मिंक स्थल बना दिया जा रहा है. देखिए छत्तीसगढ़ शांत राज्य है, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इसके विरोध करने के लिए जनता सामने न आए. सामने जिस दिन जनता आ जाएगी, अभी जनता ने दिखा दिया कवर्धा जिला में. सरकार से बस इतना आग्रह है कि अराजक स्थिति की ओर न ले जाए.