रायपुर : लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग से 150 से अधिक शिकायतें की थीं, लेकिन बीजेपी का आरोप है कि, इन शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, लिहाजा अब मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की शिकायत भारत निर्वाचन आयोग से की गई है.
बीजेपी का आरोप है कि उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इन शिकायतों को संज्ञान में जरूर लिया गया, लेकिन कार्रवाई के बजाय गोलमाल जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया गया. छत्तीसगढ़ भाजपा ने आरोप लगाया कि, 'मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ द्वारा 24 अप्रैल को आदेश जारी कर आदर्श आचार संहिता में छूट दी गई थी'.
बीजेपी का आरोप है कि, 'इस छूट के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री व मंत्रीगण सरकारी कामकाजों के लिए जिलों का दौरा कर सकेंगे. निविदा बुलाई जा सकेगी. कार्य आदेश जारी किया जा सकता है, मंत्रियों को मिलने वाली सारी सुविधाएं पुन: प्राप्त होंगी, अधिकारियों के साथ दौरा एवं समीक्षा कर सकेंगे. इस संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने आदेश जारी कर छत्तीसगढ़ शासन को इससे अवगत कराया था'.
पार्टी का कहना है कि, 'वर्तमान समय में देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं इस चुनाव में प्रदेश के मुख्यमंत्री व मंत्री अन्य प्रदेशों में भी चुनावी दौरे पर जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ से लगे हुए अन्य प्रदेशों में भी चुनाव कार्य चल रहे हैं. वर्तमान परिस्थितियों में किसी प्रदेश विशेष से आदर्श चुनाव आचार संहिता का हटाए जाने का निर्णय संदेहास्पद रूप से लिया गया है. ये निर्णय सत्तारूढ़ दल को लाभ पहुंचाने की नीयत से लिया गया है, जोकि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के विपरीत है'.
कांग्रेस के समर्थन में काम करने का आरोप
बीजेपी का आरोप है कि, 'मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय और जिला निर्वाचन अधिकारी सत्तारूढ़ दल इंडियन नेशनल कांग्रेस के समर्थन में कार्य कर रही है'.
'निर्णयों की जांच की जाए'
बीजेपी ने भारत निर्वाचन आयोग से मांग की है कि, 'निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के विपरीत कार्य करने वाले मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए. साथ ही मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा चुनाव के दौरान लिए गए निर्णयों की जांच की जाए. साथ ही साथ उनके द्वारा स्वीप के माध्यम से जो विज्ञापन जारी किया गया था, उसकी जांच पड़ताल कर सख्त कार्रवाई की जाए'.