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उपचुनाव में साख बचाने की चुनौती, तैयारी में जुटी कांग्रेस-बीजेपी

दंतेवाड़ा उपचुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद जैसे-जैसे तारीख नजदीक आ रही है, क्षेत्र में राजनीति तेज होती जा रही है. खास बात तो ये है कि इस उपचुनाव में प्रत्याशियों के तौर पर क्षेत्र के दो दिग्गज नेताओं की पत्नियां ताल ठोक रही हैं. ये चुनाव दोनों ही पार्टियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

भाजपा-कांग्रेस के सामने उपचुनाव में साख बचाने की चुनौती
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Published : Aug 29, 2019, 11:33 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से उपचुनाव के बहाने जीत-हार की बिसात बिछ गई है. दरअसल, विधानसभा क्षेत्र 88 दंतेवाड़ा उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो गई है. इसके बाद अब सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने प्रत्याशी को लेकर रणनीति बनाना शुरू कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने जहां इस सीट पर नक्सली हमले में शहीद हुए भीमा मंडावी के पत्नी को टिकट देना चाह रही है, वहीं कांग्रेस बस्तर के बड़े नेता रहे महेंद्र कर्मा की पत्नी को मौदान में उतारने का मन बना रही है.

कांग्रेस-बीजेपी के लिए चुनौती

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मिली बंपर जीत के बाद अब सरकार के सामने एक बार फिर से परीक्षा की घड़ी सामने आ गई है. विधानसभा चुनाव में तो कांग्रेस को एकतरफा जीत मिली थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में वोट परसेंट भाजपा ने बढ़ाया है. हालांकि बस्तर के लिए भाजपा को मुश्किल हमेशा से रही है. लोकसभा चुनाव में भी यहां कांग्रेस को ही जीत मिली, लेकिन अब एक बार फिर से दंतेवाड़ा सीट पर उपचुनाव की तारीखों के एलान के बाद दोनों ही प्रमुख दलों के सामने चुनौती शुरू हो गई है.

उपचुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस-बीजेपी

दिवंगत मंडावी की पत्नी को मैदान में उतरने की तैयारी

भाजपा की ओर से पूर्व विधायक भीमा मंडावी की मौत के बाद उनकी पत्नी ओजस्वी मंडावी ने विधानसभा उपचुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. हालांकि उनका राजनीति से सीधा नाता नहीं रहा है, लेकिन वह अपने पति के विधानसभा चुनाव लड़ने के समय उनके लिए भाजपा महिला मोर्चा के साथ मिलकर प्रचार कर रही थी. जिस तरह पति की हत्या के बाद जो स्थिति उनके सामने आई है, उसे देखते हुए वह चुनावी समर में उतरने के लिए तैयार हैं.

बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा की पत्नी भी मैदान में

दूसरी ओर सत्ता में बैठी कांग्रेस के लिए भी ये उपचुनाव एक तरह से परीक्षा से कम नहीं है. कांग्रेस ने चुनावों के लिए बस्तर के खाटी नेता और केबिनेट मंत्री कवासी लखमा को कमान सौंपी है. इस सीट पर अब बस्तर टाइगर के नाम से प्रसिद्ध और पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा का नाम प्रमुख रूप से आगे चल रहा है. हालांकि कवासी अपने अंदाज में कुछ भी फाइनल नहीं बताते हैं. वे कहते है कि कांग्रेस पार्टी के लिए वे एक सिपाही हैं और पार्टी जिसको भी टिकट देगी पूरी पार्टी उसके लिए काम करेगी.

23 सितंबर को मतदान और 27 सितंबर को मतगणना

उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 4 सितंबर तक और नाम वापसी की तिथि 7 सितंबर तक है. 23 सितंबर को मतदान और मतगणना 27 सितंबर को होनी है. उपचुनाव इसलिए भी खास है, क्योंकि लोकसभा में पिछड़ने के बाद और बस्तर से मोहन मरकाम के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस को अपने आप को प्रूफ करना होगा. वहीं भाजपा के सामने इस सीट को बरकरार रखने की चुनौती है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से उपचुनाव के बहाने जीत-हार की बिसात बिछ गई है. दरअसल, विधानसभा क्षेत्र 88 दंतेवाड़ा उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो गई है. इसके बाद अब सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने प्रत्याशी को लेकर रणनीति बनाना शुरू कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने जहां इस सीट पर नक्सली हमले में शहीद हुए भीमा मंडावी के पत्नी को टिकट देना चाह रही है, वहीं कांग्रेस बस्तर के बड़े नेता रहे महेंद्र कर्मा की पत्नी को मौदान में उतारने का मन बना रही है.

कांग्रेस-बीजेपी के लिए चुनौती

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मिली बंपर जीत के बाद अब सरकार के सामने एक बार फिर से परीक्षा की घड़ी सामने आ गई है. विधानसभा चुनाव में तो कांग्रेस को एकतरफा जीत मिली थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में वोट परसेंट भाजपा ने बढ़ाया है. हालांकि बस्तर के लिए भाजपा को मुश्किल हमेशा से रही है. लोकसभा चुनाव में भी यहां कांग्रेस को ही जीत मिली, लेकिन अब एक बार फिर से दंतेवाड़ा सीट पर उपचुनाव की तारीखों के एलान के बाद दोनों ही प्रमुख दलों के सामने चुनौती शुरू हो गई है.

उपचुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस-बीजेपी

दिवंगत मंडावी की पत्नी को मैदान में उतरने की तैयारी

भाजपा की ओर से पूर्व विधायक भीमा मंडावी की मौत के बाद उनकी पत्नी ओजस्वी मंडावी ने विधानसभा उपचुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. हालांकि उनका राजनीति से सीधा नाता नहीं रहा है, लेकिन वह अपने पति के विधानसभा चुनाव लड़ने के समय उनके लिए भाजपा महिला मोर्चा के साथ मिलकर प्रचार कर रही थी. जिस तरह पति की हत्या के बाद जो स्थिति उनके सामने आई है, उसे देखते हुए वह चुनावी समर में उतरने के लिए तैयार हैं.

बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा की पत्नी भी मैदान में

दूसरी ओर सत्ता में बैठी कांग्रेस के लिए भी ये उपचुनाव एक तरह से परीक्षा से कम नहीं है. कांग्रेस ने चुनावों के लिए बस्तर के खाटी नेता और केबिनेट मंत्री कवासी लखमा को कमान सौंपी है. इस सीट पर अब बस्तर टाइगर के नाम से प्रसिद्ध और पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा का नाम प्रमुख रूप से आगे चल रहा है. हालांकि कवासी अपने अंदाज में कुछ भी फाइनल नहीं बताते हैं. वे कहते है कि कांग्रेस पार्टी के लिए वे एक सिपाही हैं और पार्टी जिसको भी टिकट देगी पूरी पार्टी उसके लिए काम करेगी.

23 सितंबर को मतदान और 27 सितंबर को मतगणना

उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 4 सितंबर तक और नाम वापसी की तिथि 7 सितंबर तक है. 23 सितंबर को मतदान और मतगणना 27 सितंबर को होनी है. उपचुनाव इसलिए भी खास है, क्योंकि लोकसभा में पिछड़ने के बाद और बस्तर से मोहन मरकाम के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस को अपने आप को प्रूफ करना होगा. वहीं भाजपा के सामने इस सीट को बरकरार रखने की चुनौती है.

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(कवासी लखमा की बाईट लाइव यू से भेजी गई है)

रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से उपचुनाव के बहाने जीत हार की बिसात बिछ गई है। दरअसल विधानसभा क्षेत्र 88 दंतेवाड़ा उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो गई है। इसके बाद अब सभी राजनीतिक दलों ने अपने अपने प्रत्याशी को लेकर रणनीति बनाना शुरु कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने जहाँ इस सीट पर नक्सली हमले में शहीद हुए भीमा मंडावी के पत्नी को टिकट देकर सांत्वना देने एम लगी है वही कांग्रेस बस्तर के धाकड़ नेता रहे महेंद्र कर्मा के परिजनों को टिकट देकर बाजी जितने में लगी है।Body:वीओ-1

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में मिली बंफर जीत के बाद अब सत्ता सरकार के सामने एक बार फिर से परीक्षा की घड़ी सामने आ गई है। विधानसभा चुनाव में तो कांग्रेस को एकतरफा जीत मिली थी लेकिन लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित वोट परशेंट भाजपा ने बढ़ाया है। हालांकि बस्तर के लिए भाजपा को मुश्किल हमेशा से रही और लोकसभा चुनाव में भी यहाँ कांग्रेस को ही जीत मिली लेकिन अब एक बार फिर से दंतेवाड़ा सीट पर उपचुनाव के तारीखों के एलान के बाद दोनों ही प्रमुख दलों के सामने चुनौती शुरू हो गई है। भाजपा की ओर से जहाँ पूर्व विधायक भीमा मंडावी की मौत के बाद उनकी पत्नी ओजस्वी मंडावी ने विधानसभा उपचुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। हालांकि उनका राजनीति से सीधा नाता नही रहा है, लेकिन वह अपने पति के विधानसभा चुनाव लड़ने के3 समय उनके लिए भाजपा महिला मोर्चा के साथ मिलकर प्रचार के लिए जरूर मैदान में उतरी थी। आज जिस तरह से स्थिति उनके सामने अपने पति की हत्या के बाद आई है, उसे देखते हुए वह चुनावी समर में उतरने के लिए तैयार है। भाजपा ने उपचुनावों के लिए प्रभारियों की नियुक्ति के साथ ही चुनाव जीतने का दावा कर दिया है।

बाईट- धरमलाल कौशिक, नेता प्रतिपक्ष

वीओ 2

वही दूसरी ओर सत्ता सरकाए में बैठी कांग्रेस के लिए भी ये उपचुनाव एक तरह से परीक्षा से कम नही है। कांग्रेस ने चुनावो के लिए बस्तर के खाटी नेता और केबिनेट मंत्री कवासी लखमा को कमान सौपी है। इस सीट पर अब बस्तर टाइगर के नाम से प्रसिद्ध और पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा का नाम प्रमुख रूप से चल रहा है। हालांकि कवासी अपने अंदाज में कुछ भी फाइनल नही बताते। वे कहते है कि कांग्रेस पार्टी के लिए वे एक सिपाही है और पार्टी जिसको भी टिकट देगी पूरी पार्टी उसके लिए काम करेगी।

बाईट- कवासी लखमा, केबिनेट मंत्री

Conclusion:फाइनल वीओ

दंतेवाड़ा उपचुनाव भले ही एक सीट पर चुनाव हो रहा है निर्वाचन आयोग की ओर से नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 4 सितंबर तक और नाम वापसी की तिथि 7 सितंबर तक जारी कर दी है। यही नही 23 सितंबर को मतदान और मतगणना 27 सितंबर को होने के एलान से पूरी तरह चुनावी मोड़ शुरु हो गया है । यह चुनाव इसलिए भी खास है कि लोकसभा में पिछड़ने के बाद और बस्तर से नए प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के बनने के बार
कांग्रेस को अपने आप को प्रूफ करना होगा वही भाजपा को इस सीट को बरकरार रखने की चुनौती है।

पीटीसी

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर
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