रायपुर : सीएम भूपेश बघेल ने उड़ान 5.0 योजना में बिलासपुर को शामिल नहीं किए जाने पर इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. आपको बता दें कि बिलासपुर के चकरभाठा में विमानों का संचालन शुरु हो चुका है.इसके बावजूद यात्रियों की कमी का हवाला देकर कई विमानों की सेवाएं बंद कर दी गई हैं. जिसका विरोध संघर्ष समिति कर रहा है.ऐसे में उड़ान 5.0 योजना में बिलासपुर को शामिल नहीं किए जाने पर एक बार फिर छत्तीसगढ़ में सियासत गर्मा रही है.
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बिलासपुर के लोगों में बहुत रोष और निराशा है।
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उड़ान योजना में बिलासपुर को शामिल न करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
अरुण साव जी तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं और बिलासपुर लोकसभा के सांसद भी, क्या उनकी पार्टी में उनकी सुनवाई नहीं होती?
अरुण साव जी को तो अब तक धरने पर बैठ जाना चाहिए। pic.twitter.com/MYPja3pQmg
">बिलासपुर के लोगों में बहुत रोष और निराशा है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 12, 2023
उड़ान योजना में बिलासपुर को शामिल न करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
अरुण साव जी तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं और बिलासपुर लोकसभा के सांसद भी, क्या उनकी पार्टी में उनकी सुनवाई नहीं होती?
अरुण साव जी को तो अब तक धरने पर बैठ जाना चाहिए। pic.twitter.com/MYPja3pQmgबिलासपुर के लोगों में बहुत रोष और निराशा है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 12, 2023
उड़ान योजना में बिलासपुर को शामिल न करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
अरुण साव जी तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं और बिलासपुर लोकसभा के सांसद भी, क्या उनकी पार्टी में उनकी सुनवाई नहीं होती?
अरुण साव जी को तो अब तक धरने पर बैठ जाना चाहिए। pic.twitter.com/MYPja3pQmg
सीएम भूपेश ने अरुण साव पर साधा निशाना : सीएम भूपेश बघेल के मुताबिक '' बिलासपुर के लोगों में बहुत रोष और निराशा है. उड़ान योजना में बिलासपुर को शामिल न करना दुर्भाग्यपूर्ण है.अरुण साव जी तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं और बिलासपुर लोकसभा के सांसद भी, क्या उनकी पार्टी में उनकी सुनवाई नहीं होती? अरुण साव जी को तो अब तक धरने पर बैठ जाना चाहिए.''
क्या है उड़ान 5.0 योजना : उड़ान 5.0 की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं.
- उड़ान का यह चरण, श्रेणी-2 (20-80 सीटों) और श्रेणी-3 (80 से ज्यादा सीटों) पर केंद्रित है.
- पहले चरण की 600 किमी की सीमा को समाप्त कर दिया गया है. उड़ान के मूल और गंतव्य के बीच की दूरी के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है.
- वायबिलिटी गैप फंडिंग -वीजीएफ को प्राथमिकता और गैर-प्राथमिकता वाले दोनों क्षेत्रों के लिए ऊपरी सीमा 600 किमी की दूरी पर निर्धारित की जाएगी, जबकि पहले ऊपरी सीमा 500 किमी थी.
- कोई पूर्व निर्धारित रूट पेश नहीं किया जाएगा. केवल एयरलाइंस ही प्रस्तावित नेटवर्क और व्यक्तिगत रूट के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।
- एयरलाइनों को एलओए जारी होने के 2 महीने बाद एक कार्य/व्यवसाय योजना प्रस्तुत करनी होगी.जिसमें वे तकनीकी प्रस्ताव के समय अपनी विमान अधिग्रहण योजना/विमान की उपलब्धता, चालक दल, स्लॉट प्रस्तुत करेंगे.
- एक रूट, एक एयरलाइन को एक से अधिक बार नहीं दिया जाएगा, चाहे वह अलग-अलग नेटवर्क में हो या एक ही नेटवर्क में.
- एक रूट पर एकाधिकार को रोकने के लिए, यदि चार लगातार तिमाहियों में औसत तिमाही पीएलएफ 75% से अधिक है, तो विशिष्टता वापस ले ली जाएगी.
- त्वरित संचालन को और प्रोत्साहित करने के लिए 4 महीने तक की देरी होने पर, प्रत्येक महीने के लिए प्रदर्शन गारंटी का 25% भुना लिया जाएगा.
- एयरलाइंस को रूट दिए जाने के 4 महीने के भीतर परिचालन शुरू करना होगा। पहले यह समय सीमा 6 महीने थी.
- हवाई अड्डों की एक सूची - जो संचालन के लिए तैयार हैं, या जल्द ही संचालन के लिए तैयार होंगे इन्हें योजना में शामिल किया गया है, ताकि योजना के तहत मार्गों के त्वरित संचालन को सुविधाजनक बनाया जा सके.
- एक ऑपरेटर के रूट को दूसरे ऑपरेटर को दिए जाने से जुड़ी नवीकरण प्रक्रिया को सरल बनाया गया है.