रायपुर: छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ के बाद भूपेश सरकार भगवान राम से जोड़कर एक और कार्यक्रम शुरू करने जा रही है.(CM Bhupesh Baghel ) प्रदेश के गांव-गांव में परंपरागत रूप से राम नाम का भजन करने वाली मानस मंडलियां मौजूद हैं. भूपेश सरकार इन मंडलियों को प्रोत्साहित करने की योजना बना रही है. इसके लिए बकायदा प्रतियोगिता कराने और उन्हें पुरस्कृत करने की योजना है. इस प्रतियोगिता के बहाने एक बार फिर राज्य में भगवान राम के नाम पर सियासत शुरू हो गई है. (ram bhajan mandali)
भूपेश बघेल की अगुवाई में राज्य में आते ही पर्यटन विकास के लिए राम वन गमन पथ को विकसित करने की योजना बनाई गई. इसके तहत प्रदेश में 9 स्थानों का चुनाव कर विकसित भी किया जा रहा है. माना जा रहा है कि मानस मंडलियों को अनुदान देकर सरकार सीधे बड़ी संख्या में लोगों से जुड़ने और डाटा बेस तैयार करने का कदम उठा रही है. (reward ram bhajan mandali )
इसे इस तरह समझा जा सकता है
एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में 12000 से ज्यादा इस तरह की मंडलियां हैं. हर मंडली में 20 से ज्यादा लोग होते हैं. इनके श्रोताओं की संख्या मिलाकर इस योजना के माध्यम से सरकार एक बड़ी आबादी से जुड़ने जा रही है.
मानस मंडली को प्रोत्साहित करने की किसी सरकार ने नहीं की पहल
संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि सभी गांव में भजन कीर्तन के लिए एक मंडली बनी होती है. इस मंडली के जरिए भजन-कीर्तन किया जाता है. छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान भी हो जाता है. इन भजन मंडलियों को प्रोत्साहन देने बारे में पहले किसी ने नहीं सोचा. लेकिन अब भूपेश सरकार इनके बारे में सोच रही है. उनके द्वारा ना सिर्फ इन मानस मंडलियों का पंजीयन कर अनुदान दिया जा रहा है बल्कि उनमें प्रतियोगिताएं करा कर पुरस्कृत करने की भी योजना है. अमरजीत भगत ने कहा कि भगवान राम छत्तीसगढ़ के भांजे हैं. माता कौशल्या का यहां मायका है. भांजे राम को यहां पूजते हैं. यहां के कण-कण भगवान राम बसते हैं.
'भगवान राम के महत्व को बढ़ाने का काम कर रही है भूपेश सरकार'
वहीं कृषि मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता रविंद्र चौबे ने कहा कि राम वन गमन पथ हमारा कार्यक्रम है. मानस मंडलियों को सम्मानिक और पुरस्कृत करके राम जी के महत्व को छत्तीसगढ़ में बढ़ाने का काम भूपेश बघेल कर रहे हैं. यह छत्तीसगढ़ की संस्कृति से जुड़ा हुआ सीधा सवाल है. चौबे ने कहा कि अगर कोई इसे राजनीतिक चश्मे से देखता है तो आप समझ लीजिए कि राम उनके लिए केवल राजनीति का कारण है. हमारे लिए राम केवल आस्था और अस्मिता का सवाल है.
बीजेपी ने कसा तंज
भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आने वाले समय सबको प्रभु राम की शरण में आना पड़ेगा. जो लोग प्रभु राम के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करते थे. जो लोग रामसेतु के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करते थे. वह आज राम वन गमन पथ बनाने की बात कह रहे हैं. रामायण मंडलियों को अनुदान देने की बात कह रहे हैं.
बृजमोहन ने कहा कि पूरे देश का एजेंडा बीजेपी तय करती है. उस एजेंडे के ऊपर सभी राजनीतिक पार्टियों को चलने के लिए मजबूर होना पड़ता है. लेकिन जो वास्तविकता है उसको लोग अपनाते हैं और दूसरों को लोग पहचानते हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने कसा तंज
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस को लगता है कि राम के नाम पर वैतरणी पार कर ले, तो काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है. एक बार चढ़ गई लोगों ने देख लिया. जिन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में राम सेतु को लेकर के एफिडेविट दिया था कि यह काल्पनिक है. अयोध्या मंदिर के लिए जब राशि की बात आई तो इन्होंने मुद्दे को विवादित बना दिया. वास्तविकता में भगवान राम के प्रति अंतरात्मा से प्रेम होना चाहिए. कौशिक ने कहा कि यह सरकार घोषणा बहुत सारी करती है लेकिन अमल में कुछ नही आता है.
वरिष्ठ पत्रकार गिरीश केसरवानी ने कहा कि भगवान राम श्रद्धा और धार्मिक आस्था का विषय है. भगवान राम को लेकर किसी भी राजनीतिक दल को सियासत नहीं करनी चाहिए. भगवान राम से जुड़ी जितनी भी धरोहर है, उसे संरक्षित करने का काम सभी पार्टियों और लोगों को करना चाहिए. राम के नाम पर सियासत ठीक नहीं.
इसी बहाने भगवान राम की शरण में पहुंची कांग्रेस
केसरवानी ने कहा कि वर्तमान में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को भले ही लोग सियासत के रूप में देख रहे हों. लेकिन इससे मानस मंडलियों को प्रोत्साहन तो मिल रहा है. इसी बहाने से कांग्रेस भी भगवान राम की शरण में आ गई. (Ram Van Gaman Path)
भूपेश सरकार में राम के नाम पर अब तक क्या हुआ ?
राम वन गमन के पहले चरण में छत्तीसगढ़ में स्थित कोरिया जिले से लेकर दक्षिण के सुकमा जिले तक 9 स्थानों का सौंदर्यकरण ओर विकास किया जा रहा है. राम वन गमन पथ के प्रथम चरण के लिए चिन्हांकित 9 स्थान सीतामढ़ी हरचौका-कोरिया, रामगढ़-अंबिकापुर, शिवरीनारायण - जांजगीर चांपा, तुरतुरिया - बलौदाबाजार, चंदखुरी - रायपुर, राजिम - गरियाबंद, सिहावा साऋषि आश्रम-धमतरी, जगदलपुर-बस्तर, रामाराम -सुकमा हैं. (Chhattisgarh in first phase of Ram Van Gaman )
बजट में किया गया 30 करोड़ का प्रावधान
इसकी शुरुआत रायपुर के पास स्थित चंदखुरी के माता कौशल्या मंदिर से हो चुकी है. साथ ही इसके लिए 2021-22 के बजट में 30 करोड़ का प्रावधान भी किया गया है. भगवान राम के नाम पर मानस मंडलियों को प्रोत्साहन और पुरस्कार देने की योजना शुरू कर भूपेश सरकार एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है. इस मामले को लेकर विपक्ष भी सरकार पर गाहे-बगाहे तंज कसता नजर आ रहा है.