रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की योजनाओं का देशभर में डंका बज रहा है. छत्तीसगढ़ की सियासत में शुरू से ही हर मुद्दे पर पार्टी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाती रहती है. इस बीच एक बार फिर छत्तीसगढ़ सरकार के गोधन न्याय योजना को लेकर विपक्ष ने भूपेश बघेल सरकार को घेरा है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि, ये योजना साल 2014 के केन्द्र की योजना की कॉपी है. इस पर कांग्रेस प्रवक्ता और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने भी पलटवार किया है.
कांग्रेस ने किया पलटवार
सरकार के प्रवक्ता एवं कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने ने इस विषय में कहा कि उत्तर प्रदेश में चुनाव चल रहा है. भाजपा ने गाय और गोबर की खरीदी को अपने घोषणापत्र में शामिल किया है. नरेंद्र मोदी ने कहा है कि, आने वाले दिनों में 5 रुपये में गोबर की खरीदी की जाएगी. चौबे ने कहा कि गोधन न्याय योजना की तारीफ तो पार्लियामेंट की कमेटियों ने की है. लेकिन बीजेपी क्या करती है उनकी मानसिकता है. पार्लियामेंट की चार कमेटियों ने इस योजना की तारीफ की है. साथ ही बीजेपी भी अब उत्तर प्रदेश में इस योजना को लागू करने की बात कह रही है. तो आप समझ जाइए कि ये कितनी सफल योजना है.
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भाजपा ने लगाया योजना को कॉपी करने का आरोप
इस पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि यह देशव्यापी योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा साल 2014 में शुरू की गई थी. उसकी कॉपी करते हुए कंग्रेस सरकार बनने के बाद भूपेश बघेल ने यहां लागू किया है. लेकिन छत्तीसगढ़ में 2 रुपये किलो के खरीदे गोबर की स्थिति क्या है? उसकी जानकारी देने में सरकार असमर्थ है. संजय श्रीवास्तव ने इस गोबर खरीदी के माध्यम से भ्रष्टाचार किए जाने का भी आरोप कांग्रेस सरकार पर लगाया है.
आलम यह है कि बरसात के दिनों में लाखों रुपए का गोबर बह जाता है. इसमें भ्रष्टाचार किया जा रहा है. जबरदस्ती वर्मी कंपोस्ट लोगों पर थोपा जा रहा है. यदि वर्मी कंपोस्ट के माध्यम से किसानों की मदद की जा रही है तो आज प्रदेश में खाद की कमी की बात क्यों कहते हैं? संजय ने कहा कि आपका छत्तीसगढ़ मॉडल असम, बिहार में पहले ही पिट चुका है. अब उत्तर प्रदेश में आपका जादू नहीं चलने वाला है.
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क्या है गौधन न्याय योजना?
गौधन न्याय योजना को राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 20 जुलाई 2020 को शुरू किया था. इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने गाय पालने वाले पशुपालक किसानों से गाय के गोबर को खरीदा था. यह गोबर दो रुपए प्रति किलो की दर से खरीदा जा रहा है. इस योजना के तहत पशुपालक से खरीदे गए गाय के गोबर का उपयोग सरकार वर्मी कंपोस्ट बनाने में कर रही है. इसके अलावा अन्य चीजों का निर्माण भी इस गोबर के माध्यम से किया जा रहा है. राज्य सरकार के इस योजना की देशभर में चर्चा है.
बहरहाल दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल गोबर खरीदी योजना को अपनी योजना बताने में जुटे हुए हैं. कांग्रेस का कहना है कि यह योजना छत्तीसगढ़ में उनकी सरकार आने के बाद शुरू की गई. जिसका देश में डंका बज रहा है. इसके इतर भाजपा इसे केंद्र में सरकार आने के बाद साल 2014 में शुरू की गई योजना बता रही है.