रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल झीरम के शहीदों को श्रद्धांजलि देने बस्तर रवाना होने से पहले हेलीपेड में पत्रकारों से बात की. भूपेश बघेल ने झीरम हमले पर केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा जिस दिन केंद्र में हमारी सरकार बनेगी दूध का दूध पानी का पानी होगा. जो षड्यंत्रकारी हैं जो अपराधी है. जहां उनका स्थान होगा वहां उन्हें पहुंचाएंगे.
नक्सली रमन्ना और गणपति को बचा रही भाजपा: बघेल ने कहा कि -मोदी सरकार, भारतीय जनता पार्टी की सरकार रमन्ना और गणपति को क्यों बचाना चाहती है. उनसे पूछताछ क्यों नहीं की गई. उनकी संपत्ति को क्यों क्रुक नहीं किया गया. अगर रिपोर्ट में FIR में किसी अपराधी का नाम दर्ज हो गया तो वह हटता नहीं है. भारतीय जनता पार्टी बताएं कि उनका नाम क्यों हटाया गया और उसे क्यों बचाना चाहते हैं. इन्हीं सवालों का जवाब भारतीय जनता पार्टी के नेता दें. जो एनआईए व्यापक रूप से जांच कर रही थी उसने किसके दबाव में रमन्ना और गणपति का नाम हटाया है.
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सीएम ने कहा -आयोग की रिपोर्ट राज्य सरकार को ना देकर सीधे राज्यपाल को दिया जाता है. जिसके बाद कांग्रेस ने दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया. जिसको रोकने के लिए धरमलाल कौशिक ने स्टे लगाया. इसकी वकालत महेश जेठमलानी करते हैं, जो भाजपा के सांसद है. ये वहीं धरमलाल कौशिक हैं जो नान घोटाला मामले में भी स्टे लिए हुए हैं.
बघेल ने कहा कि एनआईए की जांच शुरू हुई और उस समय एफआईआर किया गया. उसमें व्यापक षड़यंत्र को ध्यान में रखते हुए रमन्ना और गणपति का एफआईआर में नाम दिया गया. 2014 अगस्त तक गणपति और रमन्ना का नाम था. इस बीच गणपति और रमन्ना के संपत्ति को कुर्क करने का आदेश भी हुआ. थोड़ी बहुत संपत्ति कुर्क की गई. बाकी नहीं मिला तो छोड़ दिया गया. सितंबर 2014 में प्रारंभिक रिपोर्ट एनआईए कोर्ट में प्रस्तुत की. आश्चर्यजनक ढंग से रमन्ना और गणपति का नाम उसमें नहीं था. जो फाइनल रिपोर्ट सबमिट किया गया उसमें भी रमन्ना और गणपति का नाम नहीं था.