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देश और प्रदेश की आर्थिक-सामाजिक समस्याओं का समाधान, समावेशी विकास से ही संभव : सीएम भूपेश

भूपेश बघेल ने रेडियो वार्ता लोकवाणी की दसवीं कड़ी में भारत की जीडीपी से लेकर, किसानों के हालात और कोरोना को लेकर अपने विचार साझा किए. इसके साथ ही उन्होंने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की ओर से शुरू की गई पंचवर्षीय योजनाओं की तारीफ की.

bhupesh baghel
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने
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Published : Sep 13, 2020, 1:45 PM IST

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रसारित अपनी रेडियो वार्ता लोकवाणी की दसवीं कड़ी में ‘समावेशी विकास-आपकी आस’ विषय पर श्रोताओं के साथ अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, डॉ. अम्बेडकर, शास्त्री, आजाद, मौलाना जैसे हमारे नेता जिस न्याय की बात करते थे, उसी साझी विरासत से हमें विकास का छत्तीसगढ़ी मॉडल मिला है.

उन्होंने समावेश को समझाते हुए कहा कि समावेस का सरल अर्थ होता है. समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलना, सभी की भागीदारी, सबके विकास की व्यवस्था. उन्होंने कहा कि किसान को जब हम अर्थव्यवस्था की धुरी मान लेंगे तो समझ लीजिए कि समावेशी विकास की धुरी तक पहुंच गए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को अर्थव्यवस्था के केन्द्र में रखा है. इसके साथ ही अर्थव्यवस्था में किसान, ग्रामीण, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के गंभीर प्रयास करते हुए राज्य सरकार सबसे विकास की व्यवस्था कर रही है.

नेहरू की अहम भूमिका

उन्होंने कहा कि नेहरू ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में पंचवर्षीय योजनाओं का सिलसिला शुरू किया था. उसी की बदौलत भारत की बुनियाद हर क्षेत्र में, विशेष तौर पर आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में मजबूत हुई थी. उन्होंने कहा कि 11वीं पंचवर्षीय योजना काल (2007 से 2012) में भारत की अर्थव्यवस्था में ‘समावेशी विकास’ की अवधारणा को काफी मजबूती के साथ रखा गया था. उस समय यूपीए की सरकार थी और प्रधानमंत्री थे मनमोहन सिंह. देश की बागडोर कुशल अर्थशास्त्री के हाथों में थी. लक्ष्य था कि देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की विकास दर को 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत तक लाना. यह भी तय हुआ था कि विकास दर को लगातार 10 प्रतिशत तक बनाए रखना है, ताकि 2016-17 तक प्रति व्यक्ति आय को दोगुना किया जा सके.

भारत की जीडीपी सर्वाधिक गिरी

उन्होंने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना काल 2012 से 2017 के लिए भी जीडीपी को 9 से 10 प्रतिशत के बीच टिकाए रखने का लक्ष्य रखा गया था. भारत की विकास दर 3 प्रतिशत के आसपास है. 2020-21 की पहली तिमाही में देश की विकास दर में लगभग 24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जो दुनिया में सर्वाधिक गिरावट है. कोरोना की समस्या तो पूरी दुनिया में है. अमेरिका के सर्वाधिक कोरोना प्रभावित होने के बावजूद वहां की जीडीपी मात्र 10 प्रतिशत गिरी है. भारत की जीडीपी दुनिया में सर्वाधिक 24 प्रतिशत गिरी है. इस हालात को समझना होगा.

किसानों को माना अर्थव्यवस्था की धुरी

मुख्यमंत्री ने रेडियो वार्ता में श्रोताओं से कहा कि किसान को जब हम अर्थव्यवस्था की धुरी मान लेंगे तो समझ लीजिए कि समावेशी विकास की धुरी तक पहुंच गए हैं. ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ से प्रदेश के 19 लाख किसानों को लाभ मिल रहा है. दो किस्तों में 3 हजार करोड़ का भुगतान हो चुका है. अब जल्दी ही पूरे 5700 करोड़ रुपये भुगतान का वादा भी पूरा हो जाएगा. हमने न सिर्फ धान के किसानों को 2500 रूपए प्रति क्विंटल देने का वादा पूरा किया है, बल्कि मक्का, गन्ना के साथ छोटी-छोटी बहुत सी फसलों का भी बेहतर दाम देंगे.

राहुल गांधी ने व्यावहारिक उपाय बताए
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें वरिष्ठ सांसद राहुल गांधी ने ही न्याय योजना शुरू करने, हर ब्लॉक में फूडपार्क खोलने जैसे व्यावहारिक उपाय बताए थे. हमने 200 फूडपार्क खोलने की योजना बना ली है और इनमें से 100 से ज्यादा के लिए जमीन का इंतजाम भी हो गया. औद्योगिक विकास को ब्लॉक स्तर पर पहुंचाने वाली नई औद्योगिक नीति लागू कर दी है. मुख्यमंत्री को श्रोताओं ने बताया कि आमचो बस्तर, आमचो ग्राम, आमचो रोजगार योजना के माध्यम से उन्हें लाभ मिलना शुरू हो गया है. इसी तरह पंचायत में लगाए सर्वर से भी लोगों को लाभ मिल रहा है.

छत्तीसगढ़ ने साबित किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने यह साबित किया है कि समावेशी विकास ही सर्वांगीण विकास का रास्ता है. उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि किसी भी तरह किसानों, ग्रामीणों, आदिवासियों, महिलाओं, युवाओं की जेब में नकद राशि डाली जाए. यह राशि डेढ़ साल में 70 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गई. इस तरह प्रदेशवासियों को मान-सम्मान के साथ उनके स्वावलंबन का रास्ता बनाया है. हमारी योजनाओं से हर तबके को लाभ मिला. बिजली बिल हाफ, छोटे भू-खंडों की खरीदी-बिक्री, गाइड लाइन दरों में 30 प्रतिशत कमी, पंजीयन शुल्क में कमी, राजस्व संबंधी मामलों का निपटारा, भूमिहीनों को भूमि प्रदाय और ऐसे अनेक सुधार किए जिसके कारण आम आदमी का जीवन आसान हुआ.

ईको रिसॉर्ट और कैफेटेरिया विकसित

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला गठन के 6 महीने के अंदर, वहां करीब 100 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की स्वीकृति मिल चुकी है. कई कार्य प्रगति पर है. मरवाही अनुभाग, मरवाही नगर पंचायत, सरकारी अंग्रेजी माध्यम शाला तथा महंत बिसाहूदास उद्यानिकी महाविद्यालय, एक के बाद एक नई-नई उपलब्धियां नए जिले के खाते में जुड़ती जा रही है. नए जिले में पर्यटन विकास की संभावनाओं को साकार किया जाएगा. साथ ही इसे ग्रामीण विकास के रोल मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में ही घोषणा करते हुए कहा कि राजमेरगढ़ और कबीर चबूतरा की प्राकृतिक छटा और ऐतिहासिक महत्व का सम्मान करते हुए यहां ईको रिसॉर्ट, कैफेटेरिया और अन्य पर्यटन अधोसंरचनाओं का विकास तेजी से किया जाएगा. फिलहाल इसके लिए 7 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य जल्द शुरू होंगे.

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए उपया

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोरोना संकट से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि मार्च 2020 की स्थिति में केवल एम्स रायपुर में ही कोविड टेस्टिंग की सुविधा थी, जिसे बढ़ाना एक बड़ी चुनौती थी. आज की स्थिति में राज्य के सभी 6 शासकीय मेडिकल कॉलेज, 4 निजी लैब में आर.टी.पी.सी.आर. टेस्ट, 30 लैब में ट्रू नॉट टेस्ट तथा 28 जिला अस्पतालों सहित सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रैपिड एंटीजन किट से टेस्ट की व्यवस्था कर दी गई है. मार्च 2020 में प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार की सुविधा केवल एम्स रायपुर में थी, लेकिन राज्य शासन ने सुनियोजित कार्ययोजना से अब तक 29 शासकीय, 29 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल, 186 कोविड केयर सेन्टर की स्थापना कर दी गई है. 19 निजी अस्पतालों को भी इलाज के लिए मान्यता दी गई है. मार्च 2020 की स्थिति में 54 आईसीयू बेड और 446 जनरल बेड उपलब्ध थे, जिसमें बढ़ोतरी करते हुए अब 776 आईसीयू बेड्स तथा 28 हजार 335 जनरल बेड उपलब्ध करा दिए गए हैं, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है. राज्य के सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन स्थिति के लिए 148 वेन्टिलेटर थे, जो अब बढ़कर 331 हो गए हैं. बघेल ने कहा कि संक्रमण की रोकथाम और उपचार के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं.

एसिम्टोमेटिक मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वक्त सबसे बड़ी जरूरत है कि सब लोग मिलकर हिम्मत का परिचय दें. सावधानी और साहस से यह दौर भी निकल जाएगा. राज्य में ज्यादातर व्यक्ति एसिम्टोमेटिक श्रेणी के आ रहे हैं. इसको लेकर भी भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन फेस मास्क और फेस शील्ड के महत्व को समझें. हाथ साफ करने के लिए साबुन-पानी, सैनिटाइजर का उपयोग करें, भीड़ से बचें. एसिम्टोमेटिक मरीजों के होम आइसोलेशन की सुविधा भी नियमानुसार उपलब्ध है. लगातार समीक्षा और सुधार से स्थितियों को बेहतर किया जा रहा है. टेलीमेडिसिन परामर्श केन्द्र के माध्यम से पूर्ण जानकारी, उपचार के लिए मार्गदर्शन व दवाइयां उपलब्ध कराने की सुविधा भी दी गई है. संकट अभी टला नहीं है, सावधानी जरूरी है.

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रसारित अपनी रेडियो वार्ता लोकवाणी की दसवीं कड़ी में ‘समावेशी विकास-आपकी आस’ विषय पर श्रोताओं के साथ अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, डॉ. अम्बेडकर, शास्त्री, आजाद, मौलाना जैसे हमारे नेता जिस न्याय की बात करते थे, उसी साझी विरासत से हमें विकास का छत्तीसगढ़ी मॉडल मिला है.

उन्होंने समावेश को समझाते हुए कहा कि समावेस का सरल अर्थ होता है. समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलना, सभी की भागीदारी, सबके विकास की व्यवस्था. उन्होंने कहा कि किसान को जब हम अर्थव्यवस्था की धुरी मान लेंगे तो समझ लीजिए कि समावेशी विकास की धुरी तक पहुंच गए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को अर्थव्यवस्था के केन्द्र में रखा है. इसके साथ ही अर्थव्यवस्था में किसान, ग्रामीण, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के गंभीर प्रयास करते हुए राज्य सरकार सबसे विकास की व्यवस्था कर रही है.

नेहरू की अहम भूमिका

उन्होंने कहा कि नेहरू ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में पंचवर्षीय योजनाओं का सिलसिला शुरू किया था. उसी की बदौलत भारत की बुनियाद हर क्षेत्र में, विशेष तौर पर आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में मजबूत हुई थी. उन्होंने कहा कि 11वीं पंचवर्षीय योजना काल (2007 से 2012) में भारत की अर्थव्यवस्था में ‘समावेशी विकास’ की अवधारणा को काफी मजबूती के साथ रखा गया था. उस समय यूपीए की सरकार थी और प्रधानमंत्री थे मनमोहन सिंह. देश की बागडोर कुशल अर्थशास्त्री के हाथों में थी. लक्ष्य था कि देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की विकास दर को 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत तक लाना. यह भी तय हुआ था कि विकास दर को लगातार 10 प्रतिशत तक बनाए रखना है, ताकि 2016-17 तक प्रति व्यक्ति आय को दोगुना किया जा सके.

भारत की जीडीपी सर्वाधिक गिरी

उन्होंने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना काल 2012 से 2017 के लिए भी जीडीपी को 9 से 10 प्रतिशत के बीच टिकाए रखने का लक्ष्य रखा गया था. भारत की विकास दर 3 प्रतिशत के आसपास है. 2020-21 की पहली तिमाही में देश की विकास दर में लगभग 24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जो दुनिया में सर्वाधिक गिरावट है. कोरोना की समस्या तो पूरी दुनिया में है. अमेरिका के सर्वाधिक कोरोना प्रभावित होने के बावजूद वहां की जीडीपी मात्र 10 प्रतिशत गिरी है. भारत की जीडीपी दुनिया में सर्वाधिक 24 प्रतिशत गिरी है. इस हालात को समझना होगा.

किसानों को माना अर्थव्यवस्था की धुरी

मुख्यमंत्री ने रेडियो वार्ता में श्रोताओं से कहा कि किसान को जब हम अर्थव्यवस्था की धुरी मान लेंगे तो समझ लीजिए कि समावेशी विकास की धुरी तक पहुंच गए हैं. ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ से प्रदेश के 19 लाख किसानों को लाभ मिल रहा है. दो किस्तों में 3 हजार करोड़ का भुगतान हो चुका है. अब जल्दी ही पूरे 5700 करोड़ रुपये भुगतान का वादा भी पूरा हो जाएगा. हमने न सिर्फ धान के किसानों को 2500 रूपए प्रति क्विंटल देने का वादा पूरा किया है, बल्कि मक्का, गन्ना के साथ छोटी-छोटी बहुत सी फसलों का भी बेहतर दाम देंगे.

राहुल गांधी ने व्यावहारिक उपाय बताए
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें वरिष्ठ सांसद राहुल गांधी ने ही न्याय योजना शुरू करने, हर ब्लॉक में फूडपार्क खोलने जैसे व्यावहारिक उपाय बताए थे. हमने 200 फूडपार्क खोलने की योजना बना ली है और इनमें से 100 से ज्यादा के लिए जमीन का इंतजाम भी हो गया. औद्योगिक विकास को ब्लॉक स्तर पर पहुंचाने वाली नई औद्योगिक नीति लागू कर दी है. मुख्यमंत्री को श्रोताओं ने बताया कि आमचो बस्तर, आमचो ग्राम, आमचो रोजगार योजना के माध्यम से उन्हें लाभ मिलना शुरू हो गया है. इसी तरह पंचायत में लगाए सर्वर से भी लोगों को लाभ मिल रहा है.

छत्तीसगढ़ ने साबित किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने यह साबित किया है कि समावेशी विकास ही सर्वांगीण विकास का रास्ता है. उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि किसी भी तरह किसानों, ग्रामीणों, आदिवासियों, महिलाओं, युवाओं की जेब में नकद राशि डाली जाए. यह राशि डेढ़ साल में 70 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गई. इस तरह प्रदेशवासियों को मान-सम्मान के साथ उनके स्वावलंबन का रास्ता बनाया है. हमारी योजनाओं से हर तबके को लाभ मिला. बिजली बिल हाफ, छोटे भू-खंडों की खरीदी-बिक्री, गाइड लाइन दरों में 30 प्रतिशत कमी, पंजीयन शुल्क में कमी, राजस्व संबंधी मामलों का निपटारा, भूमिहीनों को भूमि प्रदाय और ऐसे अनेक सुधार किए जिसके कारण आम आदमी का जीवन आसान हुआ.

ईको रिसॉर्ट और कैफेटेरिया विकसित

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला गठन के 6 महीने के अंदर, वहां करीब 100 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की स्वीकृति मिल चुकी है. कई कार्य प्रगति पर है. मरवाही अनुभाग, मरवाही नगर पंचायत, सरकारी अंग्रेजी माध्यम शाला तथा महंत बिसाहूदास उद्यानिकी महाविद्यालय, एक के बाद एक नई-नई उपलब्धियां नए जिले के खाते में जुड़ती जा रही है. नए जिले में पर्यटन विकास की संभावनाओं को साकार किया जाएगा. साथ ही इसे ग्रामीण विकास के रोल मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में ही घोषणा करते हुए कहा कि राजमेरगढ़ और कबीर चबूतरा की प्राकृतिक छटा और ऐतिहासिक महत्व का सम्मान करते हुए यहां ईको रिसॉर्ट, कैफेटेरिया और अन्य पर्यटन अधोसंरचनाओं का विकास तेजी से किया जाएगा. फिलहाल इसके लिए 7 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य जल्द शुरू होंगे.

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए उपया

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोरोना संकट से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि मार्च 2020 की स्थिति में केवल एम्स रायपुर में ही कोविड टेस्टिंग की सुविधा थी, जिसे बढ़ाना एक बड़ी चुनौती थी. आज की स्थिति में राज्य के सभी 6 शासकीय मेडिकल कॉलेज, 4 निजी लैब में आर.टी.पी.सी.आर. टेस्ट, 30 लैब में ट्रू नॉट टेस्ट तथा 28 जिला अस्पतालों सहित सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रैपिड एंटीजन किट से टेस्ट की व्यवस्था कर दी गई है. मार्च 2020 में प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार की सुविधा केवल एम्स रायपुर में थी, लेकिन राज्य शासन ने सुनियोजित कार्ययोजना से अब तक 29 शासकीय, 29 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल, 186 कोविड केयर सेन्टर की स्थापना कर दी गई है. 19 निजी अस्पतालों को भी इलाज के लिए मान्यता दी गई है. मार्च 2020 की स्थिति में 54 आईसीयू बेड और 446 जनरल बेड उपलब्ध थे, जिसमें बढ़ोतरी करते हुए अब 776 आईसीयू बेड्स तथा 28 हजार 335 जनरल बेड उपलब्ध करा दिए गए हैं, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है. राज्य के सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन स्थिति के लिए 148 वेन्टिलेटर थे, जो अब बढ़कर 331 हो गए हैं. बघेल ने कहा कि संक्रमण की रोकथाम और उपचार के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं.

एसिम्टोमेटिक मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वक्त सबसे बड़ी जरूरत है कि सब लोग मिलकर हिम्मत का परिचय दें. सावधानी और साहस से यह दौर भी निकल जाएगा. राज्य में ज्यादातर व्यक्ति एसिम्टोमेटिक श्रेणी के आ रहे हैं. इसको लेकर भी भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन फेस मास्क और फेस शील्ड के महत्व को समझें. हाथ साफ करने के लिए साबुन-पानी, सैनिटाइजर का उपयोग करें, भीड़ से बचें. एसिम्टोमेटिक मरीजों के होम आइसोलेशन की सुविधा भी नियमानुसार उपलब्ध है. लगातार समीक्षा और सुधार से स्थितियों को बेहतर किया जा रहा है. टेलीमेडिसिन परामर्श केन्द्र के माध्यम से पूर्ण जानकारी, उपचार के लिए मार्गदर्शन व दवाइयां उपलब्ध कराने की सुविधा भी दी गई है. संकट अभी टला नहीं है, सावधानी जरूरी है.

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