रायपुर: छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे की जांच करा सकती है. इसके संकेत खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिए हैं. सोमवार को रायपुर हेलीपैड पर जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पत्रकारों ने पूछा कि अगस्ता हेलीकॉप्टर मामले की जांच की मांग उठ रही है इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "इस पर हम विचार कर सकते हैं"
अगस्ता हेलीकॉप्टर खरीदी मामले में जांच की मांग: सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला और अभिषेक प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अगस्ता हेलीकॉप्टर खरीदी में हुए घोटाले की जांच करवाने की मांग की है. एक बयान में दोनों ने कहा कि "पुराने और खस्ताहाल हेलीकॉप्टर की वजह से कैप्टन गोपाल कृष्ण पांडा एवं डीजीसीए के ट्रेनर पायलट कैप्टन एपी श्रीवास्तव को अपनी जान गंवानी पड़ी है. यह एक प्रकार से हत्या का मामला है. इस हत्या के लिए जो भी दोषी है उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई अन्य ऐसा अपराध करने की हिम्मत न कर सके".
- हेलीकॉप्टर की निविदा प्रक्रिया की जांच की जाए.
- निविदाकरों के आपसी संबंध /व्यावसायिक लेनदेन की जांच होनी चाहिए.
- अन्य राज्य सरकारों को अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर में समतुल्य तकनीक के बाद हुई खरीदी का अवलोकन किया जाए
- अन्य कंपनी के हेलीकॉप्टर निर्माताओं को निविदा में भाग लेने से रोकने हेतु निविदा में अधिरोपित शर्त तथा बिंदुओं की जांच.
- तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह एवं उनके कार्यालय के भूमिका की जांच.
- जांच की जाय जिस कंपनी/व्यक्ति/एजेंट से हेलीकॉप्टर खरीदा गया था उसकी पृष्ठभूमि तथा एविएशन के सेक्टर में उसका अनुभव क्या था?
- छत्तीसगढ़ सरकार को अगस्ता वेस्टलैंड का स्पेसिफिक मॉडल ही खरीदना है. यह तय करने के लिए क्या कोई समिति बनी थी अगर समिति बनी थी तो उसके सदस्य कौन कौन थे और समिति का निर्णय क्या था? इस तथ्य की जांच की जाय.
- तकनीकी विशेषज्ञ से जांच करवाई जाए क्या छत्तीसगढ़ की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर ही सबसे उपयुक्त था? अगर नहीं तो फिर दूसरे हेलीकॉप्टर निर्माता कंपनियों के मॉडल पर क्यों विचार नहीं किया गया ?
रायपुर हेलीकॉप्टर क्रैश में दो पायलटों की हुई थी मौत: 12 मई की रात रायपुर एयरपोर्ट पर राज्य सरकार का सरकारी हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था. घटना के समय हेलीकॉप्टर के दो पायलट कैप्टन गोपाल कृष्ण पांडा और कैप्टन एपी श्रीवास्तव नाइट फ्लाइंग की प्रैक्टिस कर रहे थे. इसी वक्त अचानक ये हादसा हुआ. हेलीकॉप्टर सीधा जमीन पर गिरकर क्रैश हो गया. इस हादसे में दोनों पायलट की मौत हो गई. जिस हेलीकॉप्टर से हादसा हुआ उसे 2007 में खरीदा गया था. केंद्र सरकार की एविएशन एजेंसी DGCA और नागर विमानन महानिदेशालय इस हादसे की जांच कर रहा है.
ये भी पढ़ें: ब्लैक बॉक्स से खुलेगा रायपुर हेलीकॉप्टर क्रैश का राज, हादसे के बाद गहराया अगस्ता हेलीकॉप्टर खरीदी विवाद
खरीदी के समय से विवादों में अगस्ता हेलीकॉप्टर: अक्टूबर 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीदा था. इसके लिए 65 लाख 70 हजार अमेरिकी डॉलर की बड़ी कीमत अदा की गई. इस सौदे पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने सवाल उठाए. कहा गया था कि, खरीदी प्रक्रिया में एक स्टैंडर्ड मॉडल के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला गया. यह सही नहीं था. यह भी सवाल उठा कि ऐसा ही हेलीकॉप्टर झारखंड सरकार ने 55 लाख 91 हजार अमेरिकी डॉलर में खरीदा था. यह भी बात आई कि सरकार ने कंपनी के साथ 61 लाख डॉलर में बातचीत तय कर ली थी, लेकिन अचानक ही बढ़ी हुई कीमत पर खरीदी कर ली गई.
2013-14 में सामने आया था अगस्ता घोटाला: राजनीतिक और रक्षा क्षेत्र के जानकारों की मानें तो अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला भारत में 12 हेलीकॉप्टर्स के सौदे से संबंधित है. ये 2013-14 में उजागर हुआ. यूपीए सरकार के समय इस हेलीकॉप्टर के खरीदी की डील हुई थी. साल 2013-14 में कई भारतीय नेताओं और सैन्य अधिकारियों पर इस डील में मोटी घूस लेने का आरोप लगा. पूर्व एयरफोर्स चीफ एसपी त्यागी सहित 13 लोगों पर इस मामले में केस चला था. साल 2014 में इटली की एक कोर्ट ने इस सौदे को लेकर सवाल उठाए. इटली की कोर्ट ने कहा कि अगस्ता सौदे में घोटाला हुआ है. कोर्ट ने कंपनी फिनमैकेनिका को दोषी ठहराया था. अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ ब्रूनो स्पैगनोलिनि को साढे़ चार साल जेल की सजा भी सुनाई गई थी. इस पूरे मामले में क्रिश्चियन मिशेल का भी नाम आया. उसे साल 2017 में यूएई से गिरफ्तार किया गया
विमानन विभाग ने हेलीकॉप्टर का बीमा क्लेम किया:इस बीच राज्य सरकार के विमानन विभाग ने दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के लिए बीमे का दावा कर दिया है. सरकार ने इस हेलीकॉप्टर के लिए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से बीमा कराया था. अब कुल 28 करोड़ रुपए का दावा भेजा गया है. इसमें हेलीकॉप्टर का बीमा 26 करोड़ रुपये और दो पायलटों की मौत का एक-एक करोड़ रुपये का दावा है.