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भिलाई स्टील प्लांट पर जुर्माना मामले में नगर निगम कर रहा हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार

भिलाई नगर निगम को स्टील प्लांट से 5 अरब राशि जुर्माने के रूप में मिलने की उम्मीद है. दरअसल भिलाई नगर निगम ने बीएसपी पर आरोप लगाते हुए 5 अरब रुपए का नोटिस भेजा था. उसने कहा था कि बीएसपी ने खुद निर्धारण विवरणी और संपत्ति की गलत जानकारी दी है. ये केस हाईकोर्ट में चल रहा है.

chhattisgarh high court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Oct 29, 2020, 1:36 PM IST

रायपुर : नगर निगम को भिलाई स्टील प्लांट से 5 अरब राशि जुर्माने से मिलने की उम्मीद है. मामला हाईकोर्ट में लंबित है और इस महीने फैसला आने की उम्मीद है. भिलाई स्टील प्लांट हर साल भिलाई नगर निगम को 14 करोड़ रुपए संपत्ति कर का भुगतान करता है. बीते वित्तीय वर्ष 2018-19 में भिलाई नगर निगम ने बीएसपी पर आरोप लगाते हुए 5 अरब रुपए का नोटिस भेजा था कि बीएसपी ने खुद निर्धारण विवरणी और संपत्ति की गलत जानकारी दी है.

नगर निगम का दावा था कि बीएसपी की संपत्ति स्व विवरणी से कहीं ज्यादा है. 5 अरब के पेनाल्टी का नोटिस मिलने के बाद भिलाई स्टील प्लांट ने राज्य सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की थी. इसके बाद बीएसपी प्रबंधन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई चल रही है. बताया जा रहा है कि नवंबर में इस मामले पर फैसला आ सकता है. निगम अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम का पक्ष मजबूत है.

पढ़ें: भूमिहीन बुजुर्ग का मकान तोड़े जाने पर HC ने राज्य शासन से मांगा जवाब

जानकारी के मुताबिक, आर्थिक रूप से टूट चुकी भिलाई नगर निगम अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान भी नहीं कर पा रही है, जबकि सही बकाया भुगतान की मांग को लेकर ठेकेदार 25 दिन से हड़ताल पर बैठे हैं. इतना ही नहीं नगर निगम पर 17 करोड़ रुपए बिजली बिल का बकाया है. नगर निगम में हर महीने ढाई करोड़ की आवक है, जबकि हर महीने 10 करोड़ रुपए खर्च होते हैं. ऐसी स्थिति में अगर नगर निगम के पक्ष में यह फैसला आता है, तो निगम को बड़ी राहत मिलेगी. जिसके कारण भिलाई नगर निगम को हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार है.

रायपुर : नगर निगम को भिलाई स्टील प्लांट से 5 अरब राशि जुर्माने से मिलने की उम्मीद है. मामला हाईकोर्ट में लंबित है और इस महीने फैसला आने की उम्मीद है. भिलाई स्टील प्लांट हर साल भिलाई नगर निगम को 14 करोड़ रुपए संपत्ति कर का भुगतान करता है. बीते वित्तीय वर्ष 2018-19 में भिलाई नगर निगम ने बीएसपी पर आरोप लगाते हुए 5 अरब रुपए का नोटिस भेजा था कि बीएसपी ने खुद निर्धारण विवरणी और संपत्ति की गलत जानकारी दी है.

नगर निगम का दावा था कि बीएसपी की संपत्ति स्व विवरणी से कहीं ज्यादा है. 5 अरब के पेनाल्टी का नोटिस मिलने के बाद भिलाई स्टील प्लांट ने राज्य सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की थी. इसके बाद बीएसपी प्रबंधन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई चल रही है. बताया जा रहा है कि नवंबर में इस मामले पर फैसला आ सकता है. निगम अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम का पक्ष मजबूत है.

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जानकारी के मुताबिक, आर्थिक रूप से टूट चुकी भिलाई नगर निगम अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान भी नहीं कर पा रही है, जबकि सही बकाया भुगतान की मांग को लेकर ठेकेदार 25 दिन से हड़ताल पर बैठे हैं. इतना ही नहीं नगर निगम पर 17 करोड़ रुपए बिजली बिल का बकाया है. नगर निगम में हर महीने ढाई करोड़ की आवक है, जबकि हर महीने 10 करोड़ रुपए खर्च होते हैं. ऐसी स्थिति में अगर नगर निगम के पक्ष में यह फैसला आता है, तो निगम को बड़ी राहत मिलेगी. जिसके कारण भिलाई नगर निगम को हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार है.

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