रायपुर: भारत जोड़ो संविधान बचाओ समाजवादी विचार यात्रा राजधानी रायपुर पहुंची. इस यात्रा की शुरुआत 30 जनवरी को गांधी स्मृति दिल्ली से शुरू हुई थी, जो 13 राज्यों में भ्रमण करते हुए हैदराबाद में समाप्त होगी. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती और भारतीय समाजवादी आंदोलन के 85 बरस पूरे होने के अवसर पर ये यात्रा निकाली गई है. इसे समाजवादी समागम की ओर से निकाला जा रहा है.
यह यात्रा 17 मार्च को छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रायपुर पहुंची. इस यात्रा में समाजवादी विचार यात्रा के सह संयोजक और मुलताई के पूर्व विधायक डॉ सुनीलम भी शामिल हैं. भारत जोड़ो संविधान बचाओ समाजवादी यात्रा की शुरुआत 21 मुद्दों को लेकर की गई है. इस यात्रा को समाज और देश को बेहतर, सुंदर, समतावादी, न्यायपूर्ण, लोकतांत्रिक और सौहार्द्रपूर्ण बनाने के उद्देश्य से निकाला गया है.
- CAA, NRC और NPR रद्द करने के लिए.
- सार्वजनिक प्रतिष्ठानों, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाने के लिए.
- 55 करोड़ श्रमिकों के लिए बनाए गए श्रम कानूनों को खत्म कर चार कोड बनाए जाने के लिए.
- बेरोजगारी पर रोक लगाने के लिए.
- रोजगार के अधिकार को मौलिक अधिकारों में शामिल करने के लिए.
- बेरोजगारों को प्रतिमाह 10 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता देने के लिए.
- किसानों की संपूर्ण कर्ज मुक्ति और सभी कृषि उत्पादों के डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य की गारंटी देने के लिए कानून पारित करने के लिए.
- कृषि योग्य भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाने के लिए.
- सभी नष्ट हुई फसलों की बीमा राशि और मुआवजे का तुरंत भुगतान करने के लिए.
- हर किसान, मजदूर परिवार को प्रतिमाह 10 हजार रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने के लिए.
- हर किसान, मजदूर परिवार की न्यूनतम मासिक आय 25 हजार रुपए प्रतिमाह सुनिश्चित करने के लिए.
- वन अधिकार लागू करने के लिए.
- महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों पर हिंसा बंद करने के लिए.
- व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही मॉब लिंचिंग बंद करने के लिए.
- संवैधानिक संस्थाओं पर हमले बंद करने के लिए.
- चुनाव सुधार लागू करने के लिए.
- कश्मीर में लोकतंत्र बहाल करने के लिए.
- जम्मू-कश्मीर राज्य का विभाजन नामंजूर करने के लिए.
- विविधता का सम्मान करने के लिए.
- किसानों, मजदूरों और आंदोलनकारियों पर लादे गए फर्जी मुकदमे वापस लेने के लिए.
- अहिंसात्मक आंदोलनों पर होने वाले पुलिस की ओर से गोली चलाने पर कानूनी प्रतिबंध लगाने
- सभी सरकारी शैक्षणिक और अदालती कार्यों में लोक भाषाओं का प्रयोग करने को लेकर यह यात्रा शुरू की गई है.