सुकमा: दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी, जनविरोधी, राष्ट्र विरोधी नीतियों को वापस लेने की मांग को लेकर 8 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की है. इसका असर छत्तीसगढ़ भी देखने को मिल रहा है. बुधवार को सुकमा भी बंद रहा. यहां के अखिल भारतीय आदिवासी महासभा, एआईएसएफ और नौजवान सभा ने बंद का समर्थन किया है. सुबह से ही आदिवासी महासभा और एआईएसएफ के कार्यकर्ता ने व्यापारियों से बंद को सफल बनाने की अपील की. वहीं व्यापारियों ने प्रतिष्ठानें बंद कर सहयोग किया जबकि मेडिकल स्टोर और पेट्रोल पंप को इस बंद से दूर रखा गया है.
बता दें कि दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने दावा किया है कि इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में 25 करोड़ लोग शामिल होंगे. ट्रेड यूनियनों में इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एसईडब्ल्यूए, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी सहित विभिन्न संघों और फेडरेशनों ने पिछले साल सितंबर में आठ जनवरी, 2020 को हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी.