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'इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़' पर आखिर क्यों हो रहा सियासी दंगल ?

छत्तीसगढ़ में आर्थिक विकास (economic development in chhattisgarh) और आद्यौगिक विकास को लेकर भी सरकार ने कदम उठाया है. लेकिन रमन सरकार के समय हुए एमओयू (MoU signed during Raman government) को बघेल सरकार (Baghel government) ने रद्द कर दिया है. अब वह इनवेस्टर मीट (Investor meet) बुलाने जा रही है. जिसे लेकर विपक्ष सरकार पर खजाने के दुरुपयोग का आरोप लगा रहा है. इसे वह पैसे की बर्बादी बता रहा है.

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इन्वेस्टर मीट
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Published : Sep 3, 2021, 8:56 PM IST

Updated : Sep 3, 2021, 10:07 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद से ही कई औद्योगिक घरानों को आकर्षित करने के लिए पिछली सरकारों ने भी इन्वेस्टर मीट (Investor meet in cg) ऐसे आयोजन किए हैं. साथ ही कई औद्योगिक घरानों को विशेष छूट देकर राज्य में इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने प्रयास चलता रहा है. हालांकि जितने बड़े पैमाने पर एमओयू हुए हैं. उतने उद्योग जमीन पर लगे नजर नहीं आते हैं. ऐसे में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट (Global Investors Meet ) की उपयोगिता पर सवाल कांग्रेस पार्टी ही उठाती रही है. पिछले सरकार द्वारा कई उद्योगपतियों के साथ किए गए एमओयू को (MoU signed) रद्द भी किया गया है .

'इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़' पर सियासी रार

लखमा को नहीं है इन्वेस्टर मीट की जानकारी !

इस बीच यह खबर निकल कर आ रही है कि भूपेश बघेल सरकार(Baghel government) भी आने वाले समय में एक बड़ा इन्वेस्टर मीट करने जा रही है. छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा (Industries Minister Kawasi Lakhma) को अभी इस इन्वेस्टर मीट की जानकारी शायद नहीं है. यही कारण है कि उन्होंने कहा कि पहले इसे होने दीजिए उसके बाद बताएंगे. इस इनवेस्टर मीटर को लेकर उद्योग मंत्री ज्यादा कुछ नहीं बता पा रहे हैं.

उद्योगों को बढ़ावा देने सिंगल विंडो सिस्टम लागू करने सरकार नाकाम-बीजेपी

भाजपा(BJP) का कहना है कि ढाई साल से ज्यादा का समय बीत गया है, पर अब तक कांग्रेस सरकार उद्योग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम (single window system) लागू नहीं कर पाई. जबकि सत्ता में आने के तत्काल बाद उन्होंने प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम चालू करने की बात कही थी।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट 2022 'इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़' का जनवरी में होगा आयोजन

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर उद्योगपतियों को आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसे लेकर राज्य सरकार ने निवेशकों को बुलाने की तैयारी की है. नया रायपुर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट 2022 (Global Investors Meet 2022) 'इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़' (Investgarh Chhattisgarh) का आयोजन 27 जनवरी 2022 से 1 फरवरी 2022 तक किया जाएगा.

पौने 3 साल में 132 एमओयू, 59 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश की संभावना

मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने पौने 3 साल में 132 एमओयू के जरिए लगभग 59 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश होने की संभावना जताई है. वहीं 1564 नई औद्योगिक इकाइयां भी स्थापित की गई है. जानकारी के मुताबिक इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़ (Investgarh Chhattisgarh) परियोजना का कुल बजट लगभग 107 करोड़ रुपए प्रस्तावित है. इस परियोजना के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से राज्य में 50 बिलियन डॉलर का निवेश करने का लक्ष्य रखा गया है.

हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

राज्य में जनवरी 2019 से 6 अगस्त 2021 तक नए उद्योगों की स्थापना के लिए 132 एमओयू (MoU) किए गए जिनमें 59 हजार करोड़ रुपए का पूंजी निवेश (money investment) होने की संभावना है. इससे 78000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. उसी समय में राज्य में 1564 नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई हैं. जिसमें 30000 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है. वर्तमान में राज्य की महत्वाकांक्षी औद्योगिक परियोजना बायो एथेनॉल संयंत्र (Bio Ethanol Plant) की स्थापना के लिए 13 एमओयू किए गए हैं. जिसमें लगभग 2202 करोड रुपए क्या पूंजी निवेश होने की संभावना है.

रमन सरकार के द्वारा किए गए एमओयू को भूपेश सरकार ने किया था निरस्त

बता दें कि बीजेपी की रमन सरकार के कार्यकाल में आयोजित हुए ग्लोबल इन्वेस्टमेंट मीट (Global Investment Meet) में हुए एमओयू को लेकर कांग्रेस लगातार सवाल खड़े करती रही है. सवाल इसलिए भी उठे थे क्योंकि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार (BJP government) में साल 2012 में ग्लोबल इन्वेस्टमेंट मीट का आयोजन किया गया था. नया रायपुर (Naya Raipur) में पूरे तामझाम के साथ हुए इस आयोजन पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए गए. देश के कई बड़े उद्योगपतियों के साथ कई देशों के राजदूत भी इस मीट में पहुंचे. 275 एमओयू अलग-अलग सेक्टर में निवेश के लिए किए गए थे. दावा यह भी किया गया था कि, 8 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा लेकिन इनमें से ज्यादातर एमओयू पर कार्रवाई शुरू नहीं हुई. जिस पर कांग्रेस ने लगातार रमन सरकार (Raman government) पर निशाना साधा था. हालांकि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने भाजपा सरकार के समय किए गए कई एमओयू को रद्द कर दिया.

अब देखने वाली बात है कि, कांग्रेस सरकार द्वारा बुलाए जा रहे. इस इन्वेस्टर मीट का क्या परिणाम होता है. और भाजपा इसे किस रूप में देखती है क्योंकि भाजपा शासनकाल में इन्वेस्टर मीट के दौरान किए गए कई एमओयू को कांग्रेस सरकार ने रद्द कर दिया है. अब खुद कांग्रेस सरकार इन्वेस्टर मीट बुलाकर उद्योगपतियों से एमओयू करने जा रही है. भाजपा इस मुद्दा बनाने से पीछे नहीं रहेगी

रायपुर: छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद से ही कई औद्योगिक घरानों को आकर्षित करने के लिए पिछली सरकारों ने भी इन्वेस्टर मीट (Investor meet in cg) ऐसे आयोजन किए हैं. साथ ही कई औद्योगिक घरानों को विशेष छूट देकर राज्य में इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने प्रयास चलता रहा है. हालांकि जितने बड़े पैमाने पर एमओयू हुए हैं. उतने उद्योग जमीन पर लगे नजर नहीं आते हैं. ऐसे में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट (Global Investors Meet ) की उपयोगिता पर सवाल कांग्रेस पार्टी ही उठाती रही है. पिछले सरकार द्वारा कई उद्योगपतियों के साथ किए गए एमओयू को (MoU signed) रद्द भी किया गया है .

'इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़' पर सियासी रार

लखमा को नहीं है इन्वेस्टर मीट की जानकारी !

इस बीच यह खबर निकल कर आ रही है कि भूपेश बघेल सरकार(Baghel government) भी आने वाले समय में एक बड़ा इन्वेस्टर मीट करने जा रही है. छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा (Industries Minister Kawasi Lakhma) को अभी इस इन्वेस्टर मीट की जानकारी शायद नहीं है. यही कारण है कि उन्होंने कहा कि पहले इसे होने दीजिए उसके बाद बताएंगे. इस इनवेस्टर मीटर को लेकर उद्योग मंत्री ज्यादा कुछ नहीं बता पा रहे हैं.

उद्योगों को बढ़ावा देने सिंगल विंडो सिस्टम लागू करने सरकार नाकाम-बीजेपी

भाजपा(BJP) का कहना है कि ढाई साल से ज्यादा का समय बीत गया है, पर अब तक कांग्रेस सरकार उद्योग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम (single window system) लागू नहीं कर पाई. जबकि सत्ता में आने के तत्काल बाद उन्होंने प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम चालू करने की बात कही थी।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट 2022 'इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़' का जनवरी में होगा आयोजन

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर उद्योगपतियों को आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसे लेकर राज्य सरकार ने निवेशकों को बुलाने की तैयारी की है. नया रायपुर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट 2022 (Global Investors Meet 2022) 'इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़' (Investgarh Chhattisgarh) का आयोजन 27 जनवरी 2022 से 1 फरवरी 2022 तक किया जाएगा.

पौने 3 साल में 132 एमओयू, 59 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश की संभावना

मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने पौने 3 साल में 132 एमओयू के जरिए लगभग 59 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश होने की संभावना जताई है. वहीं 1564 नई औद्योगिक इकाइयां भी स्थापित की गई है. जानकारी के मुताबिक इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़ (Investgarh Chhattisgarh) परियोजना का कुल बजट लगभग 107 करोड़ रुपए प्रस्तावित है. इस परियोजना के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से राज्य में 50 बिलियन डॉलर का निवेश करने का लक्ष्य रखा गया है.

हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

राज्य में जनवरी 2019 से 6 अगस्त 2021 तक नए उद्योगों की स्थापना के लिए 132 एमओयू (MoU) किए गए जिनमें 59 हजार करोड़ रुपए का पूंजी निवेश (money investment) होने की संभावना है. इससे 78000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. उसी समय में राज्य में 1564 नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई हैं. जिसमें 30000 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है. वर्तमान में राज्य की महत्वाकांक्षी औद्योगिक परियोजना बायो एथेनॉल संयंत्र (Bio Ethanol Plant) की स्थापना के लिए 13 एमओयू किए गए हैं. जिसमें लगभग 2202 करोड रुपए क्या पूंजी निवेश होने की संभावना है.

रमन सरकार के द्वारा किए गए एमओयू को भूपेश सरकार ने किया था निरस्त

बता दें कि बीजेपी की रमन सरकार के कार्यकाल में आयोजित हुए ग्लोबल इन्वेस्टमेंट मीट (Global Investment Meet) में हुए एमओयू को लेकर कांग्रेस लगातार सवाल खड़े करती रही है. सवाल इसलिए भी उठे थे क्योंकि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार (BJP government) में साल 2012 में ग्लोबल इन्वेस्टमेंट मीट का आयोजन किया गया था. नया रायपुर (Naya Raipur) में पूरे तामझाम के साथ हुए इस आयोजन पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए गए. देश के कई बड़े उद्योगपतियों के साथ कई देशों के राजदूत भी इस मीट में पहुंचे. 275 एमओयू अलग-अलग सेक्टर में निवेश के लिए किए गए थे. दावा यह भी किया गया था कि, 8 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा लेकिन इनमें से ज्यादातर एमओयू पर कार्रवाई शुरू नहीं हुई. जिस पर कांग्रेस ने लगातार रमन सरकार (Raman government) पर निशाना साधा था. हालांकि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने भाजपा सरकार के समय किए गए कई एमओयू को रद्द कर दिया.

अब देखने वाली बात है कि, कांग्रेस सरकार द्वारा बुलाए जा रहे. इस इन्वेस्टर मीट का क्या परिणाम होता है. और भाजपा इसे किस रूप में देखती है क्योंकि भाजपा शासनकाल में इन्वेस्टर मीट के दौरान किए गए कई एमओयू को कांग्रेस सरकार ने रद्द कर दिया है. अब खुद कांग्रेस सरकार इन्वेस्टर मीट बुलाकर उद्योगपतियों से एमओयू करने जा रही है. भाजपा इस मुद्दा बनाने से पीछे नहीं रहेगी

Last Updated : Sep 3, 2021, 10:07 PM IST
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